बृहदारण्यक उपनिषद् के अनुसार। पृष्ठ संख्या 974 लोक किसे कहते हैं। पहले इसको समझते हैं। लोक इस जगत को और इस जगत में स्थित सूर्य तथा चंद्रमा आदि को कहते हैं। आत्मा इस लोक में किस प्रकार से रहती है? कौन-कौन से लोक में रहती है? कब-कब रहती है? “आत्मा चाहे मुक्त हो और चाहे […]
Author: देवेंद्र सिंह आर्य
लेखक उगता भारत समाचार पत्र के चेयरमैन हैं।
ब्रहदारण्यकोपनिषद के आधार पर । आत्मा शरीर में कहां रहती है? इस उपनिषद में बहुत लंबा वृतांत आत्मा के निवास के विषय में दिया हुआ है लेकिन हम सुधीर पाठकों की सुविधा के लिए छोटे-छोटे भाग में तोड़ तोड़ कर प्रस्तुत करना उचित समझेंगे। पृष्ठ संख्या 829 बहुत महत्वपूर्ण बात लिखी गई है कृपया गंभीरता […]
आत्मा शरीर में कहां रहती है? 5
पंचम किस्त। तेतिरियोपनिषद की आत्मा के संबंध में चर्चा चतुर्थ किस्त में की गई थी ।अब तैत्तिरीय उपनिषद के अग्रिम प्रष्ठों पर जो चर्चा आत्मा के विषय में की गई है उस पर दृष्टिपात करते हैं। आत्मा शरीर में कहां रहती है। गतांक से आगे। देखो प्रष्ठ संख्या 394 ,395 एकादशोपनिषद प्रख्यात वैदिक विद्वान महात्मा […]
(यह लेख माला हम पंडित रघुनंदन शर्मा जी की वैदिक सम्पत्ति नामक पुस्तक से सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं।) प्रस्तुति-देवेंद्र सिंह आर्य (चैयर मैन- ‘उगता भारत ‘) गतांक से आगे … *चेतन सृष्टि की उत्पत्ति* हम गत पृष्ठों में कह आये हैं कि इस सृष्टि की उत्पत्ति का प्रधान कारण जीवों के […]
आत्मा शरीर में कहां रहती है? भाग 4
गतांक से आगे चतुर्थ किस्त। मुंडकोपनिषद ,कठोपनिषद, ऐतरेय उपनिषद ,अथर्ववेद के आधार पर हमने आत्मा के शरीर में निवास स्थान का निर्धारण किया। आज हम तैत्तिरीय उपनिषद का उद्धहरण प्रस्तुत करेंगे। प्रसिद्ध वैदिक विद्वान व्याख्या कार महात्मा नारायण स्वामी द्वारा व्याख्यिय उपनिषद रहस्य एकादशोपनिषद नामक पुस्तक से हम प्रमाण ले रहे हैं। पृष्ठ संख्या 376। […]
आत्मा शरीर में कहां रहती है? भाग 3
अब ऐतरेय उपनिषद के अनुसार अध्ययन करते हैं। वैदिक विद्वान कई पुस्तकों के लेखक एवं प्रमुख व्याख्याकार नारायण स्वामी का एकादशोपनिषद का प्रष्ठ संख्या 343, “उस आत्मा के रहने के तीन स्थान हैं।और तीन ही स्वप्न है ।यह स्थान है ,यह स्थान है, यह स्थान है। यद्यपि यह तीन स्थान मात्र ऐसा कह देने से […]
आत्मा शरीर में कहां रहती है? भाग 3
अब ऐतरेय उपनिषद के अनुसार अध्ययन करते हैं। वैदिक विद्वान कई पुस्तकों के लेखक एवं प्रमुख व्याख्याकार नारायण स्वामी का एकादशोपनिषद का प्रष्ठ संख्या 343, “उस आत्मा के रहने के तीन स्थान हैं।और तीन ही स्वप्न है ।यह स्थान है ,यह स्थान है, यह स्थान है। यद्यपि यह तीन स्थान मात्र ऐसा कह देने से […]
आत्मा शरीर में कहां रहती है,? भाग 2
कठोपनिषद नाचिकेता और यमाचार्य के संवाद से संबंधित है। सर्वप्रथम तो यह समझ लें कि ऐसा कोई संवाद यम और नचिकेता पुरुषों के रूप में उनके मध्य नहीं हुआ। बल्कि यह आध्यात्मिक, साहित्यिक संवाद है जो नचिकेता और यमाचार्य को हमारे ऋषियों द्वारा पात्र बनाकर लिखा गया है। वास्तव में प्रस्तुत संदर्भ में नचिकेता मन […]
आत्मा शरीर में कहां रहता है? भाग 1
प्रथम किस्त। विगत में कुछ लोगों के विचार वीडियो के माध्यम से सुनने और मनन करनेको मिले। जिसमें आत्मा शरीर में कहां रहती है इस पर विभिन्न विचार जानने को मिले। मुझे विशेष रूप से एक वीडियो ने इसलिए को लिखने पर विवश किया । उस वीडियो में यह बताया गया है कि आत्मा हृदय […]
लेकिन निरीह मूक प्राणियों का वध किया जाना अनैतिकता और अधर्म को प्रोत्साहित करना है : सरकार को समझना चाहिए अपना राजधर्म ईद के अवसर पर दी जा रही निरीह प्राणियों की बलि के अवसर पर विशेष आज प्रत्येक दयावान व्यक्ति का हृदय बहुत ही व्यथित है, क्योंकि आज बहुत सारे निरीह, निरपराध,मूक प्राणियों यथा […]