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विशेष संपादकीय

संविधान की खतरनाक धारा 370

देवेन्द्र सिंह आर्यप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सत्ता संभालते ही संविधान की धारा 370 पर राष्ट्रीय बहस शुरू हो गयी है। इस धारा को राष्ट्रवादी दलों व लोगों ने शुरू से ही आपत्तिजनक माना है। इसके आपत्तिजनक मानने के कुछ ठोस कारण हैं, जैसे-– जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता होती है।-जम्मू-कश्मीर का राष्ट्रध्वज अलग […]

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विशेष संपादकीय

नये पी.एम.की राष्ट्रनीति

राजनीति को हमारे देश में प्राचीन काल में राष्ट्रनीति कहा और माना जाता था। राष्ट्र एक अमूर्त्त भावना का नाम है। मैं आपके प्रति सम्मान भाव  रखता हूं, और आप मेरे प्रति रखते हैं-यह जो सम्मान भाव रखने की परंपरा है ना, यह दीखती नही है, पर वास्तव में ये ही वो चीज है जो […]

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विशेष संपादकीय वैदिक संपत्ति

मनुष्य का आदिम ज्ञान और भाषा-21

गतांक से आगे…..इसको स्वर्ग ऊपर भेजने वाले विश्वामित्र ही थे। इसलिए इस त्रिशंकु के नीचे ही, दक्षिण में विश्वामित्र नामी नक्षत्र होना चाहिए। क्योंकि उत्तर स्थित वशिष्ठ और दक्षिण स्थित विश्वामित्र के दिशाविरोध से ही वशिष्ठ और विश्वामित्र का विरोधालंकार प्रसिद्घ हुआ है। इन कौशिक अर्थात विश्वामित्र का वर्णन वाल्मीकि रामायण बालकाण्ड सर्ग 80 में […]

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विशेष संपादकीय

‘हिन्द की चादर’ बन गये नरेन्द्र मोदी

26 मई को नरेन्द्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री बन गये हैं तो जरा याद करें 3 जून 1947 का वो मनहूस दिन जब कांग्रेस ने सत्ता प्राप्ति की चाह में जल्दबाजी दिखाते हुए साम्प्रदायिक आधार पर देश का बंटवारा मान लिया था, और बंटवारे को लेकर की गयी उस बैठक से स्वातंत्रय वीर सावरकर जैसे […]

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विशेष संपादकीय वैदिक संपत्ति

मनुष्य का आदिम ज्ञान और भाषा-20

गतांक से आगे….. राजा अम्बरीष हम ऊपर लिख आए हैं कि अम्बरीष का वर्णन सहदेव के साथ आया है और वहां इसका अर्थ आमड़ा वृक्ष ही होता है। दूसरी जगह अमरकोष में अम्बरीष भड़भूंजे के भाड़ को भी कहते हैं। इससे अम्बरीष राजा सिद्घ नही होता। राजा त्रिशंकु यह राजा भी सूर्यवंश का है। इसके […]

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विशेष संपादकीय

खण्डित जनादेश को बांध गये मोदी

भारत के लोकतंत्र को बिकाऊ घोड़ों की मण्डी बनाने वालों और यहां आम चुनावों में मिलने वाले जनादेश की मनमानी व्याख्या करके सिरों की गिनती के आधार पर लोकतंत्र के साथ ‘क्रूर उपहास’ करने वाले लोगों के लिए वास्तव में ही सोचने का समय है। 16वीं लोकसभा में देश के मतदाताओं ने जिस परिपक्वता के […]

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विशेष संपादकीय वैदिक संपत्ति

मनुष्य का आदिम ज्ञान और भाषा-19

गतांक से आगे….. कानपुर में हमारे मित्र पं. बेनीमाधवजी प्रसिद्घ पंडित हैं। आपके चार पुत्र थे, चारों के नाम आपने राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न रक्खे थे, जिनमें राम और लक्ष्मण अब तक चिरंजीव हैं। प्रयाग जिले के बघेला ताल्लुकेदार कुंवर भरत सिंह जी यूपी में सैशन जज थे। वे चार भाई थे। चारों के […]

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विशेष संपादकीय

मोदी और पाकिस्तान की स्थिति

हर देश की शासकीय नीतियां कुछ इस प्रकार बनायी जाती हैं कि उनसे उसका पड़ोसी देश उस पर हावी न होने पाए और वह अपने देश की सीमाओं के भीतर पूरी तरह शांति-व्यवस्था बनाये रखकर विकास की राह पर चलता रहे। पर पाकिस्तान की नीतियां इनसे इतर रही हैं। उसे अपने देश की नीतियों का […]

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विशेष संपादकीय वैदिक संपत्ति

मनुष्य का आदिम ज्ञान और भाषा

गतांक से आगे…..सोमक साहदेव्यइसी प्रकार का दूसरा अलंकार ऋग्वेद 4-15 में आए हुए सोमक: साहदेव्य: के विषय का है। जिस पर यहां थोड़ा सा प्रकाश डालने की आवश्यकता है। रायबहादुर चिंतामणि विनायक वैद्य एम.एम. लिखते हैं कि ये सोमक सहदेव महाभारत कालीन व्यक्ति हैं।महाभारत मीमांसा पृष्ठ 107 पर वैद्य जिन सहदेव सोमक का जिक्र करते […]

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विशेष संपादकीय

ज्योति से ज्योति जगाते चलो

चढ़ते सूर्य को नमस्कार करने की भारतीय परंपरा बहुत प्राचीन है, वैज्ञानिक है। सूर्य आकाश में चढ़कर ही ढंग से प्रकाश फेेलाता है। इसलिए इस साधना के पीछे साधक की भावना है कि मैं भी ऊंचा चढ़कर संसार में अज्ञानांधकार को मिटाने के लिए प्रकाश फेेलाने वाला बनूं। इसलिए वेद ने कहा-उद्यानं ते पुरूष नावयानम्। […]

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