दुनिया को राह दिखाता फ्रांस… (फ्रांसीसी संसद ने ‘गणतांत्रिक मूल्यों को सशक्त करने का विधेयक’ पारित किया है। इसका उद्देश्य आम मुसलमानों को रेडिकल यानी चरमपंथी इस्लाम से दूर रखना है। इसमें मस्जिदों को बाहरी धन लेने से रोकना मुस्लिम बच्चों को भूमिगत इस्लामी प्रशिक्षण स्थलों में भेजने से रोकने जैसे प्रविधान हैं।) फ्रांसीसी संसद […]
Author: डॉ शंकर शरण
[ शंकर शरण ]: एआइएमआइएम के नेता वारिस पठान द्वारा समुदायिक बल का गुमान दिखाने से उनके सेक्युलर-वामपंथी समर्थक ही झेंपे, क्योंकि वे मुसलमानों के बारे में कुछ और बातें कहते रहते हैं। इसी पार्टी के अकबरुद्दीन ओवैसी तो कई बार अपनी 15 मिनट वाली धमकी दोहरा चुके हैं कि हम पच्चीस करोड़ हैं और […]
आवश्यक है अल्पसंख्यक को परिभाषित करना [इस समय देश में चर्चा छिड़ी हुई है कि क्या अनेक राज्यों में हिन्दुओं को अल्पसंख्यक क्यों न सिद्ध किया जाये। कश्मीर,पंजाब, उत्तर पूर्वी राज्यों में हिन्दुओं की संख्या कम हैं। फिर भी उसे अल्पसंख्यक के नाम पर मिलने वाले किसी भी सुविधा से वंचित रखा जाता हैं। इस […]
*🚩संविधान के सभी अनुच्छेद सभी नागरिकों पर समान रूप से लागू क्यों नहीं हैं?* *🚩कुछ समय से देश में समान नागरिक संहिता की चर्चा बार-बार हो रही है, लेकिन वह आगे नहीं बढ़ पा रही है। इसी तरह हिंदू मंदिरों को सरकारी कब्जे से मुक्त कराने की मांग भी अनुसनी बनी हुई है। छोटे-मोटे संगठन […]
—————————————————- हाल में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने लव-जिहाद के खतरे से निपटने के लिए एक अध्यादेश जारी किया है। इसके अलावा और दो-तीन राज्यों में इसके खिलाफ कानून बनाने की तैयारी चल रही है। विडंबना देखिए कि इसे कुछ लोग हिंदुत्ववादियों का दुष्प्रचार बता रहे हैैं, जबकि वे यह नहीं देख रहे कि […]
______________________________________ लगभग आरंभ से ही कम्युनिस्टों को अपनी वैज्ञानिक विचारधारा और प्रगतिशील दृष्टि का घोर अहंकार रहा है। लेकिन अनोखी बात यह है कि इतिहास व भविष्य ही नहीं, ठीक वर्तमान यानी आंखों के सामने की घटना-परिघटना पर भी उनके मूल्यांकन, टीका-टिप्पणी, नीति, प्रस्ताव आदि प्राय: मूढ़ता की पराकाष्ठा साबित होते रहे हैं। यह न […]