डॉ. वेदप्रताप वैदिक अभी भी व्हाट्साप पर स्वास्थ्य-जांच रपटें, यात्रा और होटल के विवरण तथा व्यापारिक लेन-देन के संदेशों को भेजने की खुली व्यवस्था है। ‘फेसबुक’ चाहती है कि ‘व्हाट्साप’ की समस्त जानकारी का वह इस्तेमाल कर ले ताकि उससे वह करोड़ों रुपए कमा सकती है। आजकल व्हाट्साप को दुनिया के करोड़ों लोग रोज इस्तेमाल […]
लेखक: डॉ वेदप्रताप 'वैदिक'
डॉ. वेदप्रताप वैदिक भारतीयों टीकों का इस्तेमाल अपने पड़ोसी देशों में भी जमकर होगा। पाकिस्तान के अलावा दक्षेस के सभी राष्ट्र आस लगाए बैठे हैं कि भारतीय टीका उनका उद्धार करेगा। वह सस्ता भी है और उसे सहेजना भी आसान है। भारत इन पड़ोसी देशों को लगभग एक करोड़ टीके शीघ्र देने वाला है। […]
डॉ. वेदप्रताप वैदिक यह ठीक है कि अमेरिका और ब्रिटेन में टीके को स्वीकृति तभी मिली है जबकि उसके पूरे परीक्षण हो गए हैं लेकिन हम यह न भूलें कि इन देशों में भारत के मुकाबले कोरोना कई गुना ज्यादा फैला है जबकि उनकी स्वास्थ्य-सेवाएं हमसे कहीं बेहतर हैं। कोरोना का टीका देश के […]
डॉ. वेदप्रताप वैदिक ट्रंप की इस घनघोर अराजक वृत्ति के बावजूद अमेरिकी संसद के दोनों सदनों ने बाइडन और कमला हैरिस की जीत पर अपनी मुहर लगा दी। उन विवेकशील रिपब्लिकन सांसदों पर हर लोकतंत्रप्रेमी गर्व करेगा, जिन्होंने अपने नेता ट्रंप के खिलाफ वोट दिया। डोनाल्ड ट्रंप ने सिद्ध कर दिया है कि वह […]
डॉ. वेदप्रताप वैदिक डॉ. वेदप्रताप वैदिक जैसी कि मुझे आशा थी, सरकार और किसानों की बातचीत थोड़ी आगे जरुर बढ़ी है। दोनों पहले से नरम तो पड़े हैं। इस आंशिक सफलता के लिए जितने किसान नेता बधाई के पात्र हैं, उतनी ही सराहना के पात्र हमारे कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और व्यापार-उद्योग मंत्री […]
डॉ. वेदप्रताप वैदिक ज्यादातर ‘धर्म-परिवर्तन’ थोक में होते हैं, जैसे कि ईसाइयत और इस्लाम में हुए हैं। ये काम तलवार, पैसे, ओहदे, वासना और डर के कारण होते हैं। यूरोप और एशिया का इतिहास आप ध्यान से पढ़ें तो आपको मेरी बात समझ में आ जाएगी। अब मध्य प्रदेश ने भी उत्तर प्रदेश और […]
डॉ. वेदप्रताप वैदिक भारत में आज किसकी आजादी में क्या कमी है ? जो भी जो चाहता है, वह बोलता और लिखता है। उसे रोकने वाला कौन है ? जो अखबार, पत्रकार और टीवी चैनल खुशामदी हैं, डरपोक हैं, कायर हैं, लालची हैं— वे अपना ईमान बेच रहे हैं। भारत के किसानों ने विपक्षी […]
डॉ. वेदप्रताप वैदिक प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जनसंख्या नियंत्रण के मुद्दे पर थोड़ी सजगत दिखाई थी और नसबंदी अभियान शुरू किया था लेकिन संजय गांधी के अति उत्साह और कुछ ज्यादतियों के कारण वह हाशिए में चला गया। आपातकाल ने उसे और भी बदनाम कर दिया। यदि भारत में जनसंख्या की रफ्तार जो आजकल […]
डॉ. वेदप्रताप वैदिक हैदराबाद की नगर-निगम के चुनाव और उसके परिणामों की राष्ट्रीय स्तर पर विवेचना हो रही है लेकिन मुझे इस स्थानीय बिल में से एक अंतरराष्ट्रीय सांप निकलता दिखाई पड़ रहा है। यह स्थानीय नहीं, अंतरराष्ट्रीय चुनाव साबित हो सकता है। यह एक भारत को कई भारत बनानेवाली घटना बन सकता है। मोहम्मद […]
डॉ. वेदप्रताप वैदिक यदि निशंक अंग्रेजी की बपौती को खत्म करके अंग्रेजी समेत 5-7 विदेशी भाषाओं को देश में प्रचलित करें तो हमारा विदेश-व्यापार और राजनय कुलांचे भरने लगेगा और भारत दुनिया की एक सबल और संपन्न महाशक्ति हमारे देखते-देखते बन जाएगा। शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने घोषणा की है कि उनका […]