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विशेष संपादकीय

कलाम की यादों को सलाम

केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार सरकार ने सरदार पटेल, लालबहादुर शास्त्री, पीवी नरसिंहाराव सरीखे कांग्रेसी नेताओं  को कांग्रेस से छीनकर अपनी झोली में उन्हें सम्मानपूर्ण स्थान दिलाया है। अब इसी कड़ी में मोदी सरकार ने अच्छी पहल करते हुए विविध क्षेत्रों में पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के शानदार योगदान एवं यादों को संस्थागत रूप […]

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विशेष संपादकीय

जितेन्द्रिय ब्राहणत्व का मार्ग

देवेन्द्र सिंह आर्य वेद का संदेश कि मनुष्य जितेन्द्रिय बने अर्थात अपनी इंद्रियों पर विजय पाए, लेकिन इंद्रियों को जीतने की बात करने से पहले इंद्रियों के बारे में जानलेना भी अच्छा होगा। प्राय: सभी जानते हैं कि इंद्रियां दस प्रकार की हैं-पांच ज्ञानेन्द्रियां एवं पांच कमेन्द्रियां। कमेन्द्रियों के भिन्न-भिन्न कार्य हैं। वाक अर्थात वचन […]

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विशेष संपादकीय

अब तो जागो….

देवेन्द्र सिंह आर्य मानव का खानपान बदल गया, रहन-सहन बदल गया, चाल-चलन बदल गया, मानव की मान्यताएं बदल गयीं और बदल गया मानव का स्वभाव। जैसे-जैसे मानव मूल्यों में हृास हुआ मानव पतनोन्मुख होता चला गया मानव नाम प्राणी के अजीब-अजीब चेहरे मिलते हैं। मानव के पतन का सिलसिला अभी और चलना चाहिए या इस […]

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विशेष संपादकीय

धरती को जीने लायक कैसे बनाएं

भारतीय संस्कृति के उद्भट्ट प्रस्तोता के रूप में ख्याति प्राप्त पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डा. एपीजे अब्दुल कलाम के अंतिम शब्द थे-‘धरती को जीने लायक कैसे बनाएं?’ कलाम साहब के इस प्रश्न का उत्तर स्वयं उनका अपना जीवन है, मनुष्य स्वयं को उनके जैसा बना ले तो यह धरती जीने लायक अपने आप हो जाएगी। […]

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विशेष संपादकीय

मोदी-शरीफ मिलन

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पाकिस्तान के उनके समकक्ष नवाज शरीफ के बीच बैठक संपन्न हुई है। इस बैठक में दोनों नेताओं ने आगे वार्ता करते रहने पर सहमति जताई है। वार्ता की प्रक्रिया और परिणामों  पर यदि विचार किया जाए तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पाकिस्तान के साथ वार्ता की प्रक्रिया को पुन: जारी करके […]

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विशेष संपादकीय

कांग्रेस मोदी का विकल्प पेश करे

कांग्रेस के पास एक ऐसे नेता हैं जो एक साथ दो परस्पर विरोधी गुणों से विभूषित हैं, अर्थात वे गुलाम भी हैं और आजाद भी हैं। जो व्यक्ति गुलाम है अर्थात दूसरे के शब्दों को बोलता है, जिसके पास अपना बोलने को कुछ नही है, वह आजाद कैसे हो सकता है? पर कांग्रेस के गुलाम […]

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विशेष संपादकीय

यशवंत सिन्हा की बेतुकी चिल्ल पौं

परिवर्तन प्रकृति का नियम है। यथास्थितिवाद किसी भी स्थिति-परिस्थिति में प्रकृति को स्वीकार्य नही है, फिर यह मानव समाज को ही स्वीकार्य क्यों होगा? बेटा पिता से अधिकार प्राप्त कर लेता है, और फिर एक दिन आता है कि जब पिता स्वयं पीछे हट जाता है और बेटे को आगे बढ़ा देता है। यह सहज […]

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विशेष संपादकीय

भारत ने बनाये दो कीत्र्तिमान

भारत के लिए यह अत्यंत गौरव का विषय है कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर भारत में हुए गौरवमयी आयोजनों को लेकर पूरे विश्व में वाह वाही हो रही है। इतना ही नहीं सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसी दिन भारत ने दो विश्व रिकॉर्ड बना गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉड्र्स में अपना नाम दर्ज […]

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विशेष संपादकीय

चीन के चाल-चरित्र को समझना होगा

चीन के पाकिस्तान के साथ भारत के विरूद्घ कैसे संबंध हैं, इसकी बानगी चीन समय-समय पर दिखाता रहता है। वह अपने आचरण और व्यवहार से यह स्पष्ट करने में तनिक भी नही चूकता है कि भारत से पहले उसके लिए पाकिस्तान है। संयुक्त राष्ट्र में चीन ने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड जकीउर रहमान लखवी को […]

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विशेष संपादकीय

मां बोल उठी-‘जियो मेरे लाल’

किसी व्यक्ति वर्ग या सम्प्रदाय की आलोचना करके या निंदा करके आप उसे छोटा नही कर सकते।  उसे छोटा करने का एक ही उपाय है कि आप अपनी अच्छाइयां लोगों के सामने परोसें और उन्हें अपनी अच्छाइयों का दीवाना बना लें। हिंदुत्व किसी दूसरे में कमियां निकालने की विचारधारा का विरोधी है, वह अपनी अच्छाइयों […]

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