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इतिहास के पन्नों से

सत्याग्रह को एक कारगर हथियार के रूप में सबसे पहले विजय सिंह पथिक जी ने ही प्रयोग किया था

  विजयसिंह पथिक भारतीय स्वाधीनता संग्राम के दौरान सत्याग्रह का सबसे पहले प्रयोग करने वाले सफल राजनेता थे। उन्हीं के विचारों से प्रेरित होकर आगे चलकर गांधी जी ने इसी सत्याग्रह को अपना राजनीतिक हथियार बनाकर काम किया। होली के दूसरे दिन दुल्हेंडी 27 फरवरी, 1884 को उनका जन्म उत्तर प्रदेश के गुलावठी शहर के […]

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इतिहास के पन्नों से समाज स्वर्णिम इतिहास

“उजड़ देखकर गुर्जर राजी” – का क्या है अर्थ ?

  भारतीय इतिहास के विकृतिकरण के प्रति संकल्पित भारत-द्वेषी लोगों ने कई ढंग या उपाय अपनाएं हैं ।उनमें से एक उपाय यह भी है कि भारत प्रेमी इतिहासनायक या नायकों को बदनाम करो और फिर जनता में उनके प्रति तिरस्कार भाव उत्पन्न हो जाए तो धीरे-धीरे उन्हें इतिहास के पन्नों से विलुप्त कर दो। ऐसा […]

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मुद्दा

इस हिसाब से तो महाराज रावण की मूर्तियां हर चौराहे पर लगवानी चाहिए

🙏बुरा मानो या भला 🙏 —मनोज चतुर्वेदी “शास्त्री” मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कानपुर के चौबेपुर स्थित ग्राम बरुआ में भगवान परशुराम मंदिर के भूमिपूजन एवं शिलान्यास कार्यक्रम में अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. राजेंद्र नाथ त्रिपाठी पहुंचे थे। उन्होंने मंच से घोषणा की थी, कि “ब्राह्मण महासभा यूपी में […]

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उगता भारत न्यूज़

केरल के एक चर्च ने 5 से अधिक बच्चा पैदा करने पर की पुरस्कार देने की घोषणा

  भारतवर्ष में देश और समाज को आगे बढ़ाने के लिए भी कोई सरकार दिल से काम करती है तो चर्च और इसी प्रकार के दूसरे मजहबी संगठन सरकार के कार्यों में रोड़ा अटकाने के लिए सामने आ जाते हैं। इससे पता चलता है कि भारतवर्ष की संसद से भी ऊपर चर्च और यह मजहबी […]

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संपादकीय

ये लोकतंत्र, ये राजनीति मेरे काम की नहीं

देश में इस समय राजनीति के गिरे हुए और घृणास्पद स्वरूप को देखकर देश के प्रति गंभीर लोग बहुत अधिक चिंतित हैं। कांग्रेस ने अपने शासनकाल में जिन अलोकतांत्रिक मूल्यों और कुसंस्कारों का बीजारोपण किया था वह अब फलीभूत हो रहे होते दिखाई दे रहे हैं। दुर्भाग्य का विषय है कि कांग्रेस ने जिन पापों […]

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आज का चिंतन

वास्तव में सच्चा गुरु कौन है ?

भारतवर्ष में गुरु के प्रति श्रद्धा रखना प्राचीन काल से एक संस्कार के रूप में मान्यता प्राप्त किए हुए हैं। संसार में आने पर सबसे पहला गुरु माता होती है जो हमारे पिता से भी हमारा परिचय कराती है ।संसार के सभी संबंधों का ज्ञान हमें माता से होता है । दूसरा गुरु पिता होता […]

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इतिहास के पन्नों से स्वर्णिम इतिहास हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

भारतीय स्वाधीनता का अमर नायक राजा दाहिर सेन, अध्याय -3 , भाग – 2, अदम्य साहस और शौर्य का प्रतीक राजा दाहिर सेन

  अदम्य साहस और शौर्य का प्रतीक राजा दाहिर सेन सब लोगों को मारता हुआ भी नहीं मारता, यह बात आज के कानून विदों के लिए या विधि विशेषज्ञों के लिए समझ में न आने वाली एक रहस्यमयी पहेली है। पर इसे हमारे वीर योद्धाओं ने भारतीय स्वाधीनता और संस्कृति की रक्षा के अपने प्रण […]

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संपादकीय

दिनेश चंद्र त्यागी : इतिहास का विद्वान स्वयं बन गया ‘इतिहास’

अखिल भारत हिंदू महासभा के पूर्व अध्यक्ष, वरिष्ठ हिंदूवादी चिंतक ,महान इतिहासकार और भारतीय संस्कृति के उद्भट प्रस्तोता दिनेश चंद्र त्यागी का देहांत सचमुच बौद्धिक जगत के लिए अपूर्णनीय क्षति है। उनका पावन सानिध्य जब भी मिला तभी उन्होंने अपनी विद्वता की अद्भुत छाप मेरे मानस पर छोड़ी। श्री त्यागी जीवन भर ”राजनीति का हिंदूकरण […]

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इतिहास के पन्नों से स्वर्णिम इतिहास हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

भारतीय स्वाधीनता का अमर नायक राजा दाहिर सेन, अध्याय – 3, भाग – 1 क्यों है हमारी स्वाधीनता कर रक्षक राजा दाहिर सेन ?

  क्यों है हमारी स्वाधीनता का रक्षक राजा दाहिर सेन? दाहिर सेन को स्वतंत्रता सेनानी और भारतीय संस्कृति का रक्षक क्यों कहा जाए ? इस प्रश्न पर भी विचार करना बहुत आवश्यक है । क्योंकि कई लोगों को ऐसी भ्रांति हो सकती है कि हम ऐसा किसी पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर कह रहे हैं। संस्कृति […]

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इतिहास के पन्नों से स्वर्णिम इतिहास हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

भारतीय स्वाधीनता का अमर नायक राजा दाहिर सेन, अध्याय – 2 ,भाग – 3 ,राजा ने की बड़ी चूक

  राजा ने की बड़ी चूक कई इतिहासकारों की ऐसी मान्यता है कि इस्लाम के इस सत्ता संघर्ष में उस समय राजा दाहिर सेन ने मोहम्मद साहब के कई परिजनों की रक्षा की थी। राजा दाहिर सेन ने अपनी उदारता का परिचय देते हुए कई मुस्लिमों को सिंधु देश में बसने दिया । इसके पीछे […]

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