अक्टूबर 2017 में बीबीसी ने उपरोक्त शीर्षक से एक समीक्षा भारत के इतिहास के संबंध में प्रस्तुत की थी । जिसमें उसने यह स्थापित करने का प्रयास किया था कि भारत में मुगलों से पहले ऐसा कोई शासक नहीं हुआ जिसने देश की जीडीपी को बढ़ाने के लिए और लोगों के आर्थिक स्तर को ऊंचा […]
Author: डॉ॰ राकेश कुमार आर्य
मुख्य संपादक, उगता भारत
लेखक सुप्रसिद्ध इतिहासकार और भारत को समझो अभियान समिति के राष्ट्रीय प्रणेता है
।संपूर्ण क्रांति दिवस। महान समाजवादी आंदोलन के नायक जेपी ने 5 जून को संपूर्ण क्रांति का नारा दिया था। जेपी, लोहिया, जार्ज, चंद्रशेखर जैसे महान समाजवादी विभूतियों ने संपूर्ण क्रांति के नारे के साथ संकल्प लिया था समाजवाद का।। समाजवादी विभूतियों ने वंशवाद, परिवारवाद को लोकतंत्र के लिए कैंसर से ज्यादा खतरनाक बिमारी बताया था। […]
वर्त्तमान विश्व का सबसे बड़ा दुर्भाग्य यह है कि आजकल जितनी भी राजनीतिक विचारधाराएं हैं , वह सब की सब ‘येन केन प्रकारेण’ अपने – अपने देश की सत्ता पर कब्जा करने की युक्तियां खोजती रहती हैं । तर्क यह दिया जाता है कि राजनीतिक स्वतंत्रता के नाम पर ऐसा कुछ भी करने का किसी […]
पर्यावरण प्रकृति का हिस्सा है|प्रकृति व पर्यावरण एक दूसरे के पूरक हैं |प्रकृति के बिना पर्यावरण की परिकल्पना नहीं की जा सकती|प्रकृति दो शब्दों से मिलकर बनी है – प्र और कृति|प्र अर्थात प्रकृष्टि (श्रेष्ठ/उत्तम) और कृति का अर्थ है रचना |ईश्वर की श्रेष्ठ रचना अर्थात सृष्टि|प्रकृति से सृष्टि का बोध होता है |प्रकृति अर्थात […]
चीन का इतिहास एक बहुत ही कमजोर देश का इतिहास रहा है बहुत कम ऐसे युद्ध रहे हैं जिन्हें चीन ने जीता हो । मंगोलिया जैसा एक छोटा सा देश इस विशाल देश को जब निरंतर कई शताब्दी तक पीटता रहा तो इसने अपनी महान दीवार का निर्माण किया । चीन की महान दीवार चीन […]
संसार में चीन एक कम्युनिस्ट देश है । यहां की कुल जनसंख्या के 91% लोग बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं। यद्यपि कम्युनिस्ट सरकार ने यहां पर किसी भी धर्म को न मानने की अनिवार्यता घोषित कर रखी है । कम्युनिस्ट पार्टी के 9 करोड़ से अधिक कार्यकर्ताओं के लिए यह कड़े निर्देश हैं कि वह […]
3 जून 1947 की वह घटना जब कांग्रेस ने किये थे देश के बंटवारे पर हस्ताक्षर । आज उस घटना को घटित हुए 73 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं । दुर्भाग्य का विषय है कि आज भी कांग्रेस और देश तोड़ने वाली शक्तियों में वैसा ही समन्वय है जैसा 1947 में था। लगता है हमने […]
भारत की सफल होती कूटनीति ,पर – – – –
जब विश्व में गुटनिरपेक्ष आंदोलन अपने चरम पर था , तब कर्नल गद्दाफी ने उस आंदोलन के बारे में कहा था कि इस संगठन से यदि भारत को निकाल दिया जाए तो यह नपुंसकों की चौपाल मात्र है । सचमुच उस संगठन के बारे में कर्नल गद्दाफी का यह कहना सर्वथा उचित ही था । […]
धर्म निरपेक्षता और धार्मिक स्वतंत्रता का चीर हरण आखिर कबतक ?? प्रभाकर चौबे राष्ट्रीयअध्यक्ष सनातन धर्म उत्थान समिति! सनातनधर्म की व्याख्याकार आर.एस.एस.,आर्यसमाजी, भाजपा ,काँग्रेस , कोई राजनीतिक दल या न्यायपालिका नहीं हो सकते .जिसने सभी सनातनधर्म शास्त्रों का अध्ययन किया हो .वेद ,उपनिषद,शास्त्रों ,स्मृतियों के साथ पुराणों का भी अध्ययन किया हो तपस्वी ,संन्यासी और […]
भारत के साथ व्यापार करने वाली ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना 31 दिसम्बर 1600ईस्वी में हुई थी। इसे कभी कभी जॉन कंपनी के नाम से भी जाना जाता था। इसे ब्रिटेन की महारानी ने भारत के साथ व्यापार करने के लिये 21 वर्षों तक की छूट दे दी थी । भारत की राजनीतिक परिस्थितियों […]