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भारतीय संस्कृति

मनुष्य है वही कि जो मनुष्य के लिए मरे

ज्ञान का प्रकाश ईश्वर ने मनुष्य को बुद्धि दी है । जिसमें ज्ञान दिया है । जिसमें उचित और अनुचित , भले और बुरे , मान व अपमान , सुख – दुख आदि का ज्ञान हमको होता है। बौद्धिक स्तर जब उच्चतम शिखर की ओर अग्रसर होता है तो ऐसा व्यक्ति ज्ञान का पुंज बनता […]

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भारतीय संस्कृति

दुख में कराहो नहीं और सुख में सराहो नहीं

पूजा का महत्व जब किसी में श्रद्धा होती है तो उसको दिल से पूजने का मन करता है क्योंकि पूजा हमारी श्रद्धा का प्रतिबिम्ब है। कुछ लोग रोज पूजा करते हैं कुछ लोग सप्ताह में महीने में या पर्व के अनुसार पूजा करते हैं। आम आदमी से लेकर विशेष आदमी तक सभी पूजा करते हैं […]

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धर्म-अध्यात्म समाज

महर्षि मनु की सामाजिक व्यवस्था और कर्माशय

मनुस्मृति में उल्लेख मिलता है कि गुरुजन वृद्धजन, माता-पिता और सज्जन के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद प्राप्त करने से व्यक्ति की आयु ,विद्या ,यश और बल में वृद्धि होती है ।अद्भुत लाभों का वैज्ञानिक आधार व्यक्ति के द्वारा अभिवादन की विधि में सुरक्षित है। प्रत्येक मानव देह धारी के शरीर में विभिन्न प्रकार की शक्तियों […]

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भारतीय संस्कृति

जीवन में कैसे हो अभ्युदय की प्राप्ति

पंचशील मेरा अपना नियम है कि मैं अपना रुमाल हमेशा सीधे हाथ की तरफ की पॉकेट में रखता हूँ। मोबाइल पैंट की बांयी पॉकेट में रखता हूं। इससे मुझे सोचने की आवश्यकता नहीं होती कि मेरा रुमाल या मेरा मोबाइल किधर कौन से वाली पॉकेट में रखा है ? जब मुझे अपनी जिस चीज की […]

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भारतीय संस्कृति

सकारात्मक सोच और पूजा का रहस्य

सोच सकारात्मक कीजिए करे सदा कल्याण। भवसागर से यह तारती और करती है परित्राण ।। सकारात्मक सोच सार्थक जीवन जीने की सबसे उत्तम कला है । सकारात्मक सोच का व्यक्ति सदैव भीतर से प्रसन्न चित्त रहता है । उसके मन का मोर कभी थकता नहीं , प्रत्येक परिस्थिति में नाचता रहता है । जो लोग […]

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भारतीय संस्कृति

कल्पना शक्ति एवं कर्म शक्ति का समन्वय

कल्पना शक्ति जब मनुष्य की विचार शक्ति प्रबल हो जाती है और किसी भी समस्या के समाधान पर वह गहनता से मंथन करने में सक्षम हो जाती है तो चिन्तन की उस भूमि से कल्पना शक्ति का निर्माण होता है । यहाँ खड़ा होकर व्यक्ति न केवल समस्याओं के समाधान के विषय में सोचता है […]

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भारतीय संस्कृति

बुरा जो देखन मैं चला…..

जीवन प्रबंधन मनुष्य के जीवन के लिए प्रत्येक प्रकार का प्रबंधन, नियमों का अनुपालन करना बहुत आवश्यक होता है। प्रबंधन का तात्पर्य उचित प्रकार से जीवन को व्यवस्थित बनाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से करना होता है। मनुष्य को चाहिए कि वह सर्वप्रथम यह सुनिश्चित करे कि उसे अपनी आत्मा के लिए क्या करना है […]

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भारतीय संस्कृति

आंख मूंदकर चल पड़ो एक अनोखी राह

विनम्रता अपने से ज्ञान श्रेष्ठ , बल श्रेष्ठ और आयुश्रेष्ठ किसी भी व्यक्ति , माता – पिता , गुरु -आचार्य से यदि हमको कोई शिक्षा प्राप्त करनी है तो उसके लिए जिज्ञासा भाव के साथ – साथ हमारा विनम्र होना भी अनिवार्य है । क्योंकि विद्या जहां विनम्रता प्रदान करती हैं , वहीं बिना श्रद्धा […]

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भारतीय संस्कृति

बाहर के किवाड़ लगाकर भीतर के खोल दो

सुख ऊपर हमने स्पष्ट किया कि सुख और दुख दोनों इंद्रियों के विषय हैं। इंद्रियों को जो अच्छा लगे वह सुख है और जो बुरा लगे वह दुख है । इंद्रिया जिन विषयों में सुख खोजती हैं वह अंततः हमारे शरीर और आत्मा का पतन करते हैं । जिससे शरीर रुग्ण होकर मृत्यु को प्राप्त […]

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भारतीय संस्कृति

सांसारिक दुर्गुणों से मुक्ति ही मोक्ष का द्वार खोलती है

मदांधता काम , क्रोध , मद , लोभ ,मोह यह 5 अवगुण व्यक्ति के व्यक्तित्व के शत्रु हैं। यह 5 व्यक्ति के स्वाभाविक एवं प्राकृतिक गुण नहीं हैं। इनमें से मद को अहंकार भी ही कहते हैं और अहंकार हमारे पतन का कारण होता है। यह मनुष्य द्वारा स्व अर्जित मनोरोग है । यह मनुष्य […]

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