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कविता

ऋषि मुनियों की भूमि भारत

ऋषि मुनियों की भूमि भारत, मानवता की रही उपासिका। वेद के गीत सुनाती हमको, प्रेम स्नेह की रही साधिका।। राष्ट्र का बोध कराती हमको, प्रेम के भाव जगाती है। अपनी संतति मान सभी को, प्रेम से गले लगाती है।। ऊंचाई हमारे भावों में भर, हृदय को पवित्र बनाती है। सत्व- भाव का सेतु बनकर, जीवन […]

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भारत के 1235 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास

उत्तरकालीन पेशवा

भारत के 1235 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास …. (हिन्दवी स्वराज के संस्थापक शिवाजी और उनके उत्तराधिकारी पुस्तक से .. अध्याय-14) पेशवा नारायणराव माधवराव प्रथम के पश्चात मराठा साम्राज्य दुर्बल होने लगा, क्योंकि उसके पश्चात इस साम्राज्य की संरक्षा व सुरक्षा के लिए कोई मजबूत इच्छाशक्ति वाला पेशवा इस साम्राज्य को नहीं मिला। माधवराव की […]

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आओ कुछ जाने संपादकीय

बड़ा दिन अर्थात भीष्म पितामह का निर्वाण पर

महाभारत का युद्घ संसार का प्राचीन काल का विश्व युद्घ था। इस युद्घ को कुछ लोगों ने भारतीय इतिहास को अंधकारमयी सिद्घ करने के लिए काल्पनिक करार दिया। लेकिन वैज्ञानिक शोधों से अब प्रमाणित हो चुका है कि महाभारत का युद्घ हुआ था। अब प्रश्न ये आता है कि यह युद्घ हुआ कब? सचमुच जानने […]

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आओ कुछ जाने इतिहास के पन्नों से

समाज को किसने तोड़ा ?

इतिहास की पड़ताल पुस्तक से (अध्याय-15) 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के दृष्टिगत सपा ब्राह्मणों को लुभाने का हर संभव प्रयास कर रही थी। इसी के चलते सपा समर्थक एक पूर्व आईएएस और इतिहासकार ने एक पोस्ट लिखी थी कि ब्राह्मणों ने समाज को तोड़ा नहीं बल्कि जोड़ा है। इसे पढ़कर कई लोगों को […]

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संपादकीय हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

स्वामी श्रद्धानंद जी की हत्या, सावरकर और गांधी

(23 दिसंबर को बलिदान दिवस पर विशेष) सफल वक्ता वही होता है जो श्रोताओं को अपनी बात से सहमत और संतुष्ट तो कर ही ले साथ ही उसकी भाषण कला ऐसी हो जिससे लोग वही कुछ करने के लिए प्रेरित और आंदोलित भी हो उठें जिसे वह वक्ता उनसे कराना चाहता है। भाषण के अंत […]

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कविता

जब बारूद की खेती सस्ती हो

प्रेम सुधा रस पीता चल, भारत को भव्य बनाता चल। प्रेम की गगरी छलके ना, सोच को दिव्य बनाता चल।। गहरे – गहरे घाव बने हैं, राज भी गहरे लगते हैं। आठ दशक होने को आए, क्यों देश में पहरे लगते हैं ? शांति – शांति चिल्लाते हैं, पर बीज रक्त के बोते हैं। ऐसे […]

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कविता

आनंद बने जीवन परिभाषा

विश्व-परिवार समझ अपना, आर्यत्व हृदय में वास करे। देवत्व प्राप्ति हेतु मन में, श्रेष्ठत्व भाव सदा प्रवास करे।। दूर हटा और दूर हटा, घृणा के भाव बसे मन में। सहज प्रवाह में बहता चल, आनंद मिलेगा जीवन में।। जीवन की ज्योति जलती रहे, दूर हताशा हो मन की। श्रृंगार हृदय का करने को , उत्साह […]

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संपादकीय

प्रतिहार वंशी शासकों और भारतीय संस्कृति के बारे में विद्वानों के मत

राणा अली हसन चौहान क्या कहते हैं ? राणा अली हसन चौहान पाकिस्तान के बहुत ही प्रतिष्ठित इंजीनियर, इतिहास लेखक और भाषाविद रहे हैं। वे उन कम पाकिस्तानियों में से हैं जो उर्दू, फारसी, अरबी के अलावा सिंधी, पंजाबी तथा हिंदी व संस्कृत में भी पारंगत थे। वे नागरी लिपि के एक बड़े प्रवर्तकों में […]

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संपादकीय

महापुरुषों का ये वर्गीकरण घातक होगा

संसार के जितने भी मत, पंथ, संप्रदाय हैं, उनका कोई ना कोई महापुरुष हुआ है। जिसे किसी संप्रदाय विशेष का प्रवर्तक कहा जा सकता है। संप्रदायों के इन प्रवर्तकों को लेकर लोगों ने उनकी चित्र पूजा आरंभ की। धीरे-धीरे जो महापुरुष जन कल्याण के लिए संसार में आया था, वह किसी विशेष वर्ग या संप्रदाय […]

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इतिहास के पन्नों से

राजा सुहेलदेव और प्रधानमंत्री श्री मोदी

इतिहास की पड़ताल पुस्तक से ….  (अध्याय-14 ) आज हमारे देश का इतिहास करवट ले रहा है और कुछ सीमा तक उसे करवट दिलवाई भी जा रही है। हमारे ऐसा कहने का अभिप्राय है कि जब हम विश्व नेतृत्व की स्थिति में आते जा रहे हैं और विश्व को कोरोना वैक्सीन देने सहित कई क्षेत्रों […]

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