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संपादकीय

पाक अधिकृत कश्मीर के भारत में विलय के दिन अब दूर नहीं

पाकिस्तान चाहे भले ही भारत पर इस समय ड्रोन हमलों में व्यस्त हो, पर भीतर ही भीतर पाकिस्तान और पाकिस्तान का नेतृत्व भारत से भयभीत है। क्योंकि उसे स्पष्ट संदेश दे दिया गया है कि पीओके पर उसका अधिकार पूर्णतया अवैधानिक है। सारा पीओके भारत की है और अब उसे पीओके खाली करने के लिए […]

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पुस्तक समीक्षा

देश के राजनीतिक परिदृश्य की झांकी

‘दैनिक ट्रिब्यून’ में मेरी पुस्तक ‘चुनावी घोषणा पत्र और लोकतंत्र’- की छपी समीक्षा नरेश दत्त शर्मा जिस कृति में किसी मुद्दे विशेष को समझने के लिए उससे जुड़ी बारीकियों को गहराई से रेखांकित किया जाता है, वह उत्कृष्ट लेखन की परिधि में स्वत: आ जाता है। इसके अतिरिक्त यदि तथ्य और सत्य भी संदर्भ के […]

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इतिहास के पन्नों से व्यक्तित्व

पारस जिसे छूकर अमीचंद सोना बन गए

  (भक्त अमीचंद की पुण्यतिथि पर विशेष रूप से प्रकाशित) प्रेषक- डॉ विवेक आर्य स्वामी दयानन्द 1877 को रावलपिंडी से चलकर झेलम पहुँचे। उन दिनों अमीचंद मेहता वहां के दरोगा थे। झेलम जिले पिण्डदादन खाँ तहसील के हरणपुर गांव निवासी अमीचंद मेहता तहसील में पहले लिपिक के रूप में नियुक्त हुए और उन्नति करते करते […]

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संपादकीय

संसद में सांसदों की संख्या बढ़ाना जरूरी है या फिर ……?

  भारत के लोकसभा सांसदों की संख्या बढ़ाकर 1000 करने के लिए मोदी सरकार गंभीरता से विचार कर रही है । इस बाबत समाचार पत्रों में खबरें निरंतर प्रकाशित हो रही हैं। प्रधानमंत्री मोदी संसद में अपने बहुमत के आधार पर कोई भी निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं। उनके विषय में यह भी कहा […]

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इतिहास के पन्नों से

सत्याग्रह को एक कारगर हथियार के रूप में सबसे पहले विजय सिंह पथिक जी ने ही प्रयोग किया था

  विजयसिंह पथिक भारतीय स्वाधीनता संग्राम के दौरान सत्याग्रह का सबसे पहले प्रयोग करने वाले सफल राजनेता थे। उन्हीं के विचारों से प्रेरित होकर आगे चलकर गांधी जी ने इसी सत्याग्रह को अपना राजनीतिक हथियार बनाकर काम किया। होली के दूसरे दिन दुल्हेंडी 27 फरवरी, 1884 को उनका जन्म उत्तर प्रदेश के गुलावठी शहर के […]

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इतिहास के पन्नों से समाज स्वर्णिम इतिहास

“उजड़ देखकर गुर्जर राजी” – का क्या है अर्थ ?

  भारतीय इतिहास के विकृतिकरण के प्रति संकल्पित भारत-द्वेषी लोगों ने कई ढंग या उपाय अपनाएं हैं ।उनमें से एक उपाय यह भी है कि भारत प्रेमी इतिहासनायक या नायकों को बदनाम करो और फिर जनता में उनके प्रति तिरस्कार भाव उत्पन्न हो जाए तो धीरे-धीरे उन्हें इतिहास के पन्नों से विलुप्त कर दो। ऐसा […]

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मुद्दा

इस हिसाब से तो महाराज रावण की मूर्तियां हर चौराहे पर लगवानी चाहिए

🙏बुरा मानो या भला 🙏 —मनोज चतुर्वेदी “शास्त्री” मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कानपुर के चौबेपुर स्थित ग्राम बरुआ में भगवान परशुराम मंदिर के भूमिपूजन एवं शिलान्यास कार्यक्रम में अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. राजेंद्र नाथ त्रिपाठी पहुंचे थे। उन्होंने मंच से घोषणा की थी, कि “ब्राह्मण महासभा यूपी में […]

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उगता भारत न्यूज़

केरल के एक चर्च ने 5 से अधिक बच्चा पैदा करने पर की पुरस्कार देने की घोषणा

  भारतवर्ष में देश और समाज को आगे बढ़ाने के लिए भी कोई सरकार दिल से काम करती है तो चर्च और इसी प्रकार के दूसरे मजहबी संगठन सरकार के कार्यों में रोड़ा अटकाने के लिए सामने आ जाते हैं। इससे पता चलता है कि भारतवर्ष की संसद से भी ऊपर चर्च और यह मजहबी […]

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संपादकीय

ये लोकतंत्र, ये राजनीति मेरे काम की नहीं

देश में इस समय राजनीति के गिरे हुए और घृणास्पद स्वरूप को देखकर देश के प्रति गंभीर लोग बहुत अधिक चिंतित हैं। कांग्रेस ने अपने शासनकाल में जिन अलोकतांत्रिक मूल्यों और कुसंस्कारों का बीजारोपण किया था वह अब फलीभूत हो रहे होते दिखाई दे रहे हैं। दुर्भाग्य का विषय है कि कांग्रेस ने जिन पापों […]

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आज का चिंतन

वास्तव में सच्चा गुरु कौन है ?

भारतवर्ष में गुरु के प्रति श्रद्धा रखना प्राचीन काल से एक संस्कार के रूप में मान्यता प्राप्त किए हुए हैं। संसार में आने पर सबसे पहला गुरु माता होती है जो हमारे पिता से भी हमारा परिचय कराती है ।संसार के सभी संबंधों का ज्ञान हमें माता से होता है । दूसरा गुरु पिता होता […]

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