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विशेष संपादकीय

योग को साम्प्रदायिक रंग मत दो

योग चित्त की वृत्तियों के निरोध का नाम है। चित्त की वृत्तियां हर व्यक्ति को समान रूप से दुखी करती हैं। यदि उन पर व्यक्ति नियंत्रण स्थापित कर लेता है तो व्यक्ति महानतम कार्यों का निष्पादन करने में सफल हो जाता है। आज इसी योग को विश्व स्तर पर स्थापित करने की दिशा में हम […]

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विशेष संपादकीय

पाकिस्तान की जेलों में बंद भारतीयों का क्या होगा

खबर है कि भारत इस सप्ताहांत पाकिस्तान के 88 मछुआरों को सद्भावना के तौर पर रिहा करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते मंगलवार को अपने समकक्ष नवाज शरीफ से बात करके इस फैसले के बारे में जानकारी दी थी। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि भारत ने 88 पाकिस्तानी मछुआरों को रिहा करने के फैसले के […]

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विशेष संपादकीय

आभार भी,धन्यवाद भी

अब से पांच वर्ष पूर्व ‘उगता भारत’ ने साप्ताहिक के रूप में अपना पर्दापण किया था। आज यह पत्र दैनिक के रूप में अपनी मंजिल की ओर पहला कदम रख रहा है। पांच वर्ष पाठकों का मार्गदर्शन और उत्साहवर्धन जिस प्रकार मिला, उसी का प्रतिफल है कि आज हम इस पत्र को दैनिक कर रहे […]

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विशेष संपादकीय

देश में राम मंदिर निर्माण की अनुमति देता है हमारा संविधान

राम जन्मभूमि का प्रकरण  माननीय सर्वोच्च न्यायालय लंबित है। इसलिए हम   माननीय न्यायालय की कार्यशैली पर कोई टिप्पणी न करते हुए या इस प्रकरण के समाधान में न्यायिक प्रक्रिया पर कोई प्रश्न न उठाते हुए इस लेख में केवल इतना स्पष्ट करना चाहेंगे,  देश के राजनीतिज्ञों की इच्छाशक्ति और समस्याओं के समाधान के प्रति उनकी […]

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विशेष संपादकीय

फांसी दे दो बेरोजगार बनाने वाली इस शिक्षा पद्घति को

कभी कहावत थी कि-‘पढ़े फारसी बेचे तेल।’ यह उस समय की बात है जब देश पर मुगलों का शासन था। उस समय फारसी पढ़े लिखे व्यक्ति को बेरोजगार नही रहना पड़ता था, पर यदि फारसी पढक़र भी कोई व्यक्ति बेरोजगार रह जाता था, अपने परंपरागत व्यवसाय (तेल बेचना आदि) में ही लगा रह जाता था […]

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विशेष संपादकीय

सरकारों की गलत नीतियों  के कारण कर रहे हैं किसान आत्महत्या

देश में खराब मौसम के कारण रवि फसल में कृषि उत्पादन की स्थिति दयनीय होती देख किसानों की आत्महत्या करने का सिलसिला सा देश में चल गया है। इस विषय में देश की सरकार और प्रदेशों की सरकारों की ओर से भी बयान आये हैं कि किसानों को उनकी बर्बाद फसल का उचित मुआवजा दिया […]

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विशेष संपादकीय

समित्पाणि शिष्य की तीन समिधाएं

जब विद्यार्थी विद्याग्रहण कर जीवन को उन्नत बनाने के दृष्टिकोण से गुरूकुल में प्रविष्ट होता था तो वह  समित्पाणि (हाथों में समिधायें लेकर) होकर ही गुरू के पास पहुंचता था। समित्पाणि होकर आने का विशेष महत्व होता था। इसका अभिप्राय था कि जैसे समिधाओं में अग्नि है, पर वह दिखता नही है, उसे एक विशेष […]

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विशेष संपादकीय

नवसंवत्सरोत्सव : भारतीय हिन्दू नववर्ष

‘नवसंवत्सरोत्सव’सृष्टि की उत्पत्ति का प्रकरण हर मनुष्य के लिए कौतूहल और जिज्ञासा का विषय सृष्टि के प्रारंभ से ही रहा है। इसके लिए कोई भी ऐसा प्रामाणिक साक्ष्य वेदों के अतिरिक्त संसार में प्राप्त होना असंभव है जिससे इस जिज्ञासा की पूर्ण तृप्ति हो सके। वेद तो है ही सब सत्य विद्याओं की पुस्तक। अत: […]

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विशेष संपादकीय

हमारे जीवन की हैं चार गतियां

यज्ञ अपने आप में एक व्यवस्था का नाम है। किसी याज्ञिक परिवार में यज्ञ करते समय जितनी सुंदर व्यवस्था से या अव्यवस्था से लोग बैठे हों, उसे देखकर ही अनुमान लगाया जा सकता है कि ये लोग परिवार में कैसी व्यवस्था को लागू करके रहते हैं। ‘सूय्र्याचन्द्रमसाविव’ का आदर्श यदि किसी परिवार ने अपना लिया […]

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विशेष संपादकीय

वतन को फिर गिरवी न रख देना वतन वालो

जमीं बेच देंगे जमां बेच देंगे ये मुर्दों के सिर के कफन बेच देंगे। कलम के सिपाही अगर बिक गये तो वतन के ये नेता वतन बेच देंगे।।सचमुच पी.डी.पी. के हाथों में धरती के स्वर्ग कश्मीर को जिस प्रकार मोदी ने दे दिया है और वहां के मुख्यमंत्री मुफ्ती ने मुफ्त में मिली कश्मीर की […]

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