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महत्वपूर्ण लेख

पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमिटी ऑन एजुकेशन वूमेन चिल्ड्रन यूथ एंड स्पोर्ट्स नई दिल्ली द्वारा भारत के स्कूली पाठ्यक्रम में भारतीय इतिहास की गौरवशाली परंपरा को स्थापित करने के संदर्भ में मांगे गए सुझावों पर मेरे द्वारा दिए गए सुझाव

  सेवा में अध्यक्ष पार्लियामेंटरी स्टैंडिंग कमेटी ऑन एजुकेशन ,वूमेन, चिल्ड्रन, यूथ एंड स्पोर्ट्स नई दिल्ली महोदय आपको सादर अवगत कराना चाहूंगा कि मेरे द्वारा भारतीय इतिहास पर विशेष अनुसंधान कार्य करते हुए सन 712 से लेकर 1947 तक के भारत के 1235 वर्षीय स्वाधीनता संग्राम के इतिहास पर छह खंडों में विशेष प्रकाश डाला […]

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इतिहास के पन्नों से स्वर्णिम इतिहास हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

मेरी आने वाली पुस्तक राष्ट्र नायक राजा दाहिर सेन का लेखकीय निवेदन

राष्ट्र नायक राजा दाहिर सेन और तत्कालीन भारत -3 इस्लाम ने किया देशों का धर्मांतरण मानवता के विरुद्ध किए गए अपने अत्याचारों के बल पर जिस प्रकार इराक और तुर्की में इस्लाम को सफलता मिली वैसे ही विश्व के अन्य देशों या प्रान्तों में भी उसे आशातीत सफलता मिली ।पुलस्त्य ऋषि के प्रदेश पेलेस्टाइन (फिलिस्तीन) […]

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रसोईघर से अध्यक्ष पद तक : स्वामी ध्रुवानन्द सरस्वती

29 जून/पुण्य-तिथि सुनने में ही यह बहुत अजीब लगता है कि क्या कोई साधारण रसोइया कभी किसी राष्ट्रव्यापी संस्था का अध्यक्ष बन सकता है; पर अपनी लगन और कर्मठता से जिन्होंने इसे सत्य सिद्ध कर दिखाया, वे थे स्वामी ध्रुवानन्द सरस्वती। मथुरा (उ.प्र.) के पानीगाँव नामक ग्राम में जन्मे धुरिया नामक बालक को जीवन के […]

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महत्वपूर्ण लेख संपादकीय

सर्वदलीय बैठक : किसने क्या खोया क्या पाया?

प्रधानमंत्री श्री मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उनके कई अधिकारियों के साथ जम्मू कश्मीर के राजनीतिक दलों की बैठक दिल्ली में संपन्न हो गई है। जिसमें केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि धारा 370 की बहाली को लेकर पीछे मुड़ने का कोई सवाल नहीं है । इस बैठक में उपस्थित […]

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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

राष्ट्रनायक राजा दाहिर सेन और तत्कालीन भारत -2 , मेरी आने वाली पुस्तक ‘राष्ट्रनायक राजा दाहिर सेन’ का लेखकीय निवेदन

अरब का रहा है वैदिक स्वरूप मोहम्मद साहब का जन्म से पूर्व सारे अरब जगत को वैदिक मान्यताएं प्रभावित करती थीं। उन्हीं के अनुसार सामाजिक और धार्मिक व्यवहार चलता था । यद्यपि यह सही है कि इस वैदिक हिन्दू धर्म में भी उस समय घुन लग चुका था। अरब के समाज की स्थिति उस समय […]

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महत्वपूर्ण लेख संपादकीय

बिहार की राजनीति : आओ खेलें ‘चिराग- चिराग’

  अधिकतर भारतीय राजनेताओं की परिवार पोषक नीतियों के चलते उनकी प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों अर्थात पॉलीटिकल पार्टीज की स्थिति या तो उनके सामने या उनके बाद लड़खड़ा कर भूमिसात हो जाती है या उनकी विरासत पर ऐसी तकरार होती है जिससे उस राजनीतिज्ञ और राजनीतिक पार्टी की परिवार पोषक नीतियों का तो खुलासा हो ही […]

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संपादकीय

प्रधानमंत्री जी ! गुपकार गठबंधन को मिलना चाहिए कड़ा संदेश

  यह एक अच्छी बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू कश्मीर के राजनीतिक दलों की बैठक आहूत कर राजनीतिक परिस्थितियों को सामान्य करने का संकेत दिया है, परंतु इसमें सम्मिलित होने से पहले ही ‘गुपकार गठबंधन’ ने धारा 370 को पूर्ववत स्थापित करने की बात कह कर यह स्पष्ट किया है कि वह […]

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इतिहास के पन्नों से स्वर्णिम इतिहास

राष्ट्रनायक राजा दाहिर सेन और तत्कालीन भारत – एक मेरी आने वाली पुस्तक : ”राष्ट्र नायक राजा दाहिर सेन” – का लेखकीय निवेदन

  अब अनेकों शोध पत्रों से यह बात पूर्णत: सिद्ध हो चुकी है कि अरब का मूल स्वरूप वैदिक रहा है । मोहम्मद साहब ने अपने जीवन काल में जब इस्लाम की स्थापना की तो उन्होंने अरब के पुराने हिन्दू स्वरूप को मिटाने का आदेश दिया। जिससे वे प्रतीक समाप्त करने की प्रक्रिया आरम्भ हुई […]

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कृषि जगत

कृषि विज्ञान के जनक ऋषि पाराशर

कृषि विज्ञान के जनक ऋषि पाराशर_______________ दुनिया के अन्य महाद्वीपों के लोग जब वर्षा, बादलों की गड़गड़ाहट के होने पर भयभीत होकर गुफाओं में छुप जाते थे… जब उन्हें एग्रीकल्चर का ककहरा भी मालूम नहीं था.. उससे भी हजारों वर्ष पूर्व ऋषि पाराशर मौसम व कृषि विज्ञान पर आधारित भारतवर्ष के किसानों के मार्गदर्शन के […]

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इतिहास के पन्नों से स्वर्णिम इतिहास

दुर्गों के निर्माण की कला का ऐसे हुआ था भारत में विकास

  भारत में किलों का इतिहास उतना ही पुराना है जितना उन्नत वैदिक संस्कृति का इतिहास पुराना है। जब मनुष्य ने जंगली जानवरों से अपनी रक्षा के लिए बाड़ लगानी सीखी थी तो वह मध्यकालीन उन्नत शैली में बने किलों की पहली पीढ़ी थी । उसके बाद जब समाज में कुछ असामाजिक तत्वों ने मुख्यधारा […]

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