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संपादकीय

‘उगता भारत’ का संपादकीय : ऐतिहासिक तथ्यों के परिप्रेक्ष्य में भारत – नेपाल सीमा विवाद

चीन प्रारंभ से ही भारत को एशिया में दबाकर रखना चाहता रहा है । विश्व का नेतृत्व अपने हाथों में लेने के लिए वह हरसंभव यह प्रयास करता है कि भारत किसी भी रूप में उभरने न पाए । इसके लिए उसने पाकिस्तान को भारत के विरुद्ध हर समय उकसाने में कभी कोई कमी नहीं […]

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भारतीय संस्कृति

अधिकार से पहले कर्तव्य , अध्याय– 7, वर्णों के अनिवार्य कर्तव्य

भारत में ब्राह्मण , क्षत्रिय , वैश्य और शूद्र इन चार वर्णों की व्यवस्था की गई है । चारों ही वर्ण अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण हैं । प्राचीन काल में भारत वर्ष में गुण – कर्म – स्वभाव के अनुसार व्यक्ति को उसका वर्ण प्राप्त होता था । इनमें से पहले वर्ण ब्राह्मण को […]

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स्वर्णिम इतिहास

गुर्जर वंश का गौरवशाली इतिहास, अध्याय — 12 , अरबों के आक्रमण के समय भारत की स्थिति

स्वामी विवेकानंद और योगी अरविंद का मत रहा है कि – “भारत की शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य अपने देश की विरासत की आध्यात्मिक महानता पर बल देना और उसे बनाए रखने के लिए हमारे दायित्व के निर्वाह पर बल देना होना चाहिए । जिससे हम विश्व को प्रकाश का मार्ग दिखा सकें। यदि आध्यात्मिकता भारत […]

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संपादकीय

हिंदुओं ! मेवात दिखा रहा है तुम्हें आईना

  इस देश के तथाकथित सनातनी हिंदू ने अभी अपनी परंपरागत नींद को त्यागा नहीं है । इसने सोते-सोते अफगानिस्तान , पाकिस्तान , बांग्लादेश , ईरान , इराक , अरब और कभी के जंबूद्वीप कहे जाने वाले आज के यूरेशिया के उन अनेक देशों , भौगोलिक स्थानों , भूखंडों को पानी के भाव बहा दिया […]

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इतिहास के पन्नों से

भारत में मंदिरों की लूट : नेहरू की धर्मनिरपेक्षता पर आंसू बहाता अनंतनाग का सूर्य मंदिर

भारत में ही नहीं सारे विश्व में भी इस्लाम को मानने वाले लुटेरे बादशाह , सुल्तान या आक्रमणकारी जहाँ जहाँ भी गए , वहाँ – वहाँ ही उन्होंने स्थानीय लोगों के धार्मिक स्थलों का विध्वंस करना अपनी प्राथमिकता में सम्मिलित किया । इसका कारण केवल एक ही था कि इस्लाम को मानने वाले लोग पहले […]

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स्वर्णिम इतिहास

गुर्जर वंश का गौरवशाली इतिहास , अध्याय — 11, अरबों से पूर्व भारतीय इतिहास का संक्रमण काल और गुर्जर

  भारत के इतिहास लेखन में जानबूझकर सबसे बड़ी चूक यह की गई है कि यहाँ के शासकों को विदेशी आक्रमणकारियों के विरुद्ध या तो पूर्णतया असावधान दिखाया गया है या फिर इस प्रकार प्रदर्शित करने का प्रयास किया गया है कि जैसे उन्हें राष्ट्र और राष्ट्रधर्म की कोई चिंता नहीं थी । इसी धारणा […]

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भारतीय संस्कृति

अधिकार से पहले कर्तव्य , अध्याय — 5, ईश्वर के प्रति हमारे कर्तव्य

ईश्वर के प्रति हमारे कर्तव्य हमारा इस संसार में आना कोई आकस्मिक घटना नहीं है । इसके पीछे हमारे जन्म जन्मांतरों के संस्कार और प्रारब्ध का पूरा एक खेल है। जिसके परिणाम स्वरूप ईश्वर ने हमें यह मानव जन्म दिया है । ईश्वर ने संसार के समग्र ऐश्वर्यों को केवल हम मनुष्यों को ही भोगने […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र

ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर सिर टेकता मूर्ख हिंदू

अजमेर की दरगाह में दफन ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती एक ऐसा मुसलमान था जिसने अपने जीते जी हिंदुओं के प्रति धर्मांधता की नीति अपनाई और जितना हिंदुओं को काट सकता था उतना उसने काटा । इसके उपरांत भी हिंदू की मूर्खता देखिए कि ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर चादर चढ़ाने वालों में सबसे अधिक हिंदू […]

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स्वर्णिम इतिहास

मुस्लिम शासक भारत के लिए धब्बा या गौरव? भारत की वास्तुकला और बीबीसी का दुष्प्रचार

बीबीसी ने अपने उक्त आलेख में यह भी लिखा है कि — “भारतीय इतिहास में मध्यकाल को देखने के अलग-अलग दृष्टिकोण रहे हैं । एक दृष्टिकोण वामपंथी इतिहासकारों का है। इनका मानना है कि मध्यकाल कई लिहाज़ से काफ़ी अहम था। वामपंथी इतिहासकारों का मानना है कि मध्यकाल में तेज़ी से शहरीकरण हुआ, स्थापत्य कला […]

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मुद्दा

मुस्लिम शासक भारत के लिए धब्बा या गौरव , भाग – 2

जावेद अख्तर सुनो ! सावरकर की वाणी जिस समय बीबीसी ने अपना उपरोक्त समीक्षात्मक परन्तु भ्रमात्मक लेख प्रकाशित किया था उसी समय इन विवादों के बीच फ़िल्मकार और गीतकार जावेद अख़्तर ने कई ट्वीट किए थे । उनके ट्वीट की जानकारी देते हुए बीबीसी ने ही लिखा था कि जावेद अख़्तर ने बीजेपी पर निशाना […]

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