कहानी और कविता के माध्यम से बालमन में संस्कार उकेरना बड़ा कठिन कार्य है । इस कठिन कार्य में लेखक या लेखिका को बहुत सारी चीजों का ध्यान रखना पड़ता है। यह कुछ – कुछ वैसा ही है जैसे निराई गुड़ाई करने वाला किसान बड़ी सावधानी से फसल के पौधों को बचाकर केवल खरपतवार को […]
Author: डॉ॰ राकेश कुमार आर्य
मुख्य संपादक, उगता भारत
लेखक सुप्रसिद्ध इतिहासकार और भारत को समझो अभियान समिति के राष्ट्रीय प्रणेता है
आजकल कुछ वामपंथी ईर्ष्यालु लोगों ने भाषा विज्ञान का आडंबर रचकर संस्कृत को बहुत नवीन भाषा कहना शुरु किया है। वे लोग बौद्ध साहित्य में भी आये वेदादिशास्त्रों के नाम को ऊटपटांग अर्थ करके जान बचाना चाहते हैं। इनके सिपहसालार राजेंद्र प्रसाद ने तो “त्रैविद्यासुत्त” को प्रक्षेप ही घोषित कर रखा है। इनके एक चेले […]
चीन ने मान लिया है कि गलवन घाटी में भारतीय सैनिकों के हाथों उसके कई सैनिकों को जान से हाथ धोना पड़ा था । चीन की इस स्वीकारोक्ति के पश्चात देश का ‘सबूत गैंग’ अब इस समय शांत है। चीन जिस प्रकार भारत की सेनाओं के पराक्रम और शौर्य के सामने इस समय पीछे हटने […]
सदा सुगंध बसंती भाती रहे
…. सदा सुगन्ध वसन्ती भाती रहे सत्यम शिवम सुंदरम को जो समाहित करे। वसंत होता वही जो सर्वस्व निज परहित धरे।। वसंत ऋतुराज है और जीवन का सुंदर गीत है। वसंत अमृत तुल्य है और जीवन का मेरे मीत है।। विधाता के संविधान का उत्कृष्ट जो विधान है। वसंत कहते उसे जो करे पीर का […]
भारतीय इतिहास को विकृतियों के मकड़जाल से मुक्त करने में डॉ रतन लाल वर्मा जैसे महान इतिहासकार का विशेष योगदान रहा है। उन्होंने इतिहास पर शोध परक ग्रंथ लिखे और भारतीय इतिहास में गुर्जर समाज के विशेष योगदान की विशद विवेचना कर इतिहास को समृद्ध करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया । श्री वर्मा जी […]
आज हमारे देश का इतिहास करवट ले रहा है और कुछ सीमा तक उसे करवट दिलवाई भी जा रही है। हमारे ऐसा कहने का अभिप्राय है कि जब हम विश्व नेतृत्व की स्थिति में आते जा रहे हैं और विश्व को कोरोना वैक्सीन देने सहित कई क्षेत्रों में मार्गदर्शन दे रहे हैं तब हम कह […]
वसन्त वसत है मन में मेरे….
वसन्त वसत है मन में मेरे बनके प्यारा राजा। वर्षा ऋतुओं की रानी है करती मन को ताजा।। राजा अपनी मुस्कुराहट से सबका मन हर लेता। रानी का द्रवित हृदय भी सबको वश में कर लेता।। दोनों की राह अलग सी है पर लक्ष्य नहीं है न्यारा। प्राणीमात्र के हितचिंतन में जीवन समर्पित सारा।। राजा […]
ओ३म् ========= हम जानते हैं कि सभी मनुष्यों एवं चेतन प्राणियों के शरीरों मेंएक चेतन आत्मा की सत्ता भी निवास करती है। मनुष्य के जन्म व गर्भकाल में आत्मा निर्माणाधीन शरीर में प्रविष्ट होती है। मनुष्य शरीर में आत्मा का प्रवेश अनादि, नित्य, अविनाशी सर्वशक्तिमान, सर्वव्यापक, सर्वान्तर्यामी, सर्वज्ञ, सच्चिदानन्दस्वरूप ईश्वर कराते हैं। समस्त संसार, सभी […]
डॉ. दीप नारायण पाण्डेय मोटे तौर पर हर साल 58 लाख भारतीय दिल और फेफड़े के रोगों, स्ट्रोक, कैंसर और मधुमेह से मर जाते हैं। देश में छह करोड़ से अधिक मधुमेह रोगियों के कारण भारत को मधुमेह की वैश्विक राजधानी कहा जाने लगा है। लगभग 77 लाख लोग मधुमेह से पीडि़त होने की कगार […]
अधर्म, अनीति और और मर्यादाहीनता इस समय भारतीय राजनीति का एक अनिवार्य अंग बन गया लगता है । मर्यादाओं को तोड़ना और मर्यादाहीन होकर उच्छृंखल आचरण करना भी हमारे नेताओं या जनप्रतिनिधियों को असंवैधानिक और नैतिक नजर नहीं आ रहा है । इसका परिणाम क्या होगा ? संभवत: इस प्रश्न का उत्तर हमारे नेता नहीं […]