डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 अब तक यही कहा जाता रहा है कि एक मछली सारे तालाब को गन्दा कर देती है पर अब मछली एकमात्र नहीं होती, मछलियों ने संगठन की ताकत को समझ लिया है तभी अब एक ही तालाब में खूब सारी ऐसी समान दुराचार-दुर्व्यहार वाली मछलियाँ गिरोह के रूप में रहने लगी […]
मुर्दाल मनहूसों का साया, हर तरफ अपना-पराया
