देवेन्द्र सिंह आर्य मानव का खानपान बदल गया, रहन-सहन बदल गया, चाल-चलन बदल गया, मानव की मान्यताएं बदल गयीं और बदल गया मानव का स्वभाव। जैसे-जैसे मानव मूल्यों में हृास हुआ मानव पतनोन्मुख होता चला गया मानव नाम प्राणी के अजीब-अजीब चेहरे मिलते हैं। मानव के पतन का सिलसिला अभी और चलना चाहिए या इस […]
लेखक: देवेंद्र सिंह आर्य
लेखक उगता भारत समाचार पत्र के चेयरमैन हैं।
भारतीय संस्कृति के उद्भट्ट प्रस्तोता के रूप में ख्याति प्राप्त पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डा. एपीजे अब्दुल कलाम के अंतिम शब्द थे-‘धरती को जीने लायक कैसे बनाएं?’ कलाम साहब के इस प्रश्न का उत्तर स्वयं उनका अपना जीवन है, मनुष्य स्वयं को उनके जैसा बना ले तो यह धरती जीने लायक अपने आप हो जाएगी। […]
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पाकिस्तान के उनके समकक्ष नवाज शरीफ के बीच बैठक संपन्न हुई है। इस बैठक में दोनों नेताओं ने आगे वार्ता करते रहने पर सहमति जताई है। वार्ता की प्रक्रिया और परिणामों पर यदि विचार किया जाए तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पाकिस्तान के साथ वार्ता की प्रक्रिया को पुन: जारी करके […]
कांग्रेस के पास एक ऐसे नेता हैं जो एक साथ दो परस्पर विरोधी गुणों से विभूषित हैं, अर्थात वे गुलाम भी हैं और आजाद भी हैं। जो व्यक्ति गुलाम है अर्थात दूसरे के शब्दों को बोलता है, जिसके पास अपना बोलने को कुछ नही है, वह आजाद कैसे हो सकता है? पर कांग्रेस के गुलाम […]
परिवर्तन प्रकृति का नियम है। यथास्थितिवाद किसी भी स्थिति-परिस्थिति में प्रकृति को स्वीकार्य नही है, फिर यह मानव समाज को ही स्वीकार्य क्यों होगा? बेटा पिता से अधिकार प्राप्त कर लेता है, और फिर एक दिन आता है कि जब पिता स्वयं पीछे हट जाता है और बेटे को आगे बढ़ा देता है। यह सहज […]
भारत के लिए यह अत्यंत गौरव का विषय है कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर भारत में हुए गौरवमयी आयोजनों को लेकर पूरे विश्व में वाह वाही हो रही है। इतना ही नहीं सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसी दिन भारत ने दो विश्व रिकॉर्ड बना गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉड्र्स में अपना नाम दर्ज […]
चीन के पाकिस्तान के साथ भारत के विरूद्घ कैसे संबंध हैं, इसकी बानगी चीन समय-समय पर दिखाता रहता है। वह अपने आचरण और व्यवहार से यह स्पष्ट करने में तनिक भी नही चूकता है कि भारत से पहले उसके लिए पाकिस्तान है। संयुक्त राष्ट्र में चीन ने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड जकीउर रहमान लखवी को […]
किसी व्यक्ति वर्ग या सम्प्रदाय की आलोचना करके या निंदा करके आप उसे छोटा नही कर सकते। उसे छोटा करने का एक ही उपाय है कि आप अपनी अच्छाइयां लोगों के सामने परोसें और उन्हें अपनी अच्छाइयों का दीवाना बना लें। हिंदुत्व किसी दूसरे में कमियां निकालने की विचारधारा का विरोधी है, वह अपनी अच्छाइयों […]
1947 में जब देश का बंटवारा हुआ तो सीमा की अनिश्चितता उस समय सबसे बड़ा प्रश्न था। हर व्यक्ति को यही चिंता सताये जा रही थी कि देश की सीमाएं घटकर कहां तक रह जाने वाली हैं? संभावित सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की चिंता थी कि वह स्वतंत्रता के पश्चात भारत में रहेंगे […]
गंगा हिंदुओं के लिए प्राचीन काल से ही एक पवित्र नदी रही है। हिमालय से निकलने वाली यह नदी गंधक के पहाड़ से निकलकर आती है, इसलिए इसके जल में बहुत से रोगों को समाप्त करने और दीर्घकाल तक स्वच्छ बने रहने की अद्भुत क्षमता होती है। इस नदी में प्रतिदिन लगभग बीस लाख लोग […]