डॉ. सत्यवान सौरभ- एक मृत अंग दाता आठ लोगों की जान बचा सकता है। दान की गई दो किडनी दो रोगियों को डायलिसिस उपचार से मुक्त कर सकती हैं। दान किए गए एक लीवर को प्रतीक्षा सूची के दो रोगियों के बीच विभाजित किया जा सकता है। दो दान किए गए फेफड़ों का मतलब है […]
Author: डॉ सत्यवान 'सौरभ'
कवि,स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, आकाशवाणी एवं टीवी पेनालिस्ट,
333, परी वाटिका, कौशल्या भवन, बड़वा (सिवानी) भिवानी,
हरियाणा – 127045, मोबाइल :9466526148,01255281381
दल-बदल विरोधी कानून सरकार स्थिरता में कारगर होने की बजाय खरीद फरोख्त का तरीका है। ” दल-बदल क़ानून के दायरे से बचने के लिए विधायक या सांसद इस्तीफा दे रहे हैं. लेकिन ऐसा प्रावधान किया जाना चाहिए कि जिस पीरियड के लिए वो चुने गए थे, अगर उससे पहले उन्होंने स्वेच्छा से त्यागपत्र दिया, तो […]
दोहे, कहानी, कविता, संपादकीय लिखने वाले डॉ सत्यवान सौरभ का जन्म बड़वा भिवानी हरियाणा में हुआ। ये वर्तमान दौर के युवा स्वतंत्र पत्रकार हैं तथा आकाशवाणी और टीवी पेनालिस्ट है। इसलिए उनकी रचनाएं सामयिक घटनाओं व प्रसंगों से प्रेरित होती हैं तथा उनकी रचनाएं देश भर के अखबारों में में प्रतिदिन अनिवार्य उपस्थिति रहती है। […]
वोट बटोरने का शॉर्टकट ‘रेवड़ी की राजनीति’
मुफ्तखोरी की संस्कृति इतने खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है कि कुछ राजनीतिक दलों का अधिकांश चुनावी एजेंडा, एक सोची-समझी रणनीति के तहत केवल मुफ्त की पेशकशों पर आधारित है, जो मतदाताओं को स्पष्ट रूप से एक संदेश भेज रहा है कि यदि राजनीतिक दल जीतता है तो उन्हें ढेर सारी मुफ्त चीजें मिलेंगी। इससे […]
स्वतंत्र, कानून का पालन करने वाले संस्थान आवश्यक जांच और संतुलन सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे मजबूत और लचीले लोकतंत्रों के लिए अंतिम आधार प्रदान करते हैं। हाल ही में, भारत में समाज के कमजोर वर्गों द्वारा विरोध की कई घटनाएं हुई हैं। इसके अलावा, असहमति के दमन की प्रकृति कानून प्रवर्तन […]
(गगनचुंबी हवेलियां, मनमोहक चित्रकारी, कुंड रुपी जलाशय, हाथीखाने, खजाना गृह, कवच रुपी मुख्य ठोस द्वार और न जाने क्या-क्या) — डॉo सत्यवान सौरभ, दक्षिण-पश्चिम हरियाणा में शुष्क ग्रामीण इलाकों का विशाल विस्तार है, जो उत्तरी राजस्थान के रेतीले क्षेत्रों से सटे हुए है, यहाँ बड़वा नामक एक समृद्ध गांव स्थित है। यह राजगढ़-बीकानेर राज्य राजमार्ग […]
उड़े तिरंगा बीच नभ
आज तिरंगा शान है, आन, बान, सम्मान। रखने ऊँचा यूँ इसे, हुए बहुत बलिदान।। नहीं तिरंगा झुक सके, नित करना संधान। इसकी रक्षा के लिए, करना है बलिदान।। देश प्रेम वो प्रेम है, खींचे अपनी ओर। उड़े तिरंगा बीच नभ, उठती खूब हिलोर।। शान तिरंगा की रहे, दिल में लो ये ठान। हर घर, हर […]
(विश्व की उदीयमान प्रबल शक्ति के बावजूद भारत अक्सर वैचारिक ऊहापोह में घिरा रहता है. यही कारण है कि देश के उज्ज्वल भविष्य और वास्तविकता में अंतर दिखाई देता है. हालांकि भारत महाशक्ति बनने की प्रक्रिया में प्रमुख बिंदुओं पर खरा उतरता है, लेकिन व्यापक अंतर्राष्ट्रीय संदर्भ में घरेलू मुद्दों के कारण वह कमजोर पड़ […]
विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस हर साल 28 जुलाई को मनाया जाता है ताकि यह पहचाना जा सके कि एक स्वस्थ पर्यावरण एक स्थिर और उत्पादक समाज और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक नींव है। प्रकृति है तो जीवन है, जीवन है तो मानव है, मानव है तो मानवता है। प्रकृति संरक्षण सबसे बड़ा पुण्य […]
बुजुर्ग हमारे वजूद हैं न कि बोझ
(बदलते परिवेश में एकल परिवार बुजुर्गों को घर की दहलीज से दूर कर रहें है. बच्चों को दादी- नानी की कहानी की बजाय पबजी अच्छा लगने लगा है, बुजुर्ग अपने बच्चों से बातों को तरस गए है. वो घर के किसी कोने में अकेलेपन का शिकार हो रहें है. ऐसे में इनकी मानसिक-आर्थिक-सामाजिक समस्याएं बढ़ती जा रही […]