एक अध्ययनशील , मननशील चिंतनशील और क्रियाशील व्यक्तित्व के धनी थे वैदिक जी ————————————- प्रत्येक मनुष्य इस संसार में आया है तो जाएगा जरूर । लेकिन जीवन उसी का सफल व सार्थक होता है जो इस संसार में रहते हुए अपनी खुशबू बिखेरता है और पुण्य कार्य में जीवन व्यतीत करता है । श्री सुमन […]
Author: देवेंद्र सिंह आर्य
लेखक उगता भारत समाचार पत्र के चेयरमैन हैं।
आजकल देश में आमिर खान एक्टर की टर्की की प्रथम महिला मोहतरमा एर्डोगन से इस्तांबुल में उनके महल में हुई भेंट को लेकर भारतवासियों में खास चर्चा एवं भारी क्षोभ है। वास्तव में भारत वासियों में ऐसा क्षोभ होना स्वाभाविक है , क्योंकि भारत के करोड़ों लोगों ने आमिर खान की बनाई गई फिल्मों को […]
इस्लामिक आतंकवाद का मूल कारण
#कुरान आपको सिर्फ मारने का नही बल्कि #तड़पा_तड़पाकर मारने का आदेश देती है!, क़ुरान के सूरा नंबर 9 – आयत नंबर 5 में साफ आदेश दिया गया है। स्क्वाड्रन लीडर अजय आहूजा को 12 घंटे से ज्यादा समय तक टॉर्चर करके मारा गया ! कैप्टन सौरभ कालिया के साथ हुई नृशंसता को लिखने के लिए […]
ईद के अवसर पर दी जा रही निरीह प्राणियों की बलि के अवसर पर विशेष आज मेरा हृदय बहुत ही व्यथित है, क्योंकि आज बहुत सारे निरीह, निरपराध,मूक प्राणियों यथा ऊंट, बकरा, मेंढें, गाय आदि का वध ‘अल्लाह’ के नाम पर किया जाएगा। सचमुच कैसी विडंबना है अल्लाह के नाम पर मूक प्राणियों का वध […]
विष्णु के अवतार नहीं स्वयं विष्णु हैं राम विष्णु किसको कहते हैं ? विष्णु का स्वरूप किसमें कहा जा सकता है ? क्या विष्णु की सवारी गरुड़ है ? गरुड़ क्या है ? वह विशाल सा पक्षी या कुछ और होता है ? क्षीर सागर क्या तथा कहां है ? उसमें शेषनाग पर कौन लेट […]
ईश्वर और उनकी वाणी वेद ही अमृत है
हमको रूढ़िवाद , सांप्रदायिकता , जातिवाद और अज्ञान के अंधेरे को नष्ट करना होगा । क्योंकि यह मानव की अज्ञानता के द्योतक हैं और इनका भयंकर परिणाम आता है। जो समाज किसी भी प्रकार से इन्हें अपनाता है वह पतन के गर्त में समा जाता है। प्रगतिशील समाज की निशानी यही है कि वह अपने […]
क्या जीव जग में कुछ भी लेकर नहीं आता ? और क्या जग से कुछ भी लेकर नहीं जाता ? क्या जीव बहुत कुछ लाता है जग में बहुत कुछ ले जाता है जग से ? उक्त शंका, भ्रांति अथवा प्रश्नों को समझने के लिए सर्वप्रथम ईश्वर , जीव और प्रकृति को जान लें। ईश्वर […]
अब मैं आपको एक अन्य विचित्र घटना से अवगत कराने जा रहा हूं। जो कुंती और कर्ण और श्वेत मुनि के संबंध में ही है। श्रंग ऋषि द्वारा दिनांक 15 मार्च 1986 को बरनावा लाक्षागृह में 51 वें पुष्प के रूप में हमको अर्पित की गई है। वह निम्न प्रकार है :- “इसी प्रकार’ अप्रतम […]
विद्वत जनों! समाज में बहुत सारी भ्रांतियां फैली हुई हैं। हम इन भ्रांतियों को निवारण करते – करते अपना जीवन समाप्त कर लेंगे परंतु भ्रांतियां समाप्त नहीं होंगी। ऐसी भ्रांतियां समाज में बहुत गहरी जड़ जमा चुकी हैं ।हमारे द्वारा जो लिखा जा रहा है, कितने लोग इसको पढ़ते होंगे, और फिर कितने लोग उस […]
ईश्वर जन्म लेता है या नहीं ?
समाज में ईश्वर के अवतार रूप में जन्म लेने के लिए भ्रान्ति व्याप्त है । अब इसी पर विचार करते हैं कि क्या ईश्वर अवतार लेता है या नहीं ? इसी के साथ-साथ यह भी विचारणीय है कि क्या रामचंद्र जी महाराज व महाराज कृष्ण विष्णु के अवतार थे ? क्या ईश्वर को संसार में […]