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विशेष संपादकीय संपादकीय

चीन भारत और दलाईलामा

चीन भारत और दलाईलामा चीन हमारा प्राचीन पड़ोसी देश है। इसे धर्म की दृष्टि देने वाला भारत है। इन दोनों देशों का बहुत कुछ सांझा है। यदि अतीत के पन्ने पलटे जाएं और उस पर ईमानदारी से कार्य हो तो पता चलेगा कि चीन भी कभी आर्यावत्र्त के अंतर्गत ही आता था। आज चीन ने […]

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विशेष संपादकीय संपादकीय

कम्युनिस्ट और नक्सलवाद

भारत में नक्सलवाद को कम्युनिस्ट आंदोलन की देन माना जा सकता है। वास्तव में कम्युनिस्ट अब एक आंदोलन नहीं रह गया है। यह अब एक मृत विचारधारा बन चुका है और विश्वशांति के समर्थक किसी भी संवेदनशील व्यक्ति के लिए अब ‘कम्युनिज्म’ में कोई आकर्षण नही रहा है। इसका कारण है कि साम्यवादी विचारधारा अपने […]

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विशेष संपादकीय संपादकीय

…कितना बदला इंसान

हरियाणा के पानीपत का रोंगटे खड़ा कर देने वाला प्रकरण सामने आया है। जहां के एक फार्महाउस के मालिक ने अपने जर्मनी मूल के कुत्ते से अपने नौकर मनीराम को नोंच-नोंच कर मरवा डाला है। नौकर का दोष केवल यह था कि वह अपने मालिक की नौकरी छोडऩे का मन बना रहा था, जबकि मालिक […]

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भयानक राजनीतिक षडयंत्र मुद्दा राजनीति विशेष संपादकीय संपादकीय

वाह योगी जी वाह!

उत्तर प्रदेश को ‘उत्तम प्रदेश’ बनाने की बात कहने वाले ‘बीमार प्रदेश’ बनाकर छोडक़र गये हैं। साम्प्रदायिक आतंकवाद से जूझता रहा उत्तर प्रदेश ‘सरकारी आतंकवाद’ से भी जूझता रहा। यह ‘सरकारी आतंकवाद’ जातीय आधार पर अधिकारियों की नियुक्ति या पुलिस में भर्ती के रूप में तो देखा ही गया,  साथ ही अधिकारियों और पार्टी के […]

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विशेष संपादकीय संपादकीय

पीएम मोदी देश के गृहमंत्री को बदलें

भारत की राजनीति का धर्म बन गया है :- कहां की पूजा नमाज कैसी कहां की गंगा कहां का जमजम। डटा है होटल के दर पै हर एक इमें भी दे दो इक जाम साहब।। भारत के राजनीतिज्ञों की इस मानसिकता के चलते राष्ट्रधर्म पीछे रह गया है। फिर भी हम वर्तमान संदर्भों में अपनी […]

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विशेष संपादकीय

एक सराहनीय निर्णय – वी.आई.पी. कल्चर की विदाई

भारत का संविधान कानून के समक्ष समानता की बात कहता है। यदि भारतीय संविधान पर एक समीक्षात्मक दृष्टिपात किया जाए तो यह संविधान अपने मौलिक स्वरूप में सामंती परम्परा और उसके प्रतीकों को जारी रखने का विरोधी है और यह नहीं चाहता कि समाज में कोई ऐसा वर्ग या समुदाय पनपे या विकसित हो जो […]

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विशेष संपादकीय

दिल्ली एमसीडी के परिणाम

दिल्ली ने एमसीडी के चुनावों में ‘आप’ को उसके ‘पाप’ का दण्ड सुना दिया है, साथ ही कांग्रेस की नेतृत्वविहीनता को उसका उचित पुरस्कार देकर भाजपा को फिर से सत्ता सौंपकर नरेन्द्र मोदी की नीतियों में विश्वास प्रकट किया है। पूर्व से ही दिल्ली के ऐसे परिणामों की अपेक्षा लोगों की थी कि दिल्ली इस […]

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विशेष संपादकीय

‘न्यू इंडिया’ और गांवों की समृद्घि का रास्ता

‘भारत गांवों का देश है’-ऐसा कहा जाता है। पर आज हम देख रहे हैं कि गांवों से भारत शहरों की ओर भाग रहा है। मानो, वह इस कहावत को अब बदल देना चाहता है कि ‘भारत गांवों का देश है।’ भारत शहरों का देश बनता जा रहा है। लोगों का मिट्टी से लगाव कम होकर […]

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विशेष संपादकीय

विश्व शांति के लिए संकट है

चित्त और वित्त की पवित्रता से हमारा हृदय पवित्र रहता है। हृदय की पवित्रता से विचार होता है विचार की पवित्रता से हमारी वाणी की पवित्रता बनी रहती है, उसमें मिठास रहती है और वह किसी को कटु नहीं बोलती। वाणी की पवित्रता से हमारे चारों ओर का परिवेश शुद्घ और पवित्र रहता है। यह […]

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विशेष संपादकीय

योगी जी : ऐसे सुधरेगी सडक़ों की दयनीय दशा

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने तीव्रगति से लिये जाने वाले निर्णयों के कारण इस समय विशेष चर्चा में हैं। उन्होंने दिखा दिया है कि वह ‘सबसे अलग’ मुख्यमंत्री हैं। उनकी कार्यशैली राजनीति के उस कुसंस्कार से मुक्त है जिसे जो पिछली सरकारों ने प्रदेश में विकसित कर दिया था। यह कुसंस्कार सपा -बसपा […]

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