2014 के लोकसभा चुनावों की पूर्व संध्या पर 11 राजनीतिक दलों ने देश की राजधानी दिल्ली में फिर अवसरवादी राजनीति को बढ़ावा देते हुए एक संयुक्त घोषणा पत्र जारी किया और एक गैर भाजपा व गैर कांगे्रसी धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक और जनोन्मुखी विकास करने वाले राजनैतिक मोर्चे को जन्म दिया। इस मोर्चे को भारतीय राजनीति की […]
Author: देवेंद्र सिंह आर्य
लेखक उगता भारत समाचार पत्र के चेयरमैन हैं।
गतांक से आगे………इस नील रंग का व्यापार मिश्र की जिस नदी के द्वारा होता था, उसको भी यहां रहने वाले नील ही कहते थे, जो नाइल के नाम से अब तक प्रसिद्घ है। जायसवाल महोदय कहते हैं कि भारतवासी नील नदी को जानते थे। हम कहते हैं कि यहां वाले नील नदी को जानते ही […]
इस पुस्तक के उपक्रम से यह बात स्पष्ट हो रही है कि योरप के विचारवान लोग वर्तमान भौतिक उन्नति से संतुष्ट नही है, प्रख्यात मनुष्य की स्वाभाविक स्थिति की खोज में है। उन्होंने यह बात निश्चित कर ली है कि मनुष्य अपनी उत्पत्ति के समय स्वाभाविक स्थिति में था और सुखी था। परंतु वह स्वाभाविक […]
हिन्दी के कई शब्द ऐसे हैं जिनके समानार्थक शब्द किसी भी भाषा के पास उपलब्ध नही हैं। उनमें से एक शब्द ‘सत्य’ है। यह शब्द संस्कृत के सत्यम् से बना है। सत्यम् की सन्धि विच्छेद करने पर हमें यह शब्द स+ति+यम् से मिलकर बनता हुआ स्पष्ट होता है। इसमें वैयाकरणिक आधार पर ‘स’ का अर्थ […]
गतांक से आगे….इस व्याकुलता को सांड, भैंसा, बकरा आदि तुरंत ही मालूम कर लेते हैं और गर्भ स्थापन कर देते हैं। जिन मादा पशुओं को आवश्यकता नही है, उनके नर उनकी ओर दृष्टिपात भी नही करते। किंतु मनुष्य में यह बात बिलकुल नही पाई जाती। न तो ऋतुमती स्त्री को ही कोई विलक्षण व्याकुलता होती […]
भारत की समस्या क्या है?
भारत की वास्तविक समस्या अशिक्षित समाज नही है जैसा कि कह दिया जाता है। वास्तव में भारत की वास्तविक समस्या शिक्षित समाज है। समस्या का निरूपण क्योंकि यह शिक्षित समाज करता है, इसलिए यह चोरी स्वयं करता है और कानून में दूसरों को फंसाता है। यह है इसकी शिक्षा का चमत्कार। वैसे हमारी व्यवस्था का […]
गतांक से आगे….आगामी धर्मसंसार में फेले हुए समस्त मतमतांतरों की आलोचना करता हुआ, एक विद्वान नामी पुस्तक में कहता है कि आगामी धर्म वैदिक धर्म ही होगा। अब संसार ईमान के दुर्ग से निकलकर बुद्घि और तर्क की ओर चल रहा है। जब तक मजहबी सिद्घांत को तत्वज्ञान पुष्ट न करे, तब तक वह स्थिर […]
थालियों और तालियों का बजना
उत्तर प्रदेश आजादी के बाद से ही देश की राजनीति में प्रमुख भूमिका निभाने वाला प्रांत रहा है। उत्तराखण्ड बनने तक प्रदेश के पास 85 लोकसभा सीटें होती थीं। आज भी इन सीटों में अधिक अंतर नही आया है। 82 सीटें अकेले उत्तर प्रदेश के पास आज भी हैं। इतनी सीटें किसी भी प्रांत के […]
गतांक से आगे….अहिंसा जहां दूसरों को सताना मारना मना करती है, वहां स्वयं दीर्घ जीवन प्राप्त करने की ओर भी प्रेरणा करती है। दीर्घ जीवन प्राप्त करने का सबसे बड़ा साधन प्राणायाम है। योरप में प्राणायाम का प्रचार बढ़ रहा है। डॉक्टर ‘मे’ कहते हैं कि जिससे हम स्वांस लेते हेँ, उसी वायु पर हमारा […]
गणतंत्र के ये अहम सवाल
भारत एक बार फिर अपना गणतंत्र दिवस मना रहा है। 1950 की 26 जनवरी से हम अपना यह पवित्र राष्ट्रीय पर्व मनाते आ रहे हैं। यह वह दिवस है जिसे प्राप्त करने के लिए भारत ने सैकड़ों वर्ष का संघर्ष किया। जब पहला विदेशी आक्रांता यहां आया, उसी दिन से उसे बाहर निकालने की लड़ाई […]