अल्लाह के इस्लाम और मुल्ला के इस्लाम के बीच जब यह गुप्त समझौता हुआ तो उसके पश्चात इन गुंडों में से जो बादशाह ,सुल्तान या सेनापति बने उन्होंने संसार में कत्लेआम का ऐसा इतिहास लिखा जो केवल और केवल मजहबी जुनून, मजहबी उन्माद और कट्टर सांप्रदायिकता का वह इतिहास है जिसमें सर्वत्र मानवता की लाश […]
Author: डॉ॰ राकेश कुमार आर्य
मुख्य संपादक, उगता भारत
लेखक सुप्रसिद्ध इतिहासकार और भारत को समझो अभियान समिति के राष्ट्रीय प्रणेता है
कुरान की काफिरों के प्रति शिक्षा गांधीजी ने चाहे कितना ही कह लिया कि: – ” ईश्वर अल्लाह तेरो नाम, सबको सन्मति दे भगवान ।” पर उनके इस गीत का मुस्लिम साम्प्रदायिकता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा । वह अपने एजेंडा पर काम करती रही । गांधी जी के इस प्रकार के आलाप से वह […]
इस्लामाबाद। पाकिस्तान को अब रात में सोते हुए भी भारत के गरजते हुए फाइटर विमान सपने में दिखाई देते हैं । पड़ोसी देश ने 1947 के बाद से अब तक जितना भारत को परेशान किया है उसके पाप कर्म अब उसे सोने नहीं दे रहे हैं। यही कारण है कि वह अब विश्व मंचों पर […]
मजहब को कुछ लोगों ने ‘अफीम’ की संज्ञा दी है। इसका कारण है कि मजहब का नशा मानव को मानव बनने ही नहीं देता है। मजहब व्यक्ति को हिन्दू बनाता है, मुसलमान बनाता है, ईसाई बनाता है, सिक्ख बनाता है। और भी बहुत कुछ बनाता है, पर मानव नहीं बनाता। मजहबी दृष्टिकोण से यदि व्यक्ति […]
अजय कुमार सवालों से किसान नेता इसलिए नहीं बच सकते, क्योंकि वे अपने समर्थकों को इसके लिए खुद ही उकसा रहे थे कि दिल्ली पुलिस की ओर से तय शर्तों की परवाह न की जाए। वे इससे भी लगातार आंखें मूंदे रहे कि आंदोलन में किस तरह खालिस्तानी तत्व सक्रिय होते जा रहे हैं। देश […]
मां का हमारे जीवन में अमूल्य योगदान है । संसार के जितने भर भी महापुरुष हुए हैं उनके निर्माण में सबसे बड़ा योगदान मां का रहा है। जो महापुरुष युगधारा को परिवर्तित करते हैं और इतिहास को मोड़ने की क्षमता रखते हैं उन सबके निर्माण में मां का विशेष योगदान रहा है । इस प्रकार […]
#डॉ_विवेक_आर्य आज पंजाब नेशनल बैंक देश के प्रमुख बैंकों में से एक है। PNB की स्थापना प्रसिद्द आर्यसमाजी नेता एवं शेरे-पंजाब लाला लाजपत राय द्वारा 19 अप्रैल1895 को लाहौर के प्रसिद्द अनारकली बाजार में हुई थी। इस बैंक की स्थापना करने वालों में लाला हरकिशन लाल (पंजाब के प्रथम उद्योगपति), दयाल सिंह मजीठिया (ट्रिब्यून अख़बार […]
इतिहास पुनर्लेखन के यक्ष प्रश्न?
‘दैनिक ट्रिब्यून’ में मेरी पुस्तक ‘भारत के स्वर्णिम इतिहास के कुछ पृष्ठ’ – की समीक्षा. शक्ति वर्मा ‘भारत के स्वर्णिम इतिहास के कुछ पृष्ठ’ पुस्तक इतिहास के पुनर्लेखन की एक कोशिश के रूप में प्रस्तुत की गई है। भारत में एक वर्ग है जो मानता है कि देश के इतिहास के साथ न्याय नहीं किया […]
26 जनवरी को जब राष्ट्र अपना 72 वां गणतंत्र दिवस मना रहा था, तब किसान के रूप में राष्ट्र विरोधी शक्तियों ने जो तांडव देश की राजधानी दिल्ली में मचाया वह बहुत ही शर्मनाक था। राष्ट्र विरोधी शक्तियों की सोच थी कि प्रधानमंत्री श्री मोदी इन तथाकथित किसानों पर लाठी प्रहार करवाएं और इनमें से […]
जे. पी. शुक्ला प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना (पीएमकेएसवाई) के तहत 32 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। यह परियोजना लगभग 17 राज्यों में फैली हुई है, जिसमें लगभग 406 करोड़ का निवेश है। ये परियोजनाएँ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के सृजन की परिकल्पना करती हैं, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में। केंद्रीय क्षेत्र योजना- कृषि-समुद्री प्रसंस्करण और […]