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इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू

इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू अध्याय -16

इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू (डिस्कवरी ऑफ़ इंडिया की डिस्कवरी) पुस्तक से .. (अध्याय -16 ) डॉ राकेश कुमार आर्य भारत में मांसाहार और नारी का सम्मान वैदिक संस्कृति के प्रति पूर्णतया उपेक्षित भाव रखने वाले नेहरू जी अपनी उक्त पुस्तक द डिस्कवरी ऑफ इंडिया के पृष्ठ 128 पर लिखते हैं कि- “शिकार एक बाकायदा […]

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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

‘संस्कृति नाशकों’ के विरुद्ध हिन्दू राजवंशों का ‘राष्ट्रीय संकल्प’ 

भारत के 1235 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास (भाग-1) वे थमे नहीं, हम थके नहीं अध्याय – 2 डाँ० राकेश कुमार आर्य हिंदू शक्ति के बिखराव के इस काल को यद्यपि हम अच्छा नहीं मानते, पर फिर भी इस काल में विदेशी ‘संस्कृति नाशक’ इस्लामिक आक्रांताओं को देश में न घुसने देने का ‘राष्ट्रीय संकल्प’ […]

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इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू

इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू अध्याय – 15

इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू (डिस्कवरी ऑफ इंडिया की डिस्कवरी) अध्याय – 15 महाकाव्य और खयाली इतिहास डॉ राकेश कुमार आर्य हम सभी जानते हैं कि जिस समय राम मंदिर आंदोलन चल रहा था और राम जन्मभूमि का मामला न्यायालय में भी विचाराधीन था तो उस समय कांग्रेस ने किस प्रकार रामायण और राम को […]

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इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू

इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू (अध्याय – 14)

डॉ राकेश कुमार आर्य इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू (डिस्कवरी ऑफ इंडिया की डिस्कवरी) अध्याय – 14 तब था धरती पर अंधकार नेहरू जी द डिस्कवरी ऑफ इंडिया अर्थात हिंदुस्तान की कहानी नामक अपनी पुस्तक के पृष्ठ 101 पर मैक्स मूलर के इस कथन को भारत के संदर्भ में बड़े गर्व के साथ लिखते हैं […]

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भारत के 1235 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

आत्मगौरव और स्वतंत्रता के भाव से पूरित विभिन्न हिन्दू राजवंश

भारत के 1235 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास – भाग – 426 वे थमें नहीं, हम थके नहीं अध्याय-1 डॉ राकेश कुमार आर्य स्वामी विवेकानंद और योगी अरविंद का मत रहा है कि भारत की शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य अपने देश की विरासत की आध्यात्मिक महानता पर बल देना और उसे बनाए रखने के लिए […]

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डॉ राकेश कुमार आर्य की लेखनी से देश विदेश

चिकन नेक, बांग्लादेश, चीन और भारत

डॉ राकेश कुमार आर्य बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद मोहम्मद यूनुस का वहां की सत्ता पर काबिज होना मात्र संयोग नहीं था। इसके पीछे वे सभी भारत विरोधी शक्तियां काम कर रही थीं जो भारत को घेरकर रखने में अपनी भलाई समझती हैं। भारत विरोधी शक्तियों की इसी मानसिकता के चलते मोहम्मद यूनुस के […]

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डॉ राकेश कुमार आर्य की लेखनी से

जाति और धर्म बनाम राष्ट्र

भारत में जाति आधारित जनगणना और धर्म आधारित आरक्षण की मांग रह-रहकर उठती रहती है। देश के अधिकांश नेता ऐसे हैं जो ‘ जाति’ शब्द का अर्थ नहीं जानते। इतना ही नहीं, उन्हें ‘ धर्म’ का भी अर्थ ज्ञात नहीं है । जाति आधारित जनगणना और धर्म आधारित आरक्षण की मांग वास्तव में अंधेरे में […]

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कविता

श्रम करो – पुरुषार्थ करो

संघर्ष करो – संघर्ष करो, जीवन ज्योति प्रदीप्त करो। संग्राम क्षेत्र यह जीवन है, यहां अपने को उद्दीप्त करो ।। रुक जाना नहीं जीवन होता, जीवन चलते जाना है। काम पथिक का चलते रहना, रुकना ही मिट जाना है ।। श्रम करो – पुरुषार्थ करो , यही सनातन कहता है। विश्राम नहीं, थकने से पहले […]

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इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू

इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू (अध्याय – 13)

डॉ. राकेश कुमार आर्य (डिस्कवरी ऑफ इंडिया की डिस्कवरी) पुस्तक से … वेद मानव द्वारा निर्मित वेदों को लेकर भारतीय ऋषियों की मान्यता रही है कि यह सृष्टि प्रारंभ में ईश्वर प्रदत्त ज्ञान है। जो कि सृष्टि को सुव्यवस्थित ढंग से चलाने के लिए दिया गया। इनमें धर्म की व्यवस्था है। भारतीय ऋषियों की इस […]

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डॉ राकेश कुमार आर्य की लेखनी से व्यक्तित्व

प्रधानमंत्री मोदी और ‘वटवृक्ष’ आरएसएस

डॉ राकेश कुमार आर्य देश का सबसे बड़ा अराजनीतिक संगठन अर्थात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ देश के प्रमुख शहर नागपुर से संचालित होता है। प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 में देश का प्रधानमंत्री बनने के पश्चात पहली बार संघ के नागपुर स्थित कार्यालय का दौरा किया है। प्रधानमंत्री का यह दौरा इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है […]

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