उगता भारत ब्यूरो एक पौष्टिक और अच्छी सेहत के लिए कैसा भोजना होना चाहिए। हमारे भोजन में 35 फीसदी हिस्सा अनाज और कंद-मूल, 500 ग्राम फल एवं सब्जियां और पौधों से मिलने वाली प्रोटीन होनी चाहिए। लेकिन मांस से प्राप्त प्रोटीन की मात्रा 14 ग्राम से अधिक नहीं होनी चाहिए। भोजन, ग्रह, स्वास्थ्य पर ईएटी-लांसेट […]
लेखक: धर्मचंद्र पोद्दार
कृष्ण कुमार मिश्र एक आदि वृक्ष की कहानी (देव-भूमि में इन वृक्षों की व्यथा देख जो संवेदना उपजी उसी ने यह कथा कहला दी…) उत्तराखण्ड देवभूमि में लगभग 2000 मीटर तक की ऊंचाई तक चिर पाइन यानी भारतीय चीड़ के जंगल मिल जाएंगे, ऊंचे ऊंचे ये दरख़्त नोकदार पत्तियां और भूरे लाल रंग के तने […]
दिलीप लाल झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काफिले पर 10 दिन पहले हुए हमले के बाद से राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल प्रमुखता से उठने लगे हैं। काफिले पर हमले की घटना राजधानी रांची से सटे ओरमांझी इलाके के जंगल में एक युवती का सिरकटा शव मिलने से लोगों में पनपे आक्रोश का […]
डॉ राकेश कुमार आर्य / धर्मचंद्र पोद्दार गिरधारीलाल देबू का जी आज हमारे बीच में स्मृति शेष हैं ।उनके जीवन के अनेकों ऐसे उदाहरण हैं जो आज हमारे लिए अनुकरणीय बन गए हैं वह जितनी देर भी हमारे बीच रहे उन्होंने नैतिकता और मानवता की अनेकों मिसाल कायम की । वह एक शाख के सुर्खरु […]
नेक दिल इंसान श्री देबुका को समिति के सभी पदाधिकारियों ने दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि जमशेदपुर (विशेष संवाददाता ) भारतीय इतिहास पुनर्लेखन समिति के राष्ट्रीय संरक्षक गिरधारीलाल देबुका अब हमारे बीच नहीं रहे हैं । वयोवृद्ध श्री देबुका का आज निधन हो गया। इस संबंध में जानकारी देते हुए समिति के राष्ट्रीय संयोजक धर्म चंद्र पोद्दार […]
प्रस्तुति : धर्म चंद्र पोद्दार हमारे इतिहास को इन वामपंथीयो ने मिलकर इन 70 सालों में भारत के इतिहास के असली पन्ने कैसे फाड़े ओर क्या क्या जोड़ा देखिये..!! 1) भारत का इतिहास सिंधु घाटी सभ्यता से शुरू नही होता बल्कि सरयू तट से शुरू होता है जहाँ महर्षि मनु को अपने मनुष्य होने का […]
हमारे इतिहास को इन वामपंथीयो ने मिलकर इन 70 सालों में भारत के इतिहास के असली पन्ने कैसे फाड़े ओर क्या क्या जोड़ा देखिये..!! 1) भारत का इतिहास सिंधु घाटी सभ्यता से शुरू नही होता बल्कि सरयू तट से शुरू होता है जहाँ महर्षि मनु को अपने मनुष्य होने का ज्ञान हुआ और मानव सभ्यता […]
सावरकर जी का पूरा नाम था विनायक दामोदर सावरकर उनका जन्म 28 मई 1882 को नासिक जिले के भगूर नामक ग्राम में हुआ था । आज सावरकर कहने मात्र से इन्हीं महापुरुष का बोध होता है । इनके परिचय के बारे में कुछ लिखना अटपटा लगता है । सावरकर जी में अदम्य साहस था […]
देश की सीमाओं को जानना अत्यावश्यक है । अपनी सीमाओं की वास्तविकता के विषय में जब हम जानेंगे तभी तो आने वाली पीढ़ी भी जानेगी कि हमारे देश की वास्तविक सीमाएं कहां से कहां तक है या अतीत में कहां से कहां तक रही हैं और यह क्रम तब तक चलता रहेगा जब तक कि […]
हम अपने पिछले 100 वर्ष के इतिहास पर गौर करें तो पाएंगे कि भारत को स्वतंत्र कराने के लिए अनेकों क्रांतिकारियों ने अपने आप को देश के लिए न्यौछावर कर दिया । इन लोगों ने अपना बलिदान भारत को स्वतंत्र कराने के लिए किया था । पाकिस्तान बनवाने के लिए नहीं । 14 अगस्त 1947 […]