(29 जुलाई 2014 के लिए) समय मिलता नहीं, चुराना सीखें आम तौर पर यह जुमला मशहूर है कि समय नहीं मिलता। किसी काम वाले से पूछें या महान से महान निकम्मे से, सारे के सारे एक वाक्य तकरीबन रोजाना और कितनी ही बार कहते रहे हैं कि समय नहीं मिलता, क्या करें। आदमी को अपने […]
Author: डॉ. दीपक आचार्य
हर जगह विद्यमान हैं मायावी स्पीड ब्रेकर – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com हर विचार और कर्म का अपना निर्धारित प्रवाह होता है जो अपने आप चलता चला जाता है और परिणाम देता रहता है। यह जीवन से लेकर जगत तक का क्रम स्वतः और स्वाभाविक रूप से चला आ रहा है और चलता रहेगा। […]
आज का चिंतन-08/05/2014
चर्चा उसी से करें जिससे उसका संबंध हो – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com आजकल हर जगह अजीब सी बात ये हो रही है कि हम लोग अपनी बातें मन-तन से बाहर निकालने के लिए उनके सामने रोना रो लिया करते हैं जिनका इससे कोई संबंध नहीं होता। जिन लोगों का हमारी किसी बात से […]
आज का चिंतन-28/04/2014
हर तरफ पसरे हैं अजीबोगरीब क्लोन – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com विज्ञान के युग में हर विषय कहीं न कहीं विज्ञान पर जाकर ही अटक जाता है। वैज्ञानिक युग के आविष्कारों में इंसान की प्रतिकृति का सपना हमारे वैज्ञानिक जाने कब पूरा कर पाएं मगर अपने यहाँ ऎसे लोगों की कोई कमी नहीं है जो […]
आज का चिंतन-24/04/2014
हमारी नालायकी दर्शाता है यह अलगाव और पलायन – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com जमाना तेज रफ्तार पा गया है। वैश्वीकरण और अत्याधुनिक संचार सुविधाओं के मौजूदा दौर में कोई क्षेत्र ऎसा अछूता नहीं है जहाँ सभी प्रकार की सुविधाएं न्यूनाधिक रूप में मौजूद न हों। इसके बावजूद एक क्षेत्र के लोग अपने इलाकों में […]
आज का चिंतन-18/04/2014
प्रतीक्षा में समय न गँवाएँ जो होना था सो हो गया – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com ईश्वर ने हमें पहले के युगों के मुकाबले अब बहुत ही कम आयु दी है और उसका भी अधिकांश समय हम भविष्यवाणियों, कयासों और प्रतीक्षा से लेकर चर्चाओं और बहसों में गुजार दिया करते हैं जबकि इस […]
आज का चिंतन-09/04/2014
भगवान ने सब कुछ दिया है सुखी या दुःखी होना अपने हाथ में – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com इंसान की जात-जात की भूख और प्यास इतनी विराट और अपरिमित है कि पूरी दुनिया उसे मिल जाए तब भी भिखारी का भिखारी ही रहेगा, उसे संतोष या तृप्ति का अहसास कभी नहीं हो सकता। इंसान के लिए […]
आज का चिंतन-06/04/2014
खुद को बनाएं आईना लोगों का सच बोल उठेगा – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com मलीनता और शुद्धता ठीक वैसे ही हैं जैसे कि दिन और रात। इनमें से एक का ही वजूद रहता है। हो सकता है कुछ समय का संक्रमण काल ऎसा उपस्थित हो जाए कि दोनों का ही धुंधलका नज़र आए लेकिन […]
आज का चिंतन-29/03/2014
नयी पीढ़ी को मौका दें, भरोसा रखें क्षमताओं पर – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com समाज और देश का दुर्भाग्य है कि जो जहाँ है वहाँ हमेशा टिका रहना चाहता है और उसके जीवन का एकमात्र सर्वोपरि लक्ष्य यही रहता आया है कि वह हमेशा वर्तमान ही बना रहे। दिन-महीने-साल गुजरते चले जाएं, तारीख […]
आज का चिंतन-18/03/2014
व्याधियाँ और उद्विग्नता देती हैं बिना मेहनत की कमाई – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com संतोष का सीधा संबंध शुचिता से है जबकि शुचिताहीनता अपने साथ उद्विग्नता और असंतोष लाती है। जिस पैसे या द्रव्य में पवित्रता का अभाव है वह धन-दौलत और जमीन-जायदाद जिसके भी पास होगी, वह धनाढ्य और जमीदार तो कहलाया जा सकता है […]