डॉ. वेदप्रताप वैदिक सरकारें लड़ती-झगड़ती रहें तो भी लोगों के बीच बातचीत जारी रहे। यह इसलिए जरूरी है कि दक्षिण और मध्य एशिया के 16-17 देशों के लोग एक ही आर्य परिवार के हैं। उनकी भाषा, भूषा, भोजन, भजन और भेषज अलग-अलग हो सकते हैं लेकिन उनकी संस्कृति एक ही है। दक्षेस (सार्क) के विदेश […]
लेखक: डॉ वेदप्रताप 'वैदिक'
डॉ. वेदप्रताप वैदिक इन दोनों पार्टियों की कार्यपद्धति में आजकल अद्भुत समानता दिखाई पड़ने लगी है। चारों राज्यों में सत्ता-परिवर्तन चुटकी बजाते ही हो गया। कोई दंगल नहीं हुआ। कोई उठा-पटक नहीं हुई। हटाए गए मुख्यमंत्री अभी तक अपनी पार्टी में ही टिके हुए हैं। पंजाब, गुजरात, उत्तराखंड और कर्नाटक में जिस तरह मुख्यमंत्री बदले […]
डॉ. वेदप्रताप वैदिक भारत के बाजारों में चमचमाते अंग्रेजी के नामपटों को देखकर लगता है कि भारत अभी भी अंग्रेजों का ही गुलाम है। अगर आप बैंकों में जाकर देखें तो मालूम पड़ेगा कि लगभग सभी खातेदारों के दस्तखत अंग्रेजी में हैं। आपका नाम हिंदी में है, फिर हस्ताक्षर अंग्रेजी में क्यों है? हिंदी दिवस […]
वेद प्रताप वैदिक जो काम हमारे देश में नेताओं को करना चाहिए, उसका बीड़ा भारत के जैन समाज ने उठा लिया है। सूरत, अहमदाबाद और बेंगलुरु के कुछ जैन सज्जनों ने एक नया अभियान चलाया है, जिसके तहत वे लोगों से निवेदन कर रहे हैं कि वे दिन में कम से कम 3 घंटे अपने […]
डॉ. वेदप्रताप वैदिक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखिया मोहन भागवत ने मुंबई की एक सभा में कहा कि मुसलमान नेताओं को कट्टरपंथियों के खिलाफ दो-टूक रवैया अपनाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यह एतिहासिक सत्य है कि भारत में इस्लाम विदेशी हमलावरों की वजह से आया है। लेकिन उन्होंने साथ-साथ यह भी कहा कि […]
डॉ. वेदप्रताप वैदिक जो चीन बराबर तालिबान की पीठ ठोंक रहा है और जो मोटी पूंजी अफगानिस्तान में लगाने का वादा कर रहा है, वह भी आतंकवादरहित और मिली-जुली सरकार की वकालत कर रहा है लेकिन मैं समझता हूं कि सबसे पते की बात ईरान के नए राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने कही है। अफगानिस्तान की […]
डॉ. वेदप्रताप वैदिक सरकार को तकनीकी विशेषज्ञों को सक्रिय करके ऐसी विस्तृत नियमावली तैयार करनी चाहिए कि उसका उल्लंघन होने पर एक भी मर्यादाहीन शब्द इन संचार साधनों पर न जा सके। और यदि चला जाए तो दोषी व्यक्ति के लिए कठोरतम सजा का प्रावधान किया जाए। सर्वोच्च न्यायालय ने वेब पोर्टल्स और यूट्यूब चैनलों […]
डॉ. वेदप्रताप वैदिक अब लगभग 20 साल बाद आज अमेरिका अफगानिस्तान से वापस लौट रहा है। विश्व का सबसे शक्तिशाली राष्ट्र आज किस मुद्रा में है? गालिब के शब्दों में ‘बड़े बेआबरु होकर तेरे कूचे से हम निकले।’ यदि अमेरिका की तालिबान से सांठ-गांठ नहीं होती तो काबुल छोड़ते वक्त हजारों अमेरिकी मारे जाते जैसे […]
डॉ. वेदप्रताप वैदिक इंदिरा गांधी के मंत्रिमंडल में क्या एक भी मंत्री ने कभी आपातकाल के विरुद्ध आवाज उठाई ? आपातकाल की बात जाने दें, यों भी मंत्रिमंडल की बैठकों में होने वाले बड़े-बड़े फैसले जब होते हैं तो क्या उन पर दो-टूक बहस होती है ? सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश डी.वाय. चंद्रचूड़ ने सत्यनिष्ठता […]
डॉ. वेदप्रताप वैदिक शिव सेना के सांसद संजय राउत का यह कहना काफी अजीब सा है कि नाथूराम गोडसे ने गांधी की बजाय जिन्ना को मार डाला होता तो भारत-विभाजन शायद रूक जाता लेकिन राउत भूल गए कि गांधीजी की हत्या विभाजन के ठीक साढ़े पाँच महिने बाद हुई थी। यदि भारत-विभाजन के पहले […]