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विशेष संपादकीय वैदिक संपत्ति

मनुष्य का आदिम ज्ञान और भाषा-27

गतांक से आगे….. ऋग्वेद 8, 4, 2 में ‘यद्घा रूमे रूशमे’ अर्थात रूम और रूस के नाम भी आये हैं। जिस प्रकार अमुक अमुक उत्कृष्ट कारणों से अमुक-अमुक भूमिखण्ड को व्रज और अर्व आदि कह सकते हन्ैं, उसी तरह अमुक उत्कृष्ट गुणों के कारण कुछ देशों के नाम रूस भी हो सकते हैं। वर्तमान प्रसिद्घ […]

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विशेष संपादकीय

सांईं मंदिरों के माध्यम से चल रही है भारत के इस्लामीकरण की मुहिम

श्री के.पी. गुर्जर जाने माने ज्योतिषविद हैं, जो कि आठ वर्ष की अवस्था से ज्योतिष से जुड़े हैं। 14 वर्ष की अवस्था में उनकी पहली कहानी नवभारत टाइम्स में प्रकाशित हुई थी। आज देश के लगभग चालीस प्रमुख अखबारों में ज्योतिष संबंधी उनके लेख प्रकाशित होते हैं।श्री गुर्जर शालीमार गार्डन साहिबाबाद में रहते हैं। पिछले […]

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विशेष संपादकीय वैदिक संपत्ति

मनुष्य का आदिम ज्ञान और भाषा-26

गतांक से आगे…..क्योंकि मनु का दावा है कि ‘वेदशब्देभ्य एवादौ पृथक संज्ञाश्च निर्ममे’ अर्थात वेद शब्दों से ही सब पदार्थों के नाम रखे गये हैं। यह नाम वेदों से लिया गया था। इसमें भी नव दरवाजे थे। जिस प्रकार आत्मा की रक्षा इस शरीर से होती और वह सुखपूर्वक इसमें रहकर अपने कल्याण का साधन […]

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विशेष संपादकीय

नारी अपना ‘बुद्घक्षेत्र’ स्वयं खोजे

एक समाचार पत्र में एक प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्था के नये सत्र में प्रवेश लेने हेतु संस्था का विज्ञापन छपा है जिस पर ऊपर की ओर एक लडक़ी का चित्र विज्ञापन के अंदाज में छपा है। देखने से ही लगता है कि इस लडक़ी को केवल आकर्षण के लिए बैठा दिया गया है, उसका शिक्षा, शिक्षा-जगत […]

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विशेष संपादकीय

मनमोहन का ‘मौन’ और नरेन्द्र मोदी की ‘चुप्पी’

डा. मनमोहन सिंह और नरेन्द्र मोदी में क्या अंतर है? इतना कि डा. मनमोहन सिंह मित्रों से भी लाभ नही उठा पाए जबकि नरेन्द्र मोदी शत्रुओं से भी लाभ उठाने की कला में निपुण हैं। डा. मनमोहन सिंह के विषय में यह तथ्य सुविख्यात है कि उन्हें राजनीति में लाकर ऊंचाईयों तक पहुंचाने में अमेरिका […]

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विशेष संपादकीय वैदिक संपत्ति

मनुष्य का आदिम ज्ञान और भाषा-25

गतांक से आगे….. वेद में नदी के नाम से नदी, किरणें, वाणी और इंद्रियों का वर्णन आता है, परंतु यह स्मरण रखना चाहिाए कि किसी भी मंत्र में नदियों का वर्णन संख्या के साथ नही किया गया। इसका कारण है और वह अत्यंत सत्य नींव पर स्थित है। कल्पना करो कि आपने कहा कि यहां […]

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विशेष संपादकीय

शरई अदालतों के फतवों पर न्यायालय का ‘फतवा’

भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने विगत 7 जुलाई को एक महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए स्पष्ट किया है कि देश में इस्लामिक कानून के अंतर्गत कुरान और हदीस की रोशनी में फेेसले सुनाने वाली शरई अदालतें और उनके आदेशों व फतवों की कोई कानूनी मान्यता नही है। सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्टï कर दिया है कि भारतीय […]

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विशेष संपादकीय वैदिक संपत्ति

मनुष्य का आदिम ज्ञान और भाषा-24

गतांक से आगे…..यहां वेद ने ही स्पष्ट कर दिया कि ये नदियां किरणें ही हैं। किरणें सात हैं और दश हैं जो ऊपर बतलाई गयी हैं। यहां सप्तसिंधु से जो लोग सिंध हैदराबाद और पंजाब का इतिहास ढूंढते हैं वे कितनी गलती करते हैं, यह ऊपर के वर्णन से प्रकट हो सकता है। तिलक महोदय […]

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विशेष संपादकीय

आराम या विराम नही-काम होना चाहिए

‘उगता भारत’ के पांचवें वर्ष का पहला अंक पाठकों के हाथों में सौंपते हुए अपार प्रसन्नता हो रही है। आज से ठीकचार वर्ष पूर्व इस समाचार पत्र का ‘जन्म’ हुआ था। तब कारवां में दस बीस लोग सवार थे। आज चार वर्ष का सफर तय करने के बाद इसके कारवां में हजारों पाठकों का आशीर्वाद […]

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विशेष संपादकीय

मार फावड़ा भक्ति का

मैंने भगवान से कहा-‘‘मेरी सारी पीड़ाएं छीन लो।’’ भगवान ने कहा-‘‘मुझे छीनने की क्या आवश्यकता है। तुम स्वयं उन्हें अपने साथ लिये घूम रहे हो। तुम ही त्याग दो।’’ मैंने कहा-मुझे सहन करने की शक्ति दो, धीरज दो।’’ उसने कहा-‘‘धीरज आसमान से नही टपकता। परेशानियों के बीच उपजता है वह। उसे तुम्हें स्वयं ही उगाना […]

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