Categories
भारतीय क्षत्रिय धर्म और अहिंसा स्वर्णिम इतिहास

भारतीय क्षत्रिय धर्म और अहिंसा ( है बलिदानी इतिहास हमारा ) ,अध्याय — 4 , सिकंदर और भारत का क्षत्रिय धर्म

सिकन्दर और भारत का क्षत्रिय धर्म महाभारत के युद्ध में अपने सगे – सम्बन्धी , मित्र , पुत्र- कलत्र को अपने सामने युद्ध के लिए खड़ा देखकर अर्जुन बहुत अधिक दुखी हो गया । अबसे पहले उसने यद्यपि कितनी ही बार अपने क्षत्रियपन का परिचय दिया था , परन्तु आज कुछ और ही बात थी […]

Categories
संपादकीय

राजनीति को ‘गुलाम चला रहे हैं या राजनीति गुलामों को हांक रही है ?

देश में पंजीकृत और अपंजीकृत हजारों राजनीतिक दल इस समय कार्यरत हैं। यद्यपि कुछ लोग देश में त्रिदलीय राजनीतिक व्यवस्था की बात करते हैं, परंतु राजनीतिक दलों की संख्या निरंतर बढ़ती ही जा रही है । निश्चय ही राजनीतिक दलों की संख्या में हो रही यह वृद्धि हम सब के लिए चिंता और चिंतन का […]

Categories
भारतीय क्षत्रिय धर्म और अहिंसा स्वर्णिम इतिहास

भारतीय क्षात्र धर्म और अहिंसा ( है बलिदानी इतिहास हमारा ) अध्याय –3

भारतीय राजधर्म और अहिंसा देश की वर्तमान परिस्थितियों पर यदि चिंतन किया जाए तो पता चलता है कि देश का नेतृत्व और विशेष रूप से अभी तक की कांग्रेस की सरकारें इस दुर्दशा के लिए उत्तरदायी हैं । किसी कवि ने ठीक ही तो कहा है :– न बिजली की अनाइतों से न बादे फसले […]

Categories
भारतीय क्षत्रिय धर्म और अहिंसा स्वर्णिम इतिहास

भारतीय क्षात्र धर्म और अहिंसा ( है बलिदानी इतिहास हमारा ) अध्याय — 2 , वैदिक राष्ट्र और अहिंसा

  वैदिक राष्ट्र और अहिंसा यजुर्वेद में एक सुन्दर ऋचा आयी है :– ओ३म आ ब्रह्मन् ब्राह्मणो ब्रह्मवर्चसी जायताम आ राष्ट्रे राजन्य: शूरऽइषव्योऽतिव्याधी महारथो जायतां दोग्ध्री धेनुर्वोढानड्वानाशु: सप्ति: पुरन्धिर्योषा जिष्णू रथेष्ठा: सभेयो युवास्य यजमानस्य वीरो जायतां निकामे निकामे न: पर्जन्यो वर्षतु फलवत्यो नऽओषधय: पच्यन्तां योगक्षेमो न: कल्पताम्।। -यजु० २२/२२ अर्थात हे सर्वाधार सर्वेश्वर सर्वव्यापक प्रभो […]

Categories
भारतीय क्षत्रिय धर्म और अहिंसा स्वर्णिम इतिहास

भारतीय क्षात्र धर्म और अहिंसा ( है बलिदानी इतिहास हमारा )

अध्याय 1 वैदिक धर्म और अहिंसा भारतवर्ष के पास उसका गौरवपूर्ण सांस्कृतिक इतिहास है । यह इतिहास भारत को शेष संसार से सर्वश्रेष्ठ सिद्ध करने के लिए पर्याप्त है। भारत की संस्कृति अनुपम है , अप्रतिम है । इसका अध्यात्मवाद अनोखा और निराला है , तो वेदज्ञान बेजोड़ और अद्वितीय है , जो कि संसार […]

Categories
स्वर्णिम इतिहास

निराशा भाव से भरे इस इतिहास को जला दो

शाहजहां और औरंगजेब के काल में जिस पश्चिम (यूरोपियन देशों के लोग ) से भारत पर नए आक्रमण की तैयारियां प्रारंभ होने लगी थी , भारत अब उनसे जूझने की तैयारियां करने लगा था। मुगल बादशाहों ने इन विदेशी लोगों की हिंदुओं के साथ क्रूरता के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की । समकालीन इतिहास का […]

Categories
इसलाम और शाकाहार

पेटा का स्पष्ट होता हिंदू विरोध और मुस्लिम प्रेम

आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार  PETA ने अभी हाल ही में हिन्दुओं के त्यौहार रक्षा बंधन पर मांस से परहेज करने की शिक्षा दी थी, लेकिन वही PETA बकरा ईद पर मुस्लिम समाज को कुर्बानी की सलाह देना, द्वारा तुष्टिकरण करने का प्रमाण दे रही है। हिन्दू स्वयंसेवी संस्थाओं का कर्तव्य है कि इस बात का संज्ञान लेकर हिन्दू […]

Categories
विश्वगुरू के रूप में भारत

विदेशियों ने भी गाए हैं भारत की महानता के गीत

  जो लोग भारत में इतिहास के गलत लेखन के माध्यम से या तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर अपनी मूर्खता का परिचय देते हुए यह लिखते नहीं थकते कि भारत पर पश्चिम के बहुत एहसान हैं और उन एहसानों के कारण ही भारत आज का भारत बन पाया है ? उन्हें पश्चिम के ही न्याय […]

Categories
संपादकीय

जब शास्त्री जी ने ले लिया था हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने का निर्णय

  भारत के विषय में यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण तथ्य है कि इस देश की आज तक कोई राष्ट्रभाषा नहीं है । कई लोगों को यह भ्रान्ति है कि हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है , परंतु वास्तव में हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा न होकर राजभाषा है और आज तक यह राजभाषा के दर्जे से आगे बढ़कर राष्ट्रभाषा […]

Categories
राजनीति

सचिन पायलट का ‘पत्ता साफ’ करके भी कांग्रेस में भय क्यों बना हुआ है ?

कांग्रेस में ‘ दरबार और परिवार’ का दबदबा अब समाप्ति के कगार पर है । राहुल गांधी स्वयं ही इस सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी के पतन का और दबाने का कारण बनेंगे । उनके लिए किसी ‘भाजपा’ या किसी ‘मोदी’ की आवश्यकता नहीं है । सारी कांग्रेस पार्टी एक ‘बच्चे’ को संभालने में लगी हुई […]

Exit mobile version