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इतिहास के पन्नों से स्वर्णिम इतिहास हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

भारत का वास्तविक राष्ट्रपिता कौन ? श्रीराम या ……. जीवन शक्ति का करो सदुपयोग

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के पुरोधा भगवान श्रीराम, अध्याय – 5 अब रामचंद्र जी पंचवटी की ओर चल पड़ते हैं, जहां जटायु से उनकी मुलाकात होती है। जटायु कोई पक्षी नहीं था, बल्कि यह एक मनुष्य था , जो कि राजा दशरथ का मित्र था। वह श्रीराम और लक्ष्मण जी और सीता जी से वैसा ही स्नेह […]

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देश विदेश संपादकीय

वसुधैव कुटुंबकम’ का पवित्र भाव और पीएम मोदी

संसार के सभी वासियों को अपना मानना और एक ही पिता की संतान मानकर उनके प्रति आत्मीयता का बर्ताव करना भारत की प्राचीन नीति – संस्कृति रही है । अपनी इसी पवित्र नीति और संस्कृति भाव के कारण भारत ने संसार के लोगों के हृदय पर शासन किया है। भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी […]

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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

जब संविधान सभा में एक मुस्लिम सदस्य से सरदार पटेल ने कह दिया था – “हमें तुम्हारा बनावटी प्यार नहीं चाहिए”

आज हम अपने इतिहास के महानायक सरदार बल्लभ भाई पटेल जी की जयंती मना रहे हैं । 1875 में आज के दिन जन्मे सरदार वल्लभभाई पटेल भारतीय इतिहास की एक ऐसी महान विरासत हैं जिन पर आने वाली पीढ़ी गर्व करेंगी। क्योंकि उन्होंने देश की एकता और अखंडता के लिए जो महान कार्य किया, वह […]

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संपादकीय

थाईलैंड का रामराज्य बनाम गांधी का रामराज्य

भारत में स्वतंत्रता पूर्व महात्मा गांधी ने रामराज्य की परिकल्पना की थी। उनका सपना था कि जब देश आजाद हो जाएगा तो रामराज्य की स्थापना कर राम के आदर्श राज्य को लोक हितकारी नियमों और विधान के अनुसार चलाया जाएगा। यह अलग बात है कि जब देश आजाद हुआ तो गांधी की कांग्रेस के नेताओं […]

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संपादकीय

वैदिक हिंदू धर्म के लिए इंडोनेशिया से आए शुभ संकेत

बात 1960 के दशक की है। जब देश के प्रधानमंत्री पंडित नेहरु थे। पंडित जी कहने को ‘पंडित’ थे पर धर्मनिरपेक्षता का भूत उन पर इस कदर चढ़ गया था कि स्वयं को ‘दुर्भाग्यवश’ हिंदू मानते थे। उन पर इस्लामिक संस्कृति का रंग चढ़ा था और ईसाइयत के ढंग से जीने को वह अपना सौभाग्य […]

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भारत का वास्तविक राष्ट्रपिता कौन ? श्रीराम या ……. सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के पुरोधा श्रीराम, अध्याय – 4 दिए गए वचन को पूरा करो

दिए गए वचन को पूरा करो रामचंद्र जी के बारे में हरिओम पवार जी की कविता की ये पंक्तियां बड़ी सार्थक हैं :- “राम हमारे गौरव के प्रतिमान हैं, राम हमारे भारत की पहचान हैं, राम हमारे घट-घट के भगवान हैं, राम हमारी पूजा हैं अरमान हैं, राम हमारे अंतरमन के प्राण हैं, मंदिर-मस्जिद पूजा […]

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इतिहास के पन्नों से स्वर्णिम इतिहास हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

भारत का वास्तविक राष्ट्रपिता कौन ? श्रीराम या ……. सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के पुरोधा भगवान श्रीराम, अध्याय – 3

वनवास में भी पुरुषार्थ करते रहो भारत के विषय में मुसलमान लेखक वस्साफ ने अपने ग्रंथ “तारीख-ए-वस्साफ” में बहुत सुंदर कहा है – “सभी इतिहासवेत्ता यह मानते हैं कि भारतवर्ष भूमंडल का एक अति रमणीय और चित्ताकर्षक देश है। इसकी पावन पुनीत मिट्टी के रजकण वायु से भी अधिक हल्के और पवित्र हैं। इसकी वायु […]

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पुस्तक समीक्षा

पुस्तक समीक्षा :  ‘साये अपने -अपने’

‘साये अपने -अपने’ पुस्तक के लेखक श्री राजकुमार निजात हैं। निजात जी के द्वारा यह पुस्तक उपन्यास रूप में युवा वर्ग के लिए विशेष रूप से लिखी गई है। लेखक श्री राजकुमार निजात साहित्य की प्रत्येक विधा में लिखने में कुशल हैं। इस पुस्तक का प्रथम प्रकाशन 1985 में हुआ था।    इस उपन्यास में  […]

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देश विदेश संपादकीय

भारत की विदेश नीति और इजराइल

जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनातनी बढ़ते हुए युद्ध की स्थिति पैदा हो गई थी हुए और पाकिस्तान ने भारत के अभिनंदन को पकड़ लिया था तो उस समय अमेरिका के राष्ट्रपति ने भारत के प्रधानमंत्री मोदी के तल्ख तेवर देखकर कहा था कि ‘भारत अब कुछ बड़ा करने वाला है।’ यह पहली बार […]

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स्वर्णिम इतिहास हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

भारत का वास्तविक राष्ट्रपिता कौन ? श्रीराम या ……. शासन निरे महात्मापन से नहीं चलता

किसी शायर ने क्या खूब कहा है :- कमजोर लोग ही शिकवा और शिकायत करते है। महान लोग तो हमेशा कर्म की वकालत करते है।। हमारे राष्ट्रनायक रामचंद्र जी महाराज के यहां शिकवा- शिकायत की कोई गुंजाइश नहीं थी। क्योंकि वह इतिहास निर्माण करने की किसी भी चुनौती से बचकर निकलने वाले नहीं थे। वह […]

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