तुम्हें देखते ही देशद्रोही भाग खड़े हों नींव रखी विनाश की नहीं रहा कुछ ज्ञान। कालचक्र को देखकर हंसते खुद भगवान।। बाल्मीकि जी द्वारा किए गए इस प्रकार के वर्णन से स्पष्ट होता है कि शूर्पणखा इस समय बहुत अधिक भयभीत थी। उसे यह अपेक्षा नहीं थी कि उसके भाई के द्वारा भेजे गए […]
Author: डॉ॰ राकेश कुमार आर्य
मुख्य संपादक, उगता भारत
लेखक सुप्रसिद्ध इतिहासकार और भारत को समझो अभियान समिति के राष्ट्रीय प्रणेता है
कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह अपनी हिंदू विरोधी मानसिकता और बयानों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में एक बार नहीं कितनी ही बार हिंदू विरोधी बयान देकर इस देश की मौलिक चेतना के साथ खिलवाड़ करने में कभी कोई संकोच नहीं किया है। उनका मुस्लिम प्रेम स्पष्ट झलकता रहता है। उन्हें […]
तुम्हें देखते ही देशद्रोही भाग खड़े हों शूर्पणखा का कार्य अनैतिक और अनुचित था। जिसके अनुचित और अनैतिक कार्य का सही फल लक्ष्मण जी ने उसे दे दिया था। इसके पश्चात अब वे परिस्थितियां बननी आरंभ हुईं जो उस कालखंड की ऐतिहासिक क्रांति का सूत्रपात करने वाली थीं। यह घटना राक्षस वंश के लिए ऐसी […]
हमारे देश में कई लोगों को ऐसी भ्रांति रहती है कि जैसे 25 जून 1975 को ही देश में पहली बार आपातकाल घोषित किया गया था । आज हम यहां यह बताना चाहेंगे कि देश में पहली बार आपातकाल जैसी स्थिति 13 सितंबर 1948 को उत्पन्न हुई थी। यद्यपि उस समय हमारे देश का संविधान […]
विवेक भटनागर ऐतिहासिक रूप से मेवाड़ या शिबि जनपद का भारतवर्ष की राजनीति में अत्यन्त व्यापक प्रभाव है। इस जनपद का वर्णन स्ट्रेबो ने अपनी इण्डिका में शिबोई जन के रूप में किया है। यहां पर स्थापत्य का विकास क्रम इतिहासिक रूप से दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व से आगे जाता है। इस क्षेत्र में प्रस्तर […]
राक्षसों के संहारक बनो शूर्पणखा का कार्य अनैतिक और अनुचित था। जिसके अनुचित और अनैतिक कार्य का सही फल लक्ष्मण जी ने उसे दे दिया था। इसके पश्चात अब वे परिस्थितियां बननी आरंभ हुईं जो उस कालखंड की ऐतिहासिक क्रांति का सूत्रपात करने वाली थीं। यह घटना राक्षस वंश के लिए ऐसी घटना सिद्ध हुई […]
जिस समय अकबर कलानौर के दुर्ग में भारत में अपने पिता द्वारा विजित क्षेत्रों का राजा बनाया गया, उस समय आगरा पर सम्राट हेमचंद्र विक्रमादित्य (1501-1556 ई.) उपनाम हेमू का शासन था। मां भारती के जिन अमर हुतात्मा वीरों को इतिहास में उनके वीरतापूर्ण कृत्यों से खींझकर मध्यकालीन इतिहासकारों ने इतिहास के कूड़ेदान में फेंककर […]
पुस्तक समीक्षा : अंधेरा छटेगा जरूर
‘अंधेरा छटेगा जरूर’- पुस्तक के लेखक डॉ आदित्य कुमार गुप्त जी हैं । गुप्त जी की यह पुस्तक काव्य में है । जिसमें उन्होंने अपनी 46 कविताओं को स्थान दिया है। ‘अंधेरा छटेगा जरूर’ नामक उनकी कविता के नाम से ही इस पुस्तक का नामकरण किया गया है। वास्तव में उनकी यह कविता इस पुस्तक […]
आज देश गोवर्धन पर्व मना रहा है। बहुत बड़ी संख्या में लोगों को यह बात पता नहीं है कि गौ संरक्षण और गोवंश के सँवर्धन के लिए ही गोवर्धन का पर्व मनाया जाता है। किसी पौराणिक अंधपरंपरा के वशीभूत होकर लोग इस त्यौहार को मना रहे हैं। वास्तव में भारत की प्राचीन कृषि व्यवस्था गौ […]
कांग्रेसी और कम्युनिस्ट इतिहासकारों की नजरों में औरंगजेब एक बहुत ही उदार शासक था। उसकी मानवतावादी सोच और उदारवादी दृष्टिकोण के कसीदे काटते हुए यह भारत विरोधी इतिहासकार यह भूल जाते हैं कि उसके समय में हिंदुओं पर कितने भारी अत्याचार किए गए थे ? ऐसे अनेकों सही हो पूना में अर्थात शासनादेश उपलब्ध हैं […]