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स्वर्णिम इतिहास

जब गांधी जी और उनकी कांग्रेस को सरदार भगत सिंह और उनके साथियों ने कहा था कायर , भाग — 2

  कांग्रेस की निंदनीय कार्यशैली इस बीच कांग्रेस क्या कर रही थी ? उसने अपना ध्येय स्वराज्य से बदलकर पूर्ण स्वतन्त्रता घोषित किया। इस घोषणा से कोई भी व्यक्ति यही निष्कर्ष निकालेगा कि कांग्रेस ने ब्रिटिश शासन के विरुद्ध युद्ध की घोषणा न कर क्रांतिकारियों के विरुद्ध युद्ध की घोषणा कर दी है। इस सम्बन्ध […]

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स्वर्णिम इतिहास

जब गांधी जी और उनकी कांग्रेस को सरदार भगत सिंह और उनके साथियों ने कहा था कायर , भाग — 1

26 जनवरी 1930 ई0 का दिन कांग्रेस के इतिहास में एक ऐतिहासिक दिन के रूप में अंकित है । क्योंकि इसी दिन पंजाब में रावी नदी के किनारे कांग्रेस के अध्यक्ष पंडित नेहरू के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने झंडा फहराकर पूर्ण स्वाधीनता का संकल्प लिया था । कांग्रेस के कार्यकर्ता सर्वत्र हर्षोल्लास व्यक्त कर रहे […]

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स्वर्णिम इतिहास

है गौरवशाली इतिहास हमारा : सोमनाथ के मंदिर के विध्वंस का ले लिया गया था साथ के साथ प्रतिशोध

महमूद गजनवी द्वारा सोमनाथ के मंदिर को तोड़े जाने की घटना 1026 ईस्वी की है । इसके बारे में अक्सर यह कहा जाता है कि महमूद गजनवी आया और वह आराम से हमारे मंदिर को तोड़ कर चला गया । यहां के लोगों में और यहां के तत्कालीन राजनीतिक नेतृत्व में किसी प्रकार की कोई […]

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स्वर्णिम इतिहास

तैमूर लंग के सारे अत्याचारों का हिसाब पाक साफ कर दिया था हमारे वीर और वीरांगनाओं ने

गुर्जर प्रतिहार वंश के शासकों ने भारतवर्ष में उन हिंदुओं को फिर से शुद्ध कर स्वधर्म में दीक्षित किया था जो किन्ही कारणों से मुसलमान बन गए थे । इसी वंश के शासकों ने आज के सिंध से लेकर ईरान तक का सारा क्षेत्र शुद्धि अभियान के माध्यम से विदेशी मजहब अर्थात मुस्लिमों से खाली […]

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व्यक्तित्व

वैश्विक चिन्तन के धनी कवि : रामधारी सिंह ‘दिनकर’

क्रान्तदर्शी होना कवि का स्वाभाविक गुण है , उसकी प्रकृति है , उसे नैसर्गिक रूप से मिला हुआ एक वरदान है । कहने का अभिप्राय है कि क्रांतदर्शिता के अभाव में कोई व्यक्ति कवि नहीं हो सकता । जैसे विधाता की रचना और सृष्टा की सृष्टि का होना तभी संभव है , जब रचना और […]

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कविता

कविता : समर्थ भारत ही करेगा — – – – –

  भारतवर्ष कभी संपूर्ण भूमंडल पर राज्य करता था। जब मैं संसार के मानचित्र को देखता हूं और भारत के स्वर्णिम अतीत को देखता हूं तो अक्सर यह भाव मेरे हृदय में आते हैं कि संपूर्ण भूमंडल के यह सारे के सारे देश , इन देशों का इतिहास , इन देशों की संस्कृति – ये […]

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स्वर्णिम इतिहास

कालपी का ऐतिहासिक किला और 23 मई 1858 का वह बलिदानी दिवस

जब जब भी मई का महीना आता है तो प्रत्येक राष्ट्रभक्त भारतवासी के मन मस्तिष्क में 1857 की क्रांति के नायकों से जुड़ी वीर गाथाएं अनायास ही उभर आती हैं । 10 मई 1857 को उत्तर प्रदेश के मेरठ से इस क्रांति का शुभारंभ करने वाले क्रांतिवीर कोतवाल धनसिंह गुर्जर , महर्षि दयानंद , तात्या […]

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स्वर्णिम इतिहास

रामायण और महाभारत का कम समय आंकने में गांधीजी का यह दुराग्रह भी एक कारण

  हमारे देश के इतिहास में विकृतिकरण से अधिक इतिहास का विलोपीकरण किया गया है । इतिहास के विलोपीकरण की यह षड्यंत्रकारी योजना जानबूझकर यूरोपियन देशों के इतिहास लेखकों , मुस्लिम इतिहास लेखकों के साथ-साथ कम्युनिस्ट विचारधारा के लेखकों ने बनाई है । विलोपीकरण की इस प्रक्रिया को पूरा करने के दृष्टिकोण से इन लोगों […]

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एक बहुत ही महत्वपूर्ण गीत

डॉ॰ राकेश कुमार आर्यमुख्य संपादक, उगता भारत लेखक सुप्रसिद्ध इतिहासकार और भारत को समझो अभियान समिति के राष्ट्रीय प्रणेता है

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स्वर्णिम इतिहास

भारत के सांस्कृतिक वैभव का प्रतीक : विश्व का सबसे बड़ा विष्णु मंदिर – अंकोरवाट

  भारत एक गौरवपूर्ण विश्व धरोहर का नाम है । विश्व के अतीत से भारत को निकाल दो तो यह सत्य है कि समस्त संसार के पास फिर ऐसा कुछ भी नहीं रहेगा जिस पर उसे गर्व और गौरव हो सकता हो । वैदिक सृष्टि संवत के अनुसार अभी तक हमारा यह सूर्य और हमारी […]

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