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आज का चिंतन

प्रातः काल की बेला सत्संग की गंगा है

प्रिय अत्मन! प्रातः काल की पावन बेला में सुप्रभातम। श्रद्धेय पिताश्री जीवन में ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाया करते थे। प्रातः काल में ईश्वर की उपासना ,भक्ति और प्रार्थना में भजन गाया करते थे। श्रद्धेय पिताश्री बताया करते थे कि जैसे सतयुग, त्रेता ,द्वापर और कलयुग चार युग हैं इसी प्रकार से एक दिन को […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

सुभाष के पराक्रम से देश आजाद हुआ था गांधी के चरखे से नहीं

कल्पना करें कि जब महात्मा गांधी की साजिश का शिकार होकर के 1939 में सुभाष चंद्र बोस को देश छोड़ने के लिए विवश कर दिया गया था। महात्मा गांधी ने तो यहां तक कह दिया था कि जब पट्टाभी सीतारामय्या कांग्रेस के अध्यक्ष पद हार गए ,यह सीतारामय्या की हार नहीं मेरी हार है। जबकि […]

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इतिहास के पन्नों से

ऋषि दयानंद, राजा जयकृष्ण दास और सत्यार्थ प्रकाश

  प्रिय आत्मन। सादर समुचित अभिवादन। सन 1874 में महर्षि दयानंद काशी में पधारे थे। उस समय मुरादाबाद निवासी श्री राजा जयकृष्ण दास सी.एस.आई. वहां के डिप्टी कलेक्टर थे ।उन्होंने महर्षि दयानंद सरस्वती से निवेदन किया कि आप के उपदेशों से जो लोग वंचित रह जाते हैं उन तक अपने विचार पहुंचाने के लिए आपको […]

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स्वास्थ्य

मानवीय स्वास्थ्य को लेकर ऐसी 100 जानकारियां जो सबके लिए हैं जरूरी

1.योग,भोग और रोग ये तीन अवस्थाएं है। 2. *लकवा* – सोडियम की कमी के कारण होता है । 3. *हाई वी पी में* – स्नान व सोने से पूर्व एक गिलास जल का सेवन करें तथा स्नान करते समय थोड़ा सा नमक पानी मे डालकर स्नान करे । 4. *लो बी पी* – सेंधा नमक […]

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आओ कुछ जाने

सृष्टि का सबसे पुराना और सबसे दूर का ब्लैक होल खोज लिया गया है

  वैज्ञानिकों को ब्रह्मांड का सबसे पुराना और सबसे दूर स्थित महाविशाल ब्लैक होल मिल गया है। इसके साथ ही पहले की थिअरी पर सवाल खड़ा हो गया है कि ये ब्लैक होल कैसे बनते हैं। वैज्ञानिकों ने धरती से सबसे दूर स्थित ब्लैक होल की खोज कर ली है। यह 13 अरब प्रकाशवर्ष दूर […]

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इतिहास के पन्नों से

इतिहास का वह अमर नायक दुल्ला भट्टी जिसकी याद में मनाई जाती है लाहिड़ी

  आज लाहिड़ी पर्व है। इस पर उसे हमारे इतिहास के एक अमर नायक का विशेष संबंध है। आइए विचार करें इतिहास के उस अभिनंदनीय व्यक्तित्व के जीवन वृत्त पर जिसने अपने सत्कार्यों के अपने काल में यश प्राप्त किया और लोगों ने उसके सत्कृत्यों का वंदन करते हुए उसे अपना पूजनीय चरित्र बना लिया। […]

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कृषि जगत राजनीति

किसान और सरकार मिलकर राष्ट्रहित में लें निर्णय

  यदि भीड़ और सभा में अंतर किया जाए तो पता चलता है कि भीड़ भावना प्रधान होती है ,जबकि सभा व्यवस्था प्रधान होती है ? व्यवस्था में सब कुछ सिस्टमैटिक होता है, जबकि भीड़ में सब कुछ अव्यवस्थित होता है । यदि एक तरफ दो-चार आदमी भागना आरंभ कर दें तो सारी भीड़ बिना […]

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विश्वगुरू के रूप में भारत वैदिक संपत्ति

चितपावन ब्राह्मणों के बारे में

  गतांक से आगे… हिंदुस्तान में आ जाने पर द्रविड़ों के साथ मेलजोल होने से उनकी गणना पच द्रविड़ो में हो गई । जहां नई बस्ती होती है, वहीं पर सब जातियों की वर्गाकार बस्ती बन सकती है ।इस तरह की पद्धतिवार बस्ती वाले गांव कोकण में ही है।इससे सिद्ध हो जाता है कि कोकणस्थ […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

गांधी जी को सत्याग्रह की प्रेरणा देने वाले विजय सिंह पथिक और भारत का क्रांतिकारी आंदोलन

अंग्रेज जितना अपनी नींव को भारतवर्ष में जमाने का प्रयास कर रहे थे उतना ही भारतीय जनता उनके खिलाफ हो रही थी। इसका प्रभाव राजपूताना क्षेत्र में नसीराबाद, देवली ,अजमेर, कोटा ,जोधपुर आदि जगह पर भी देखने को मिला था। राजपूताना में उस समय अट्ठारह रजवाड़े थे और वे सभी देशी शासक अंग्रेज राज्य के […]

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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

18 57 की क्रांति के अमर शहीद धनसिंह कोतवाल और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का क्रांतिकारी इतिहास

मेरठ की अमर क्रांति सन 1857 और कोतवाल धनसिंह चपराना गुर्जर का इतिहास 10 मई 1857 की प्रातःकालीन बेला। स्थान _मेरठ । क्रांति का प्रथम नायक _ धन सिंह चपराणा गुर्जर कोतवाल। नारा _ मारो फिरंगियों को। मेरठ में ईस्ट इंडिया कंपनी की थर्ड केवल्री की 11 और 12 वी इन्फेंट्री पोस्टेड थी ।10 मई […]

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