डॉ डेलोन नाम के एक फ्रेंच नागरिक को गोवा के पवित्र न्यायाधिकरण में 2 वर्ष कठोर कारावास का दंड भुगतना पड़ा था। इस दंड के लिए उनका अपराध केवल इतना था कि उन्होंने एक युवक से सेंट एंथोनी की मूर्ति बांह से हटाने के लिए कह दिया था, क्योंकि डॉ डेलोन को उस युवक की […]
लेखक: डॉ॰ राकेश कुमार आर्य
मुख्य संपादक, उगता भारत
रामस्वरूप रावतसरे केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम 2010 (एफसीआरए) के तहत पंजीकरण रद्द करने या नवीनीकरण से इनकार करने के कुछ कारणों को सूचीबद्ध कर एक नोटिस जारी किया है। इसमें ‘विकास विरोधी गतिविधियों, जबरन धर्मांतरण और देश विरोधी प्रदर्शन आदि में शामिल होने को बतौर कारण दर्ज किया गया है। इस […]
द्वीप पर मुगल सेना का आक्रमण राजाराम महाराज अपनी ओर से पूर्ण सावधानी बरतते हुए यद्यपि तुंगभद्रा के तट तक पहुँच गए थे, परंतु शत्रु भी उनका पीछा करता आ रहा था। अतः राजा का सावधान रहना बहुत आवश्यक था। पता नहीं शत्रु कब उन पर अपनी ओर से आक्रमण कर दे? ऐसी ही स्थिति, […]
अकवन का पौधा और उसके औषधीय गुण
#अकवन अकवन को हिंदी में मदार कहते हैं और इसे एक जहरीले पौधे के रूप में जाना जाता है। मदार का पौधा किसी जगह पर उगाया नहीं जाता है। यह पौधा अपने आप ही कहीं पर भी उग जाता है हालांकि यह पौधा अपने आप में औषधीय गुणों से लबरेज है। मदार का वैज्ञानिक नाम […]
छत्रपति संभाजी महाराज का जिस प्रकार मुगलों ने निर्दयता और क्रूरता के साथ वध कर दिया था, उसके परिणामस्वरूप मराठा साम्राज्य के सामने कई प्रकार के प्रश्न आ खड़े हुए थे। सर्वप्रथम स्वराज्य की रक्षा के लिए चल रहे संघर्ष को यथावत बनाए रखने के लिए एक योग्य उत्तराधिकारी के ढूँढने का प्रश्न था, क्योंकि […]
महात्मा गांधी से भी पहले सत्याग्रह को भारतीय स्वाधीनता संग्राम का हथियार बना देने वाले विजय सिंह पथिक भी क्रांतिकारी साहित्यकारों की श्रेणी के महान् व्यक्तित्व थे। पथिक जी क्रांतिकारी व सत्याग्रही होने के अलावा कवि, लेखक और पत्रकार भी थे। अजमेर से उन्होंने नव संदेश और राजस्थान संदेश के नाम से हिन्दी के अखबार […]
है धनियों से भी श्रेष्ठ धनी तू,
हे मानव ! बैठ अकेले में, चिंतन कर कुछ चिंतन कर, में कौन कहां से आया हूं ? मंथन कर कुछ मंथन कर।। आने से पहले जगती में, जो वचन दिया था ईश्वर को। वचन का सुमिरण कर प्यारे , क्यों मूर्ख बनाता है नर को ? यह देह अनमोल मिला तुझको, श्वासों का कोष […]
शिवाजी के पश्चात उनके पुत्र संभाजी महाराज ने उनके उत्तराधिकारी के रूप में गद्दी संभाली। इतिहासकारों का मानना है कि संभाजी महाराज यद्यपि अपने पिता शिवाजी महाराज की भांति तो संघर्षशील और साहसी नहीं थे, परंतु फिर भी उन्होंने इतिहास में अपना विशिष्ट और महत्वपूर्ण स्थान बनाया। उन्होंने भी अपने पिता के पदचिन्हों पर चलने […]
चिंतन कर कुछ चिंतन कर,
हे मानव ! बैठ अकेले में, चिंतन कर कुछ चिंतन कर, में कौन कहां से आया हूं ? मंथन कर कुछ मंथन कर।। आने से पहले जगती में, जो वचन दिया था ईश्वर को। वचन का सुमिरण कर प्यारे , क्यों मूर्ख बनाता है नर को ? यह देह अनमोल मिला तुझको, श्वासों का कोष […]
*महमूद गजनवी और तालिबान
जब हम मध्यकाल में मुस्लिम आक्रमणकारियों के आक्रमणों के बारे में पढ़ते हैं तो अक्सर यह प्रश्न हमारे अंतर्मन में उठता है कि विदेशी आक्रमणकारियों के आक्रमण के समय देश के राजनीतिक केंद्रों के रूप में मान्यता प्राप्त रहे किलों की अपेक्षा धार्मिक आस्था के केंद्र हमारे मंदिर ही क्यों लूटे गए? यदि इस प्रश्न […]