विवेकी मनुष्य व्यवहार से निवृत्त होकर परमार्थ में प्रवृत्त होते हैं ।जिसके लिए यह आवश्यक नहीं है कि वह पहाड़ों की गुफाओं में एकांत में जाकर ही साधना में लीन हो बल्कि गृहस्थ आश्रम में रहते हुए अपनी साधना एवं सदाचार की संपत्ति को सुरक्षित रख सकता है। जैसे जागने वाले जंगल में भी सुरक्षित […]
Author: देवेंद्र सिंह आर्य
लेखक उगता भारत समाचार पत्र के चेयरमैन हैं।
✍✍✍ *🛑 जब मोहनदास कर्मचन्द गांधी ने हत्यारे अब्दुल रशीद को अपना भाई सरीखा माना और उसको निर्दोष बताया।आखिर क्या पूरा मामला है, आप भी जान ले समझ ले ताकि सनद रहे।📍* *आधुनिक भारत का पहला आतंकवादी :-* तारीख 23 दिसंबर 1926। दिल्ली के *चांदनी चौक* क्षेत्र में दोपहर के समय *स्वामी श्रद्धानंद* अपने घर […]
मन की शांति और प्रभु के दर्शन
प्राचीन काल से अद्यतन पर्यंत मानव की इच्छा रही है शांति की खोज। इसलिए चाहे आज का मानव कितना भी भौतिक संसाधनों से परिपूर्ण है तथा चाहे कितना भी व्यस्त है , परंतु उसमें एक असीम शांति की चाह में अवश्य है । मानव को असीम शांति कैसे प्राप्त हो सकती है ? इस पर […]
‘तबकाते अकबरी’ के लेखक का मानना है कि महाराणा प्रताप ने 1572 ई. में जब मेवाड़ का राज्यभार संभाला था तो अकबर ने उन्हें समझा-बुझाकर अपने दरबार में बुलाने का प्रयास किया था। अकबर ने महाराणा को समझाने – बुझाने के लिए चार बार अपने दूत भेजे थे। इन दूतों में पहला व्यक्ति अकबर का […]
हम प्रतिक्षण अपने चारों ओर सृष्टि में परिवर्तन होते देखते हैं ।हम अपने जीवन में भी बचपन से युवावस्था युवावस्था से वृद्धावस्था में पहुंचते हुए परिवर्तन को देखते हैं तो हमको अनुभव होता है यह संसार क्षणभंगुर है । जो था वह नहीं रहा और जो है वह नहीं रहेगा । बस केवल एक मृग […]
जो बंदगी करे वह बंदा होता है । गुरु के दरबार में बैठकर जो लोग उस प्यारे प्रभु का यजन और भजन करते हैं उन्हें गुरु ने प्यार से नाम दिया – बंदा। बाद में यह शब्द रूढ़ हो गया और सब लोगों के लिए ही ये बंदे लोग अर्थात भक्त लोग बंदा कहकर बुलाने […]
मनुष्य की योनि प्राप्त करना जितना दुर्लभ है , उससे भी कठिन मनुष्य बनना है। परंतु मनुर्भव का वेद का आदेश है। वेद के आदेश का पालन करना मनुष्य का प्रथम एवं पावन उत्तरदायित्व है। इसलिए मनुष्य बनने के लिए उपरोक्त सभी सिद्धांतों व नियमों का पालन करते हुए निम्नलिखित बातों का भी ध्यान रखना […]
हल्दीघाटी के मैदान में युद्ध करने की योजना महाराणा प्रताप ने गोगुंदा के किले में ही बनाई थी। जब मेवाड़ और दिल्ली के बीच संधि न हो पाई तो मानसिंह मुगलों की एक विशाल सेना लेकर महाराणा प्रताप पर चढ़ाई करने के लिए चल पड़ा। महाराणा प्रताप ने एक रणनीति के तहत हल्दीघाटी को युद्ध […]
दिनांक 25 दिसंबर 2015 स्थान : राजस्थान के राजसमंद जिले का कुंभलगढ़ दुर्ग समय – शाम के 7:00 बज रहे हैं। लाइट एंड शो का कार्यक्रम सपरिवार देखने के लिए मैं पहुंच गया हूं। कुंभलगढ़ का दुर्ग अरावली पर्वत श्रंखला के मध्य महाराणा कुंभा द्वारा सन 1500 में निर्माण प्रारंभ किया गया था। लेकिन 15 […]
प्रस्तुति : देवेंद्र सिंह आर्य कल एक संदेश नरभक्षी मनुष्यों के विषय में किसी ग्रुप पर पढ़ रहा था। उसको पढ़ने के बाद मैंने भी एक घटना का उल्लेख किया कि दिल्ली रेलवे स्टेशन के सामने एक होटल पर मीट व सोरवा परोसा जाता था। 1 दिन उस शोरवा में एक बच्चे की अंगुली आ […]