स्वतंत्र भारत में धर्मनिरपेक्षता की अवधारणा को जिस प्रकार अपने राजनीतिक चिंतन का मूल केंद्र बनाकर भारत ने आगे बढ़ना आरंभ किया वह हमारे देश के लिए बहुत ही घातक सिद्ध हुआ है । हमारे राजनीतिज्ञों ने स्वाधीनता प्राप्ति के तत्काल पश्चात मुस्लिम तुष्टीकरण का नाम ही धर्मनिरपेक्षता मान लिया । राजनीति के विषय […]
Author: डॉ॰ राकेश कुमार आर्य
मुख्य संपादक, उगता भारत
लेखक सुप्रसिद्ध इतिहासकार और भारत को समझो अभियान समिति के राष्ट्रीय प्रणेता है
असम के लोग तीन महान व्यक्तियों का बहुत सम्मान करते हैं। प्रथम, श्रीमंत शंकर देव, जो पन्द्रवीं शताब्दी में वैष्णव धर्म के महान प्रवत्र्तक थे। दूसरे, लाचित बरफूकन, जो असम के सबसे वीर सैनिक माने जाते हैं और तीसरे, लोकप्रिय गोपी नाथ बारदोलोई, जो स्वतन्त्रता संघर्ष के दौरान अग्रणी नेता थे। लाचित बरफूकन ‘अहोम […]
हमारे देश के लिए बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण तथ्य है कि यदि सरकारें अच्छा काम करती हैं तो उनका कुछ लोग विरोध करते हैं , परंतु उनके विरोध को शांत करने के लिए सरकार के समर्थन में सड़कों पर उतरना गलत माना जाता है । जबकि देश की मुख्यधारा में विश्वास रखने वाली देश की […]
गांधीवाद और डॉक्टर अम्बेडकर आजकल ‘सोशल मीडिया’ पर ऐसी पोस्ट अक्सर आपको पढ़ने को मिल जाएंगी जिनको देखकर लगता है जैसे डॉ अम्बेडकर जी मुस्लिम धर्म की मान्यताओं से बहुत अधिक सहमत थे और मुस्लिम व दलित समाज के लोग ही वास्तविक भारतीय हैं , शेष सभी लोग विदेशी हैं। ऐसी पोस्ट डालने वाले […]
एक पुरानी फिल्म “अदालत” का बहुचर्चित गीत “सब कुछ लुटा के होश में आये तो क्या किया…” कांग्रेस पर शत-प्रतिशत चरितार्थ हो रहा है। आज एक के बाद एक कांग्रेसी पार्टी के पतन पर जो चीख-पुकार कर रहे हैं, असली जिम्मेदार ये ही लोग हैं, जो सीताराम केसरी को अध्यक्ष पद से हटाकर सोनिया […]
भारत के राजनेताओं का यह कत्र्तव्य है कि वे चुनाव से पहले मतदाताओं को अर्थात् राष्ट्र को यह बतलाएँ कि उनकी दृष्टि में भारत का बल क्या है और भारत की निर्बलता या कमजोरी क्या है? साथ ही बल को बढ़ाने के लिए और कमजोरी को खत्म करने के लिए कौन से प्रभावकारी और […]
भारत के संविधान के आपत्तिजनक अनुच्छेदों पर यदि विचार किया जाए तो जहां भारत के विधानमंडलों के किसी प्रतिनिधि के लिए अर्हता या योग्यता की बात कही गई है , वहां पर केवल इतना कह दिया गया है कि :- 1 -वह भारत का नागरिक हो, 2 – दिवालिया घोषित ना हो 3 – 25 […]
-ः ललित गर्ग:- राष्ट्र-जीवन को ऊंचाई देनी है, इसलिए गहराई भी जरूरी है। बुनियाद जितनी गहरी होगी, राष्ट्र उतना ही ऊंचा और मजबूत बनेगा। यूं तो राष्ट्रीयता एवं सुरक्षा मूल्यों की श्रेष्ठता से जुड़ा हमारे राष्ट्र का चरित्र स्वयं आदर्श है पर एक साथ बहुत-सी अच्छाइयों का अभ्यास कठिन साधना है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसी […]
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर 17, 2020 को ब्रिक्स (BRICS) सम्मेलन को संबोधित किया। पीएम मोदी ने इस दौरान आतंकवाद को दुनिया की सबसे बड़ी समस्या बताते हुए नाम लिए बिना पाकिस्तान पर निशाना साधा। पीएम मोदी ने कहा, ”आतंकवाद आज विश्व के सामने सबसे बड़ी समस्या है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि […]
सरदार वल्लभ भाई पटेल के विशेष प्रयासों से पण्डित जवाहरलाल नेहरू के मंत्रीमण्डल ने सोमनाथ मन्दिर के जीर्णोद्धार का ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित किया था । यह बहुत बड़ी बात थी कि सरदार वल्लभभाई पटेल गांधीवादी पण्डित जवाहरलाल नेहरू को भी इस बात के लिए तैयार कर लिया था कि सोमनाथ मन्दिर का सरकारी व्यय […]