शंकर शरण (वरिष्ठ पत्रकार) क्या आपने ध्यान दिया है कि कश्मीरी, बंगाली या पंजाबी हिन्दुओं के बीच महात्मा गांधी कभी लोकप्रिय नहीं रहे? कारण थाः वास्तविक जीवन का सबक। अपने लंबे अनुभव से उन्होंने गांधीजी की अनेक नीतियों और विचारों को बचपना या क्रूर मजाक से अधिक कुछ नहीं माना। बंगाली हिन्दुओं का हाल समझने […]
लेखक: डॉ शंकर शरण
[ #शंकरशरण ]: #विद्याधरसूरजप्रसादनायपॉल के निधन पर मन में पहली बात यह आई कि पूर्वजों के भारत से दूर जा चुकने के बावजूद भारत और हिंदू धर्म उनके जीवन में बना रहा। वह टैगोर के बाद साहित्य का नोबेल पाने वाले भी दूसरे हिंदू मनीषी थे। त्रिनिदाद में जन्मे #वीएसनायपॉल न ईसाई बने और […]
लेखक:- डॉ. शंकर शरण बहुतेरे विदेशी लोग, और बड़ी संख्या में भारतीय उच्च-शिक्षित लोग भी भारत में ब्रिटिश राज से पहले के शासन को सामान्यतः ‘मुगल शासन’ के रूप में ही जानते हैं। वे समझते हैं कि ब्रिटिश साम्राज्य वस्तुत: मुगल साम्राज्य का उत्तराधिकारी था। उन्हें यह मोटा सा तथ्य ध्यान नहीं रहता कि […]
( लेखक : डॉ शंकर शरण ) हमारे देश की पाठ्य-पुस्तकों में जवाहरलाल नेहरू का गुण-गान होते रहना कम्युनिस्ट देशों वाली परंपरा की नकल है। अन्य देशों में किसी की ऐसी पूजा नहीं होती जैसी यहाँ गाँधी-नेहरू की होती है। अतः जैसे रूसियों, चीनियों ने वह बंद किया, हमें भी कर लेना चाहिए। वस्तुतः […]
खान मार्केट गैंग / अर्बन नक्सल स्वतंत्र भारत में पीढ़ियों से एक विशेषाधिकारी वर्ग केंद्रीय सत्ता का दरबारी, सहयोगी और चहेता रहा है। उसी को कभी लुटियन तो कभी खान-मार्केट ‘गिरोह’ कहा जता है। सोशल मीडिया में उन्हें और भी नाम दिए जाते हैं। इसी वर्ग की प्रतिनिधि शोभा डे और तवलीन सिंह ने चुनाव […]
शंकर शरण इन दिनों अनुसूचित जाति-जनजाति संबंधित (अत्याचार निरोधक) कानून को सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुधारने, फिर उसे संसद द्वारा संशोधित कर यथावत कर देने और नए संशोधित कानून को पुन: सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का मसला गरम है। बहस हो रही है कि क्या कोर्ट द्वारा उस कानून के अंतर्गत गैर-जमानती गिरफ्तारी वाला प्रावधान […]
◆ क्या अकबर ने इस्लाम छोड़ दिया था? कुछ समय से गीतकार जावेद अख्तर बादशाह अकबर का झंडा बुलंद कर रहे हैं। एक ताने जैसा कि अकबर के समय भारत धनी था, इसलिए मुगल-काल को बुरा नहीं कहना चाहिए। उन के पीछे दूसरे सेक्यूलर-वामपंथी भी वही दुहरा रहे हैं। लेकिन क्या वे जानते हैं कि […]
◆ क्या अकबर ने इस्लाम छोड़ दिया था? कुछ समय से गीतकार जावेद अख्तर बादशाह अकबर का झंडा बुलंद कर रहे हैं। एक ताने जैसा कि अकबर के समय भारत धनी था, इसलिए मुगल-काल को बुरा नहीं कहना चाहिए। उन के पीछे दूसरे सेक्यूलर-वामपंथी भी वही दुहरा रहे हैं। लेकिन क्या वे जानते हैं कि […]
बंगलादेश में हिन्दू-संहार और रिचर्ड बेंकिन कुछ पुस्तकें पढ़ना कष्टकर होता है। डॉ. रिचर्ड बेंकिन की ‘ए क्वाइट केस ऑफ एथनिक क्लीन्सिन्ग: द मर्डर ऑफ बंगलादेश’ज हिन्दूज’ (अक्षय प्रकाशन, नई दिल्ली) इतनी पीड़ादायक है कि इसे पढ़ने में कई बार प्रयास करना पड़ा। हर बार दो-चार पृष्ठ पढ़ते ही मन त्रस्त हो जाता। पुस्तक रख […]
यह आतंकवाद है या युद्ध? एक बार प्रसिद्ध लेखक सलमान रुश्दी ने पूछा था, ”जिस मजहबी विश्वास में मुसलमानों की इतनी श्रद्धा है, उसमें ऐसा क्या है जो सब जगह इतनी बड़ी संख्या में हिंसक प्रवृत्तियों को पैदा कर रही है?” दुर्भाग्य से अभी तक इस पर विचार नहीं हुआ। जबकि पिछले दशकों में अल्जीरिया […]