इतिहास की पड़ताल पुस्तक से …. अध्याय – 17 देश अपनी आजादी की 75 वीं वर्षगाँठ मनाने की तैयारियों में जुट गया है। किसी भी देश व समाज को खड़ा करने के लिए 74 वर्ष बहुत होते हैं। यद्यपि राष्ट्र के सनातन स्वरूप को देखते हुए 74 वर्ष एक अरब 40 करोड़ की जनसंख्या को […]
Author: डॉ॰ राकेश कुमार आर्य
मुख्य संपादक, उगता भारत
अपने विनाश को मौन होकर देखता हिंदू समाज
अब से लगभग १०० वर्ष पूर्व महात्मा गांधी भारतीय स्वाधीनता आंदोलन में बढ़-चढ़कर भाग ले रहे थे। उनकी विचारधारा के अनुकूल कार्य करने वाले लोगों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही थी। कांग्रेस पर उनका लगभग एकाधिकार हो चुका था । उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने १९३७ में वर्धा में अपनी बैठक आयोजित की। […]
जिंदगी निकट से होकर चली गई…
हम संसारीजन जब परस्पर एक दूसरे से कुशल क्षेम पूछते हैं तो अक्सर कुशल क्षेम बताने वाला व्यक्ति यह कहता हुआ पाया जाता है कि ‘बस कर रहे हैं टाइम पास।’ युधिष्ठिर परिव्राजक जी इस विषय में अपने प्रवचनों में कहते हैं कि जैसे कोई व्यक्ति रेलवे स्टेशन पर जाता है और वहाँ जाकर उसे […]
नहीं नववर्ष ये अपना
नहीं नववर्ष ये अपना, हमारा चैत्र होता है। खिलेंगे पुष्प उपवन में वही नव वर्ष होता है।। प्रभु की सृष्टि को समझो बड़ा विज्ञान इसमें है। पढ़ा कर वेद को बंदे, छुपा यह ज्ञान जिसमें है।। कभी ऋत सत्य को समझो सनातन हर्ष होता है… खिलेंगे पुष्प उपवन में वही नव वर्ष होता है।। 1।। […]
[हिन्दवी – स्वराज के संस्थापक शिवाजी और उनके उत्तराधिकारी पुस्तक से] (अध्याय 15) सूर्य ढलने लगा अब हिंदवी स्वराज्य का। हृदय को छलने लगा फूट का वह राज था।। आघात अपने आप दे आप को छलने लगे। तीर शकुनिवाद के अपनों पर चलने लगे।। मराठों ने भारत से मुगलिया सत्ता को सदा-सदा के लिए उखाड़ […]
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह अब इस संसार में नहीं रहे। उनकी शांत – शालीन और गंभीर मुखमुद्रा उन्हें राजनीति में एक विशिष्ट स्थान प्रदान करती थी। उनका व्यक्तित्व अपने आप में निराला और अनोखा था। अपने राजनीतिक जीवन में सरदार मनमोहन सिंह ने अनेक प्रकार की आलोचनाओं को बहुत शालीनता के साथ […]
भारत अपना प्यारा हमको
जहां लेना जन्म समझते हैं, सौभाग्य देव अपने मन में। उसको हम भारत कहते हैं, नहीं और कहीं जगती भर में।। नदियों की कल कल प्यारी है, झरने भी गीत सुनाते हैं। धरती से बादल मिलने को , रिमझिम का गीत सुनाते हैं।। जहां आनंदी हमको धूप मिले, नव संदेश मिले, उपदेश मिले। जगती भर […]
भाजपा जिस हिंदुत्व के सहारे सत्ता में पहुंची थी यदि वह स्वयं या उसका मार्गदर्शक संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हिंदुत्व की ओर से मुंह फेरकर खड़े हुए या उन्होंने कांग्रेस की भांति किसी दोगली विचारधारा को अपनाकर उसे हिंदुत्व का स्वरूप देने का प्रयास किया तो देश की जनता उन्हें माफ नहीं करेगी। यह शीशे […]
ऋषि मुनियों की भूमि भारत
ऋषि मुनियों की भूमि भारत, मानवता की रही उपासिका। वेद के गीत सुनाती हमको, प्रेम स्नेह की रही साधिका।। राष्ट्र का बोध कराती हमको, प्रेम के भाव जगाती है। अपनी संतति मान सभी को, प्रेम से गले लगाती है।। ऊंचाई हमारे भावों में भर, हृदय को पवित्र बनाती है। सत्व- भाव का सेतु बनकर, जीवन […]
भारत के 1235 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास …. (हिन्दवी स्वराज के संस्थापक शिवाजी और उनके उत्तराधिकारी पुस्तक से .. अध्याय-14) पेशवा नारायणराव माधवराव प्रथम के पश्चात मराठा साम्राज्य दुर्बल होने लगा, क्योंकि उसके पश्चात इस साम्राज्य की संरक्षा व सुरक्षा के लिए कोई मजबूत इच्छाशक्ति वाला पेशवा इस साम्राज्य को नहीं मिला। माधवराव की […]