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आज का चिंतन

‘संस्तुति’ के स्थान पर ‘सिफारिश’ के दुष्परिणाम

  आजकल ‘सिफारिश’ शब्द इतने गलत अर्थों में प्रयोग किया जाता है कि जैसे ही हम किसी के बारे में यह सुनते हैं कि उस व्यक्ति की ‘सिफारिश’ अमुक व्यक्ति ने की, जिससे वह अमुक कार्य को कराने या अमुक नौकरी को पाने में सफल हुआ – वैसे ही हमें यह लगने लगता है कि […]

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समाज

पंचायती चुनाव और महिला प्रतिनिधि

 चरखा फिचर्स     राजेश निर्मल सुल्तानपुर, यूपी मौसम में बदलाव के लक्षण नजर आने लगे है। मौसम में उमस और गर्मी के साथ साथ पंचायत चुनाव ने भी दस्तक दे दी है। उत्तर प्रदेश में पंचायती चुनाव इसी महीने मार्च में होने वाले थे लेकिन महामारी और बोर्ड परीक्षा के चलते इसे थोड़ा और […]

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इतिहास के पन्नों से भयानक राजनीतिक षडयंत्र

मजहब ही तो सिखाता है आपस में बैर रखना, अध्याय – 8 ( 4 ) औरंगजेब का हिंदुओं के प्रति आतंकी शासन

    औरंगज़ेब का आतंकी शासन औरंगज़ेब का इतिहास में एक क्रूरतम मुगल बादशाह के रूप में स्थान है । उसने हिन्दुओं के प्रति मजहबी क्रूरता और निर्दयता की सभी सीमाएं पार कर दी थीं। यद्यपि वामपंथी और मुस्लिम इतिहासकारों की दृष्टि में उसे भारत के उदारतम शासकों में से एक माना गया है और […]

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पुस्तक समीक्षा

पुस्तक समीक्षा : स्वप्नलोक

  स्वप्नलोक पुस्तक के लेखक प्रदीप भारद्वाज दीप हैं । यह पुस्तक विभिन्न विषयों को लेकर लिखी गई कविताओं का संग्रह है । जिसमें कवि ने अपने साहित्य के चितेरेपन को बड़ी कुशलता से प्रकट किया है। वास्तव में कविता के माध्यम से कवि को अपनी जिस व्यापक सोच और विशाल हृदयता के साथ-साथ कल्पना […]

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राजनीति

राष्ट्रवाद की राजनीति में बढ़ती धार्मिक कट्टरता

  सतीष भारतीय विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक मुल्क में प्रथक-प्रथक धर्मो, भाषाओं, संस्कृतियों और रीति-रिवाजों को मानने वाले विभिन्न समुच्चयों को एकत्व के सूत्र में बांधने वाला मूलाधार ही राष्ट्रवाद है और यह वही राष्ट्रवाद है जो भारतीय स्वाधीनता के कल्प में हमें अंग्रेजी सत्ता के खिलाफ सड़कों पर जन आंदोलनों के रूप में […]

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इतिहास के पन्नों से

भगवान महावीर के उपदेश आज भी बड़े प्रासंगिक हैं

  जैन धर्म के प्रवर्तक महावीर स्वामी का भारतीय इतिहास में विशेष और सम्मान पूर्ण स्थान है । उन्होंने धर्म मार्ग से भटकते हुए लोगों को ज्ञानपूर्वक सही मार्ग दिखाने का प्रयास किया। उनके द्वारा स्थापित किया गया जैन धर्म संसार के प्राचीनतम धर्मों में से एक है। इस धर्म का उल्लेख ‘योगवशिष्ठ’, ‘श्रीमद्भागवत’, ‘विष्णु […]

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महत्वपूर्ण लेख

धर्म परिवर्तन और आरक्षण की समस्या

प्रो. चिंतामणि मालवीय आजकल ‘दलित-मुस्लिम’ एकता का नारा कुछ ज्यादा ही सुनाई देता है। ऐसा ही नारा आजादी से पहले मुस्लिम लीग ने भी दिया था। इससे प्रभावित होकर कुछ दलित नेताओं ने पाकिस्तान बनाने की मांग का समर्थन किया। बाद में उन्हें इस छलावे का पता चला और पाकिस्तान से पलायन कर भारत आ […]

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इतिहास के पन्नों से भयानक राजनीतिक षडयंत्र

मजहब ही तो सिखाता है आपस में बैर रखना – अध्याय, 8 ( 3 ) शाहजहां की हिंदू विरोधी नीति

  शाहजहाँ की हिन्दू विरोधी नीति जहाँगीर के बाद उसके पुत्र शाहजहाँ ने उसकी विरासत को संभाला । शाहजहाँ के शासनकाल में को भारत के कई वामपंथी इतिहासकारों ने स्वर्ण युग की संज्ञा दी है । यद्यपि उसमें ऐसा कुछ भी नहीं था जिसे स्वर्ण युग कहा जा सके । जिस ताजमहल को शाहजहाँ के […]

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इतिहास के पन्नों से भयानक राजनीतिक षडयंत्र

आर्य समाज और महात्मा गांधी , भाग 2

  लेखक- पं० चमूपति जी, प्रस्तोता- प्रियांशु सेठ, #डॉविवेकआर्य •अनजाने में मिथ्याकथन महात्मा कहते हैं ऋषि ने अनजाने में मिथ्या कथन किया है। ‘अनजाने में मिथ्या कथन’ से महात्मा का तात्पर्य क्या है? क्या ऋषि ने इन मत मतान्तरों का भाव अशुद्ध समझा? यह सम्भव है! अन्ततोगत्वा ऋषि भी मनुष्य थे। दूसरा यह कि समझा […]

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आज का चिंतन

प्रीति रीति की नीति और आत्मा का संकेत

  संसार में एक व्यक्ति मुमुक्षु है एक मुमूर्षु है। मुमुक्षु वह है जो मुक्त की इच्छा लेकर चलता है, मोक्षाभिलाषी है और जो संसार के सारे बंधनों को काटकर ईश्वर के प्रति प्रीति पैदा करने का प्रयास करता रहता है। मुमूर्षु वह है जो मृत्यु की इच्छा करता रहता है, मृत्यु का चिंतन करता […]

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