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कविता

कविता : पूज्य राम तुम बने

पूज्य राम तुम बने समता नहीं है राम की इहलोक व परलोक में। शीश झुकाये सब खड़े विधिलोक- सुरलोक में।। साज सृष्टि का सजा व जगत जब तक चल रहा, गुणगान होता ही रहे भूलोक और सूर्यलोक में।। दिव्य दिवाकर देव बन दुख दूर किये स्वदेश के । सूर्यसम मर्यादा में रह जग के दूर […]

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महत्वपूर्ण लेख संपादकीय

‘उगता भारत’ का संपादकीय : भारत की अपेक्षाओं पर खरा उतरती है मोदी सरकार की शिक्षा नीति ?

केंद्र की मोदी सरकार ने अपनी नई शिक्षा नीति लागू कर दी है । इस शिक्षा नीति पर अनेकों शिक्षाशास्त्रियों, समाजशास्त्रियों, विद्वानों और मनीषियों ने अपने-अपने ढंग से लिखा है । अनेकों विद्वानों ने इसके समर्थन में लिखा है तो कुछ ने इसकी आलोचना की है ।वास्तव में किसी भी देश की शिक्षा नीति उसके […]

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इतिहास के पन्नों से भयानक राजनीतिक षडयंत्र

इतिहास पर गांधीवाद की छाया , अध्याय — 3 गांधीजी और उनकी अहिंसा

अहिंसा और गांधीजी महात्मा गांधी की अहिंसा को लेकर आरम्भ से ही वाद विवाद रहा है। इसमें कोई सन्देह नही कि अहिंसा भारतीय संस्कृति का प्राणातत्व है। पर यह प्राणतत्व दूसरे प्राणियों की जीवन रक्षा के लिए हमारी ओर से दी गयी एक ऐसी गारंटी का नाम है, जिससे सब एक दूसरे के जीवन की […]

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इतिहास के पन्नों से भयानक राजनीतिक षडयंत्र

इतिहास पर गांधीवाद की छाया , अध्याय – 2 , जलियांवाला बाग हत्याकांड पर गांधीजी देशवासियों के साथ नहीं थे

सन 1919 में भारतीय इतिहास में जलियांवाला बाग हत्याकाण्ड की एक बहुत ही निर्दयतापूर्ण घटना घटित हुई थी। उस समय देश के लोगों की एक स्वर से मांग थी कि नरसंहार के खलनायक जनरल डायर पर अभियोग चलाया जाए । लोगों का आक्रोश उफ़न रहा था और जिन लोगों ने इस हत्याकाण्ड में अपने बलिदान […]

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इतिहास के पन्नों से

इतिहास पर गांधीवाद की छाया : अध्याय -1 , महात्मा गांधी का आदर्श औरंगजेब था शिवाजी नहीं

गांधीजी का आदर्श औरंगजेब है 06 दिसम्बर 2017 को ‘बीबीसी’ ने एक लेख ‘औरंगजेब और मुगलों की तारीफ क्यों करते थे- महात्मा गांधी’ – शीर्षक से प्रकाशित किया। इस लेख में ‘बीबीसी’ ने बताया कि गांधीजी के औरंगजेब और मुगल शासकों के प्रति बहुत ही नेक विचार थे। वह उनके धर्मनिरपेक्ष विचारों के प्रशंसक थे […]

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संपादकीय

उगता भारत का संपादकीय : नए संसद भवन के निर्माण में इन बातों का भी रखा जाए ध्यान

*संसद भवन के भीतर ही हो राज भवन, जिसमें संसदीय सत्र के चलने के समय राष्ट्रपति के रुकने का हो प्रबंध । * धर्म सभा या न्याय सभा का भी किया जाए प्रावधान। ………………………………… देश की नई संसद के निर्माण के लिए इस समय प्रक्रिया बड़े जोरों पर है । वर्तमान संसद भवन आगामी 2 […]

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भारतीय क्षत्रिय धर्म और अहिंसा स्वर्णिम इतिहास

मेरी पुस्तक ‘भारतीय क्षत्रिय धर्म और अहिंसा’ ( है बलिदानी इतिहास हमारा ) अब छपकर हुई तैयार

इस पुस्तक का उपसंहार इस प्रकार है :- स्वाधीनता प्राप्ति के पश्चात भारत जब अपने वर्तमान दौर में प्रविष्ट हुआ तो भारत की सत्ता की कमान गांधीजी के राजनीतिक शिष्य नेहरू जी के हाथों में आई। दुर्भाग्यवश नेहरु जी ने भारत की छद्म अहिंसा को इस देश का मौलिक संस्कार बनाने का प्रयास किया । […]

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राजनीति

चुनावों के मद्देनजर हिंदू मतदाताओं को खुश करने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लिया अहम फैसला

पश्चिमी बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिन्दू मतदाताओं को साधने के लिए अब चुनावी चाल चलकर एक नया फैसला लिया है । बनर्जी सरकार ने घोषणा की है कि अब मंदिरों में काम करने वाले पुजारियों को प्रत्येक महीने ₹1000 दिए जाएंगे । इस योजना के तहत 8 हजार पंडितों को ये लाभ मिलेगा. […]

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संपादकीय

स्वतंत्र भारत में गांधीवादी कांग्रेस के काले कारनामे

1885 में कॉन्ग्रेस का जन्म हिन्दू विरोध और राष्ट्रविरोध की भावना से प्रेरित होकर किया गया था। ए0ओ0 ह्यूम नाम के एक अंग्रेज ईसाई द्वारा जब इस संगठन की स्थापना की गई थी तो इसने प्रारम्भ से ही हिन्दू विरोधी और राष्ट्रविरोधी नीति का अनुसरण किया । दुर्भाग्य से यही दोनों अवगुण इसके कुसंस्कार बन […]

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भाषा

हिंदी को भी चाहिए संक्रमण से मुक्ति

-विनोद बंसल किसी राष्ट्र को समझना हो तो उसकी संस्कृति को समझना आवश्यक है. उसकी संस्कृति को समझने हेतु वहां की भाषा का ज्ञान भी आवश्यक है. विश्व के लगभग सभी देशों की अपनी अपनी राजभाषाएँ हैं जिनके माध्यम उनके देशवासी परस्पर संवाद, व्यवहार, लेखन, पठन-पाठन इत्यादि कार्य करते हैं. स्वभाषा ही व्यक्ति को स्वच्छंद […]

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