कहते हैं कि जब जहाज डूबने लगता है तो चूहे डूबते जहाज को छोड़कर भागने लगते हैं । बस, यही बात इस समय पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस में मची अफरा-तफरी को देखकर कही जा सकती है । तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बैनर्जी इस समय अपने राजनीतिक सफर के सबसे नाजुक दौर से […]
Author: डॉ॰ राकेश कुमार आर्य
मुख्य संपादक, उगता भारत
लेखक सुप्रसिद्ध इतिहासकार और भारत को समझो अभियान समिति के राष्ट्रीय प्रणेता है
इस देश को जन्मना प्यार करता है और यही कारण है कि हिंदू के नाम से ही हिंदुस्तान के रूप में जाने जाने वाले इस विशाल भूखंड को हिंदू अपने तन मन से प्यार करता है । यही बात प्रत्येक हिंदू विचारक ने अपने अपने समय पर कही है और अब सरसंघचालक मोहन भागवत […]
संसार को लोकतंत्र का पाठ पढ़ाने वाला भारत सबसे पहला और प्राचीन देश है । इसके उपरांत भी यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत की राजनीति आज भी कई प्रकार की विसंगतियों और जटिलताओं में जकड़ी हुई है । हम अभी भी संसार के सबसे बड़े लोकतंत्र तो हैं परंतु सबसे ‘परिपक्व लोकतंत्र’ अभी भी […]
कविता : नव वर्ष मंगलमय तुमको कहता
सत्य सनातन सर्वहितकारी आएगा जब चैत्र माह। नूतनता सर्वत्र दिखेगी हर्ष का होगा प्रवाह।। तब आप करेंगे अभिनंदन और मैं बोलूंगा नमन नमन। पसरेगी नूतनता कण-कण में मुस्काएंगे नयन नयन।। प्रतीक्षा करो उसकी बंधु अभी शरद यहां डोल रहा। अभी नूतनता का बोध नहीं अभी यहाँ पुरातन बोल रहा।। अभी इच्छा नहीं गले मिलन की […]
हमारे देश में ऐसे बहुत लोग हैं जो इस बात में विश्वास रखते हैं कि ”मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना” – इस प्रकार के ये लोग ‘तोता रटन्त’ की भांति इस पंक्ति को रट चुके हैं । लेकिन जब धर्म और राजनीति को एक साथ चलाने की बात की जाती है तो […]
असम सरकार ने देश के पंथनिरपेक्ष लोकतांत्रिक स्वरूप को बचाए रखने के लिए फिर एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है ।अभी तक की कांग्रेसी और सेकुलर सोच रखने वाली राजनीतिक पार्टियों की परंपरा से हटकर असम सरकार ने निर्णय लिया है कि असम में सरकारी मदरसों को बंद किया जाएगा । बात साफ है कि […]
काठमांडू । नेपाल में बढ़ते ‘भारत प्रेम’ के चलते चीन की नींद उड़ गई है । चीन पिछले कुछ समय से जिस प्रकार नेपाल को भारत के विरुद्ध उकसाने का काम कर रहा था और वहां के प्रधानमंत्री ओली जिस प्रकार भारत के विरुद्ध जहर उगलने का काम कर रहे थे उसमें अचानक आए अप्रत्याशित […]
हम यज्ञोपवीत क्यों पहनते हैं? भाग 2
जनेऊ संस्कार का समय : माघ से लेकर छ: मास उपनयन के लिए उपयुक्त हैं। प्रथम, चौथी, सातवीं, आठवीं, नवीं, तेरहवीं, चौदहवीं, पूर्णमासी एवं अमावस की तिथियां बहुधा छोड़ दी जाती हैं। सप्ताह में बुध, बृहस्पति एवं शुक्र सर्वोत्तम दिन हैं, रविवार मध्यम तथा सोमवार बहुत कम योग्य है। किन्तु मंगल एवं शनिवार निषिद्ध माने […]
जम्मू कश्मीर में कमल नहीं खिला है ,बल्कि राष्ट्रवाद मुखरित हुआ है । डीडीसी चुनावों ने यह स्पष्ट संकेत दे दिए हैं कि जम्मू कश्मीर की जनता लोकतंत्र और भारत के साथ है । डीडीसी चुनाव परिणामों से उन देश विरोधी शक्तियों को जवाब मिला है जो कुछ समय पूर्व ही यह कह रही […]
पुस्तक समीक्षा : काँच के रिश्ते
‘काँच के रिश्ते’ (दोहा संग्रह) शकुंतला अग्रवाल :शकुन’ का दोहा संग्रह ‘काँच के रिश्ते’ आज के परिवारों की दरकती दीवारों और उनकी वास्तविकता का बहुत ही शानदार ढंग से चित्रण करती है। पुस्तक के मुख्य पृष्ठ पर ही एक दोहा लिखा है , जो पुस्तक के विषय में बहुत कुछ स्पष्ट कर देता है। दोहा […]