1.योग,भोग और रोग ये तीन अवस्थाएं है। 2. *लकवा* – सोडियम की कमी के कारण होता है । 3. *हाई वी पी में* – स्नान व सोने से पूर्व एक गिलास जल का सेवन करें तथा स्नान करते समय थोड़ा सा नमक पानी मे डालकर स्नान करे । 4. *लो बी पी* – सेंधा नमक […]
Author: देवेंद्र सिंह आर्य
लेखक उगता भारत समाचार पत्र के चेयरमैन हैं।
वैज्ञानिकों को ब्रह्मांड का सबसे पुराना और सबसे दूर स्थित महाविशाल ब्लैक होल मिल गया है। इसके साथ ही पहले की थिअरी पर सवाल खड़ा हो गया है कि ये ब्लैक होल कैसे बनते हैं। वैज्ञानिकों ने धरती से सबसे दूर स्थित ब्लैक होल की खोज कर ली है। यह 13 अरब प्रकाशवर्ष दूर […]
आज लाहिड़ी पर्व है। इस पर उसे हमारे इतिहास के एक अमर नायक का विशेष संबंध है। आइए विचार करें इतिहास के उस अभिनंदनीय व्यक्तित्व के जीवन वृत्त पर जिसने अपने सत्कार्यों के अपने काल में यश प्राप्त किया और लोगों ने उसके सत्कृत्यों का वंदन करते हुए उसे अपना पूजनीय चरित्र बना लिया। […]
यदि भीड़ और सभा में अंतर किया जाए तो पता चलता है कि भीड़ भावना प्रधान होती है ,जबकि सभा व्यवस्था प्रधान होती है ? व्यवस्था में सब कुछ सिस्टमैटिक होता है, जबकि भीड़ में सब कुछ अव्यवस्थित होता है । यदि एक तरफ दो-चार आदमी भागना आरंभ कर दें तो सारी भीड़ बिना […]
गतांक से आगे… हिंदुस्तान में आ जाने पर द्रविड़ों के साथ मेलजोल होने से उनकी गणना पच द्रविड़ो में हो गई । जहां नई बस्ती होती है, वहीं पर सब जातियों की वर्गाकार बस्ती बन सकती है ।इस तरह की पद्धतिवार बस्ती वाले गांव कोकण में ही है।इससे सिद्ध हो जाता है कि कोकणस्थ […]
अंग्रेज जितना अपनी नींव को भारतवर्ष में जमाने का प्रयास कर रहे थे उतना ही भारतीय जनता उनके खिलाफ हो रही थी। इसका प्रभाव राजपूताना क्षेत्र में नसीराबाद, देवली ,अजमेर, कोटा ,जोधपुर आदि जगह पर भी देखने को मिला था। राजपूताना में उस समय अट्ठारह रजवाड़े थे और वे सभी देशी शासक अंग्रेज राज्य के […]
मेरठ की अमर क्रांति सन 1857 और कोतवाल धनसिंह चपराना गुर्जर का इतिहास 10 मई 1857 की प्रातःकालीन बेला। स्थान _मेरठ । क्रांति का प्रथम नायक _ धन सिंह चपराणा गुर्जर कोतवाल। नारा _ मारो फिरंगियों को। मेरठ में ईस्ट इंडिया कंपनी की थर्ड केवल्री की 11 और 12 वी इन्फेंट्री पोस्टेड थी ।10 मई […]
पश्चिमी एशिया भारत में पश्चिम की ओर सबसे प्रथम अफरीदी काबुली और बलूची देश आते हैं । इन देशों में इस्लाम के प्रचार के पूर्व आर्य ही निवास करते थे । यहीं पर गांधार था। गांधार को इस समय कंधार कहते हैं। जिसका अपभ्रंश कंदार और खंदार भी है। इसी के पास राजा […]
सत्यार्थ प्रकाश में महर्षि दयानंद ने लिखा है कि पत्नी और पति वियुक्त न रहें ,तथा यह भी लिखा है कि एक दूसरे पर एक दूसरे का पूर्ण अधिकार होता है। इसी सिद्धांत का अनुगामी होकर मेरा जीवन में प्रयास रहता है कि मैं जब भी कहीं देशाटन पर या देश यात्रा पर जाऊं […]
……जिन के बिना भारत अधूरा है
610 ई0 में इस्लाम की स्थापना पैगंबर मोहम्मद साहब द्वारा की गई । इसके कुछ समय पश्चात ही इस्लाम के आक्रमणकारियों के भारत पर आक्रमण आरंभ हो गए ।638 ई0 से 712ई0 तक के 73वर्ष के कालखंड में 9 खलीफाओं ने 15 आक्रमण भारतवर्ष पर किए । यद्यपि यह सारे आक्रमण बहुत ही कम […]