प्राचीन उज्जैन में हुए प्रतापी राजा भर्तृहरि अपनी तीसरी पत्नी पिंगला पर कुछ अधिक ही मोहित थे और वे उस पर अत्यंत विश्वास करते थे। राजा पत्नी मोह में अपने कर्तव्यों को भी भूल गए थे। उस समय उज्जैन में एक तपस्वी गुरु गोरखनाथ का आगमन हुआ। गोरखनाथ राजा के दरबार में पहुंचे। भर्तृहरि ने […]
