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स्वर्णिम इतिहास

भारत के दिव्य भव्य और स्वर्णिम इतिहास की एक झलक : आर्यों का विदेश गमन

    पश्चिमी एशिया भारत में पश्चिम की ओर सबसे प्रथम अफरीदी काबुली और बलूची देश आते हैं । इन देशों में इस्लाम के प्रचार के पूर्व आर्य ही निवास करते थे । यहीं पर गांधार था। गांधार को इस समय कंधार कहते हैं। जिसका अपभ्रंश कंदार और खंदार भी है। इसी के पास राजा […]

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इतिहास के पन्नों से

धारा नगरी के राजा भोज का है भारत के इतिहास में विशेष और महत्वपूर्ण स्थान

  सत्यार्थ प्रकाश में महर्षि दयानंद ने लिखा है कि पत्नी और पति वियुक्त न रहें ,तथा यह भी लिखा है कि एक दूसरे पर एक दूसरे का पूर्ण अधिकार होता है। इसी सिद्धांत का अनुगामी होकर मेरा जीवन में प्रयास रहता है कि मैं जब भी कहीं देशाटन पर या देश यात्रा पर जाऊं […]

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स्वर्णिम इतिहास

……जिन के बिना भारत अधूरा है

  610 ई0 में इस्लाम की स्थापना पैगंबर मोहम्मद साहब द्वारा की गई । इसके कुछ समय पश्चात ही इस्लाम के आक्रमणकारियों के भारत पर आक्रमण आरंभ हो गए ।638 ई0 से 712ई0 तक के 73वर्ष के कालखंड में 9 खलीफाओं ने 15 आक्रमण भारतवर्ष पर किए । यद्यपि यह सारे आक्रमण बहुत ही कम […]

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कृषि जगत

सर्दी के मौसम में खाया जाने वाला अन्न बाजरा

  नंदकिशोर प्रजापति कानवन भारत में सर्दी के मौसम में खाया जाने वाला अनाज है बाजरा। पर इसकी उपयोगिता हम भूल चुके हैं, यदि आप इस लेख को पूरा पढ़ लें तो 10 किलो बाजरा निश्चित ही पिसवा लेंगे। सर्दी की मौसम में इसकी रोटी या खिचड़ी अवश्य खानी चाहिये। बाजरा शरीर को गर्मी देने […]

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कविता

मेरा हिंदुस्तान कहां है ?

🇮🇳 *मेरा हिन्दुस्तान कहां है?* जिसपर था सर्वस्व लुटाया, मेरा वो अरमान कहां है? बोलो नेहरू बोलो गांधी, मेरा हिन्दुस्तान कहां है? सैंतालीस में भारत बांटा, ‘उनको’ पाकिस्तान दे दिया; “दो गालों पे थप्पड़ खा लो” मुझे फालतू ज्ञान दे दिया; मुझे बताओ यही ज्ञान तुम, ‘उनको’ भी तो दे सकते थे; नहीं बंटेगी भारत […]

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इतिहास के पन्नों से स्वर्णिम इतिहास

विश्व के पहले समुद्र यात्री थे महर्षि अगस्त्य

महावीर प्रसाद द्विवेदी कूपमण्डूकता बड़ी ही अनिष्टकारिणी क्या एक प्रकार से, विनाशकारिणी होती है। मनुष्य यदि अपने ही घर, ग्राम या नगर में आमरण पड़ा रहे तो उसकी बुद्धि का विकास नहीं होता, उसके ज्ञान की वृद्धि नही होती, उसकी दृष्टि को दूरगामिनी गति नहीं प्राप्त होती। देश—विदेश जाने, भिन्न भिन्न जातियों और धम्मों के […]

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भारतीय संस्कृति

वैदिक संपत्ति: विदेशियों का भारत आगमन

  गतांक से आगे… अर्थात वशिष्ठ की नंदनी गौ की कथा के पूर्व ही मलेच्छ जातियों ने द्रविड़ देश आबाद कर दी लिया था। वाल्मीकि रामायण और महाभारत के इन दोनों प्रमाणों से इनका ऑस्ट्रेलिया से आना सिद्ध होता है। इन प्रमाणों के अतिरिक्त इनकी भाषा, रूप ,गठन आदि के मिलन से पाश्चात्य विद्वानों ने […]

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इतिहास के पन्नों से विश्वगुरू के रूप में भारत

हिंदूमय रहा है अरब का अतीत

🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩 हिन्दू गौरव अभियान :- ————————– सऊदी अरब पर एक शोध- इन गुफ़ाओं के बारे में आपको जानकारी दी जाएं,इससे पहले सऊदी अरब की जानकारी आपको देनी जरूरी है जिससे हमारे तथ्य आपके विश्वास की कसौटी पर भी खरा उतरें; ●सऊदी अरब का नाम मात्र #अरब है,सऊदी नाम तो राजा का नाम था, अतः वही […]

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महत्वपूर्ण लेख

भारतीय संविधान में नागरिकों के मौलिक अधिकार अधिकार और कर्तव्य

  भारतीय संविधान में नागरिकों के मौलिक अधिकारों एवं कर्तव्यों का विवरण अध्याय 2 , 3 , 4, और 4 A में मिलता है। अध्याय 2 में भारतीय नागरिकता किसको प्राप्त होगी ?- इसके संबंध में प्रावधान किया गया है। 26 जनवरी 1950 कोजब भारतीय संविधान लागू हुआ तब किस-किस को नागरिकता की मान्यता देनी […]

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आज का चिंतन इतिहास के पन्नों से

‘रामराज्य’ से भी पूर्व विद्यमान था रामराज्य ?

  सामान्यतया हमारी ऐसी धारणा है कि जब रामचंद्र जी इस धरती पर आए तो उनके शासनकाल को रामराज्य की उपाधि दी गई । जबकि ऐसा नहीं है । रामराज्य की परिकल्पना राम से भी पूर्व से चली आ रही है । वास्तव में जहां सत्य ,न्याय ,धर्म ,नीति और विधि के आधार पर शासन […]

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