कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष और गांधीजी 1938 में हरिपुरा अधिवेशन के वार्षिक अधिवेशन के लिए सुभाष चंद्र बोस को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था । वास्तव में कांग्रेस के द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस को अध्यक्ष पद पर बैठाए जाने की यह घटना अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण थी ,क्योंकि इसके पश्चात तथाकथित ‘गांधी युग’ […]
Author: डॉ॰ राकेश कुमार आर्य
मुख्य संपादक, उगता भारत
लेखक सुप्रसिद्ध इतिहासकार और भारत को समझो अभियान समिति के राष्ट्रीय प्रणेता है
इतिहास पर गांधीवादी की छाया, अध्याय – 6 मुस्लिम तुष्टिकरण और गांधीजी लियोनार्ड मोसले के अनुसार भारत विभाजन के समय बड़े पैमाने पर हुई हिंसा के उपरान्त भी महात्मा गांधी ने कहा था- “चाहे पाकिस्तान में समस्त हिन्दू व सिख मार दिए जाएं, पर भारत के एक कमज़ोर मुसलमान बालक की भी रक्षा होगी ।” […]
गांधी जी के ‘सच’ को क्योंकि इतिहास ने छुपाने का ‘पाप’ किया है , इसलिए बहुत से लोग हैं जो गांधीजी के ‘सच’ पर लिखे गए किसी लेख पर बड़ी कठोर टिप्पणी किया करते हैं । इस विषय में उन्हें कुछ और अधिक जानकारी गांधीजी के विषय में लेनी चाहिए । गांधी जी अपने लिए […]
ओ३म् =========== हम मनुष्य हैं। परमात्मा ने हमें जन्म दिया है और हमें संसार का ज्ञान कराने के लिये पांच ज्ञान इन्द्रियां भी दी हैं जिनमें से एक नेत्र इन्द्रिय है। नेत्र से हम इस संसार को देखते हैं। यह संसार अनेक प्रकार के चित्र-विचित्रों से युक्त है। ऐसे ऐसे भव्य एवं सुन्दर चित्र संसार […]
जम्मू कश्मीर का अब्दुल्ला परिवार भारत के प्रति पहले से ही दोगला रहा है । इसका इतिहास यह बताता है कि इसने जुबान से चाहे जो कुछ बोला हो परंतु इसके अंतर में भारत को लेकर सदा कतरनी चलती रही है । शेख अब्दुल्ला हों चाहे फिर फारूक अब्दुल्ला हों या उमर अब्दुल्ला हों इन […]
कविता – आदर्श जीवन राम का
आदर्श जीवन राम का एक सन्देशा दे रहा आदर्श जीवन राम का । तन हमारा भी बने बस लोक के ही काम का।। विपदा खड़ी जो सामने वह सनातन है नहीं ; बुलबुले पानी में बनते शिकार होते नाश का।। जीवन के संग्राम में सेना सजाओ धर्म की । जीत निश्चित पाओगे है बात यही […]
वीर सावरकर जी कहा करते थे कि धर्मांतरण से मर्मान्तरण और मर्मांतरण से राष्ट्रांतरण होता है। इसलिए धर्मांतरण अपने आपमें एक बहुत बड़ी बीमारी है ।धर्म परिवर्तन व्यक्ति के मर्म का परिवर्तन कर देता है और वही व्यक्ति समय आने पर राष्ट्रद्रोही होकर राष्ट्र के विभाजन की मांग करने लगता है । यदि इस बात […]
ललित गर्ग राज्यसभा में विपक्ष द्वारा कृषि विधेयकों के विरोध प्रकट करने का असंसदीय एवं आक्रामक तरीका, सत्तापक्ष एवं विपक्ष के बीच तकरार, आठ सांसदों का निलंबन और इन स्थितियों से उत्पन्न संसदीय गतिरोध लोकतंत्र की गरिमा को धुंधलाने वाले हंै। अपने विरोध को विराट बनाने के लिये सार्थक बहस की बजाय शोर-शराबा और नारेबाजी […]
कभी खबर आती है कि मुगलों के वंशज इस समय बांग्लादेश में लिखता चला रहे हैं तो कभी अखबारों में फोटो छप जाता है एक तथाकथित मुगल शहजादे प्रिंस तूसी का जो अपने आपको मुगलों का उत्तराधिकारी बताते हैं । प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तूसी खुद को मुगलों का वंशज बताते हैं। ताजमहल को अपनी संपत्ति […]
गांधीजी और भगत सिंह की फांसी देश में कुछ लोग हैं जिनको गांधी की आलोचना पचाये नहीं पचती । ऐसे सज्जनों की जानकारी के लिए :बीबीसी’ की ओर से जारी की गई एक समीक्षा को हम यहां प्रेषित कर रहे हैं । जिसमें ‘बीबीसी’ ने यह स्पष्ट करने का प्रयास किया है कि गांधीजी ने […]