Categories
भाषा

कौन कर रहा है हिंदी का अपमान ?

हिंदी को पंडित नेहरू ने हिंदुस्तानी कहकर संबोधित किया था। उन्होंने राष्ट्रभाषा को उपहास की दृष्टि से देखा और उपहास के रूप में ही इसे स्थापित करने का प्रयास किया। हिंदुस्तानी से अभिप्राय नेहरू एण्ड कंपनी का एक ऐसी भाषा से था जिसमें सभी भाषाओं के शब्द सम्मिलित कर लिए जाऐं और एक खिचड़ी भाषा को सारा देश बोलने […]

Categories
भाषा

राष्ट्र भाषा हिंदी की दुर्दशा के लिए आखिर कौन है जिम्मेदार ?

  आज हम स्वतंत्र देश के स्वतंत्र नागरिक हैं। हमारी राष्ट्र भाषा हिंदी है, इस भाषा को बोलने वाले विश्व में सबसे अधिक लोग हैं। अंग्रेजी को ब्रिटेन के लगभग दो करोड़ लोग मातृ भाषा के रूप में प्रयोग करते हैं, जबकि हिंदी को भारत वर्ष में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, बिहार, […]

Categories
इतिहास के पन्नों से स्वर्णिम इतिहास हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

भारतीय स्वाधीनता का अमर नायक राजा दाहिर सेन, अध्याय – 9 (क) गद्दारी और राजकुमार जयशाह का आपद्धर्म

गद्दारी और राजकुमार जयशाह का आपद्धर्म राजधानी में शत्रु के हमले के प्रति पूर्णतया सावधान होकर बैठे राजा दाहिर सेन अपने वीर सैनिकों के भरोसे शत्रु का सामना करने की तैयारियों में व्यस्त थे। उनके दिशा निर्देशों के अनुसार दोनों राजकुमारियां और राजपरिवार के अन्य सदस्य जनता के बीच जाकर जिस प्रकार देशभक्ति का परिवेश […]

Categories
Uncategorised

ईस्टर्न पेरिफेरल से बंबावड़ न्याय पंचायत में रेम्प बनाने की मांग ने पकड़ा चोर

ईस्टर्न पेरिफेरल से बंबावड़ न्याय पंचायत में उतार बनाने की मांग ने पकड़ा जोर दादरी। विशेष संवाददाता यहां एक गांव बंबावड़ की न्याय पंचायत के गांवों के लोगों ने पिछले 1 वर्ष से अपनी मांग रखते हुए केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार को कई बार अवगत कराया है कि यहां पर ईस्टर्न पेरिफेरल से […]

Categories
आतंकवाद इतिहास के पन्नों से

महमूद गजनवी की भारत के मंदिरों की लूट और तालिबान

जब हम मध्यकाल में मुस्लिम आक्रमणकारियों के आक्रमणों के बारे में पढ़ते हैं तो अक्सर यह प्रश्न हमारे अंतर्मन में उठता है कि विदेशी आक्रमणकारियों के आक्रमण के समय देश के राजनीतिक केंद्रों के रूप में मान्यता प्राप्त रहे किलों की अपेक्षा धार्मिक आस्था के केंद्र हमारे मंदिर ही क्यों लूटे गए ? यदि इस […]

Categories
Uncategorised

पूज्य पिता महाशय राजेंद्र सिंह आर्य जी की 30 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर : उस मीठे आभास को,गहरे अहसास को , मीठा नमन ….

पिता सृष्टि का उतना ही पवित्र शब्द है जितना माता। क्योंकि हमारे जीवन निर्माण में जितना माता का योगदान होता है उतना ही पिता का भी योगदान होता है। जो लोग पिता के योगदान को कम करके आते हैं , वे हमारे इन दोनों नैसर्गिक संरक्षकों और पालकों के साथ न्याय नहीं कर पाते। माना […]

Categories
पुस्तक समीक्षा

पुस्तक समीक्षा- विश्व सभ्यताओं का जनक : भारत (एक शोध ग्रंथ)

विश्व सभ्यताओं का जनक :भारत (एक शोध ग्रंथ) डॉक्टर अखिलेश चंद्र शर्मा जी द्वारा लिखित यह पुस्तक भारत के गर्व और गौरव को परिभाषित, स्थापित और व्याख्यायित करने वाला महान शोध ग्रंथ है। पुस्तक की प्रत्येक पंक्ति से लेखक की देशभक्ति, वेद भक्ति और प्रभु भक्ति की झलक दिखाई देती है। वास्तव में किसी भी […]

Categories
इतिहास के पन्नों से स्वर्णिम इतिहास हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

भारतीय स्वाधीनता का अमर नायक राजा दाहिर सेन, अध्याय – 8 ( ख ) राजा दाहिर सेन की चूक

राजा दाहिर सेन ने देवल जैसे प्रांत का सूबेदार ज्ञानबुद्ध को बना तो दिया पर यहाँ उनसे एक चूक भी हो गई कि उन्होंने सामरिक दृष्टिकोण से सबसे महत्वपूर्ण प्रान्त का सूबेदार एक ऐसे व्यक्ति को बना दिया था जो महात्मा बुद्ध की ‘अहिंसा’ में विश्वास रखता था। राजा दाहिर सेन को ज्ञान बुद्ध के […]

Categories
स्वर्णिम इतिहास हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

भारतीय स्वाधीनता का अमर नायक राजा दाहिर सेन, अध्याय – 8 ( क ) वफादारी और गद्दारी का संगम

जब मोहम्मद बिन कासिम के आक्रमण की सूचना राजा दाहिर सेन को प्राप्त हुई तो उन्होंने पहले से ही अपनी रक्षा तैयारियां करनी आरम्भ कर दी थीं। उस समय राजा दाहिर सेन ने बहुत ही दूरदर्शिता और कूटनीतिक दृष्टिकोण से कार्य किया। उन्होंने देश ,धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए उन सभी शक्तियों का […]

Categories
आतंकवाद संपादकीय

“अल्लाह हू अकबर” बोलना बाकी था अब तो वह भी बोल दिया गया …….

देश में ऐसा कौन व्यक्ति होगा जो किसानों की समस्याओं के प्रति लापरवाही बरतने वाली सरकार के प्रति सहानुभूति रखता हो ? निश्चित रूप से किसी भी सरकार के किसान विरोधी दृष्टिकोण को कोई भी व्यक्ति पसंद नहीं करेगा। पर जब किसानों के समर्थन में कहीं ऐसे लोग आंदोलन कर रहे हों, जिनके तार देश […]

Exit mobile version