देवेंद्र आर्य का विशेष संपादकीय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश में बिजली की बिगड़ती हुई व्यवस्था पर चिंता प्रकट की है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश सरकार को बसपा सरकार की वजह से 25 हजार करोड़ रूपये का कर्ज चुकता करना है। शिवपाल यादव का कहना है कि ग्यारह हजार करोड़ मेगावाट […]
लेखक: देवेंद्र सिंह आर्य
लेखक उगता भारत समाचार पत्र के चेयरमैन हैं।
भारत में राजनीति जैसे पवित्र मिशन को जब से कुछ लोगों ने व्यवसाय बनाया है, तब से यह मिशन न होकर घृणास्पद पेशा बन गया है। राजनीति और भ्रष्टïाचार आजादी के बाद कुछ इस प्रकार घुले मिले हैं कि दोनों को अलग अलग करना ही असंभव हो गया है। जहां राजनीति होगी वहां लोग भ्रष्टïाचार […]
देश के गृहमंत्री पी. चिदंबरम को सोनिया गांधी का वरदहस्त प्राप्त है। इसलिए किसकी मजाल है कि उनके खिलाफ कोई भी कांग्रेसी मुंह खोले। वित्तमंत्री प्रणव मुखर्जी देश के संभावित नये राष्टï्रपति हो सकते हैं-इसकी संभावनाएं जितनी प्रबल होती जा रही हैं उतने ही स्तर पर कई कांग्रेसी लोगों ने इस बात का रोना रोया […]
तम क्या है? और ज्योति क्या है? वैदिक ज्ञान के अतिरिक्त अन्य किसी ज्ञान-विज्ञान की दलदल में फंसा पश्चिमी जगत तम और ज्योति की गलत व्याख्या करके आज अपनी स्थिति पर स्वयं परेशान है। जीवन के सभी रिश्तों माता-पिता पुत्र, बंधु-बान्धव, मित्र कलत्र को उसने नकारकर अकेला चलकर देख लिया, किंतु जीवन का रस उसे […]
शस्त्र से ही राष्टर की रक्षा होती है। यदि राष्टर शस्त्र विहीन है तो उसकी दुर्बलता जग हंसाई का कारण बन जाती है। हमने अपनी स्वतंत्रता को दूसरों की चेरी बनते देखा है। अपनी संस्कृति को दूसरों की आरती उतारते देखा है और अपने धर्म को दूसरों के जूते साफ करते देखा है सिर्फ अपनी […]
युद्घ आदमी की फितरत का तकाजा कहा जाता है। लेकिन ऐसा कहा जाना उतना ही गलत है जितना यह कहा जाना कि सूर्य पूर्व से ना निकलकर पश्चिम से निकलता है। युद्घ व्यक्ति के बौद्घिक कौशल और बौद्घिक चातुर्य के निष्फल हो जाने से जन्मी हताशा का परिणाम होता है। राजनीति की भाषा में इस […]
सेनाध्यक्ष वीके सिंह ने देश की कमजोर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा और अब यह समाचार पत्रों के लिए लीक हो गया। अपनी जन्मतिथि संबंधी विवाद को लेकर जनरल मुंह की खाये बैठे थे। इसलिए उनके द्वारा अब उठाये इस मुद्दे को पूरा देश उनकी खींझ मिटाने की एक कोशिश के रूप […]
अन्ना हज़ारे ने एक बार पुनः जंतर मंत्र पर बीते रविवार को अपना एक दिवसीय अनशन रखा है। इस बार अन्ना कुछ संभले है और उन्होनें अपनी टीम की पहली गलतियों में सुधार किया है। उन्हें ये अहसास हुआ है कि राजनीति को बिना राजनीतिजों के नहीं हाँका जा सकता और ना ही किसी कानून […]
सोनिया की चुप्पी में चीन की सी कुटिलता है तो मनमोहन सिंह की शालीनता और विनम्रता देश के लिए उनकी ‘ठेंगा नीति’ बन चुकी है। सोनिया मनमोहन सरकार के निर्णय पर तब तक चुप रहती हैं जब तक उनसे सरकार और मनमोहन सिंह की फजीहत होती हो, जैसे ही ये निर्णय सोनिया और उनके परिवार […]
केन्द्रीय कृषि मंत्री शरद पवार पर महंगार्इ और भ्रष्टाचार से निपटने में अक्षम रही सरकार के प्रति अपना गुस्सा झाड़ते हुए एक युवक हरविन्दर ने चाँटा जड़ दिया। यह चाँटा सुरेश कलमाड़ी पर फैंके गये जूते (26 अप्रैल 2011), अरून्धति राय पर फैंके गये जूते (फरवरी 2009), प्रशान्त भूषण की की गर्इ पिटार्इ (12 अक्टूबर […]