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स्वर्णिम इतिहास हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के पुरोधा श्रीराम, अध्याय – 13 क श्रीराम का औदार्य

श्रीराम का औदार्य किसी भी शासक की महानता और उसके शासन की उत्तमता की कसौटी केवल यह मानी गई है कि उसके राज्य में प्रजा  सुखी रहे। यदि प्रजा किसी शासक के शासन में दु:खी है तो उसके शासन को उत्तम नहीं माना जा सकता। प्रजा शांतिपूर्वक सुखानुभूति करते हुए अपना जीवन यापन करे और […]

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संपादकीय

इतिहास की गंगा को प्रदूषण मुक्त करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

इतिहास एक पवित्र गंगा है। इसकी धारा शाश्वत है। सनातन है। इसमें निरंतरता है। इसकी प्रवाहमानता किसी राष्ट्र की संस्कृति और समाज की प्रवाहमानता को प्रमाणित करती है। यदि इतिहास की प्रवाहमानता कहीं बाधित , कुंठित या अवरुद्ध होती है तो समझो वह देश और समाज भी कहीं ना कहीं बाधित, कुंठित और अवरुद्ध होकर […]

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पुस्तक समीक्षा

पुस्तक समीक्षा :  ‘अथ विश्वविद्यालय गाथा’

‘अथ विश्वविद्यालय गाथा’ के लेखक प्रोफेसर किशोरी लाल व्यास नीलकंठ हैं,। जिन्होंने यह  उपन्यास आज के विश्वविद्यालयों की यथार्थ स्थिति को चित्रित करते हुए बहुत ही सुंदर शैली में लिखा है।  वास्तव में शिक्षा के केंद्रों से जब गिरी हुई पतित शिक्षा मिलने लगे तो स्थिति बहुत चिंताजनक हो जाती है और यह पुस्तक बस […]

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पर्व – त्यौहार

मानव अधिकार दिवस पर विशेष ‘ युद्ध मानव की जीत नहीं हार है’

अमेरिका ब्रिटेन और फ्रांस जैसे विकसित राष्ट्रों सहित विदेशों में भारतीय संस्कृति के प्रति लोगों का आकर्षण अप्रत्याशित रूप से बढ़ रहा है। बताया जा रहा है कि अमेरिका के समाज में वहां की कुल आबादी का 24 प्रतिशत भाग भारत और भारत की संस्कृति राम और कृष्ण के प्रति श्रद्धा रखने वाला बन गया […]

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स्वर्णिम इतिहास हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के पुरोधा श्रीराम, अध्याय – 12 (ग) संपूर्ण भारत ही बन जाए श्रीराम मंदिर

श्रीराम की शरणागत वत्सल भावना    श्रीराम की शरणागत वत्सल भावना भी प्रशंसनीय है। उनकी शरण में जो भी आया उसी को उन्होंने गले लगाया । यद्यपि कई लोगों ने विभीषण के उनकी शरण में आने पर आपत्ति उठाई थी और यह शंका भी व्यक्त की थी कि यह व्यक्ति क्योंकि शत्रु पक्ष से आया […]

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स्वर्णिम इतिहास हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के पुरोधा श्रीराम, अध्याय – 12( ख) संपूर्ण भारत ही बन जाए श्रीराम मंदिर

         आज हम जब श्री राम जन्मभूमि पर अयोध्या में मंदिर बना रहे हैं तो वह मंदिर श्रीराम के अथक और गंभीर प्रयासों का प्रतीक है। जिनके चलते हमने संपूर्ण भूमंडल को ही मंदिर में परिवर्तित कर दिया था। आज उनका यह प्रतीकात्मक मंदिर अपनी भव्यता और विशालता को तभी प्राप्त कर पाएगा जब यह […]

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इतिहास के पन्नों से स्वर्णिम इतिहास हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के पुरोधा श्रीराम, अध्याय – 12 (क) संपूर्ण भारत ही बन जाए श्रीराम मंदिर

संपूर्ण भारत ही बन जाए श्रीराम मंदिर मंदिर भारतीय संस्कृति में एक विशेष पवित्र स्थल का नाम है। जहां भीतरी बाहरी पवित्रता को स्थान दिया जाता है। यह वह स्थल है जहां जाकर बाहरी दुनिया की चहल-पहल और कोलाहल सब शांत हो जाता है । व्यक्ति के भीतर का संसार मुखरित होकर उसका मार्गदर्शन करने […]

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संपादकीय

ईश्वर की महान विभूति जनरल रावत को विनम्र श्रद्धांजलि

देश के प्रति समर्पित एक योद्धा के रूप में जाने जाने वाले जनरल बिपिन रावत आज हमारे बीच नहीं हैं। उनके जाने की खबर से देश का हर वह व्यक्ति आहत है जो उनके जैसे व्यक्तित्व को देश की धरोहर समझकर उन पर गर्व करता था। उनकी असामयिक और अप्रत्याशित मृत्यु ने हम सबको झकझोर […]

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इतिहास के पन्नों से स्वर्णिम इतिहास हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के पुरोधा श्रीराम, अध्याय – 11( ख) राम हमारी श्रद्धा के केन्द्र क्यों ?

      संसार के इतिहास में ऐसे अवसर ढूंढने बड़े कठिन हैं – जब राज्य गेंद बनकर उछल रहा हो। कोई सा भाई भी राज्य पर अपना अधिकार बनाना उचित नहीं मान रहा था। दोनों धर्म और मर्यादा की डोर से बंधे गए थे और एक दूसरे से कहे जा रहे थे कि राज सिंहासन पर […]

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इतिहास के पन्नों से स्वर्णिम इतिहास हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के पुरोधा श्रीराम, अध्याय – 11( क) राम हमारी श्रद्धा के केन्द्र क्यों ?

रामचंद्र जी को भारत के लोगों ने अपनी श्रद्धा और आस्था का केंद्र बनाकर पूजा है।  पिछले अध्यायों में हमने इस बात पर प्रकाश डालने का प्रयास किया है कि वह हमारी श्रद्धा और आस्था के केंद्र क्यों बन गए ? निश्चित रूप से उनका महान व्यक्तित्व ही इसके लिए उत्तरदायीहै । अब इस अध्याय […]

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