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आतंकवाद

पश्चिम बंगाल और केरल में है हिंदुओं के अस्तित्व को गहरा संकट

  पश्चिम बंगाल और केरल भारत के दो ऐसे राज्य है जहां वामपंथ का पिछले 60 वर्षों से वर्चस्व रहा है। यहां पहले ईसाई मिशनरियों के चलते हिन्दू आबादी में बढ़े पैमाने पर सेंधमारी हुई जिसके बाद मुस्लिम-वामपंथी गठजोड़ ने राज्य में हिन्दुओं के अस्तित्व को संकट में डाल दिया। हिन्दू संगठन और धार्मिक संस्थानों […]

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आज का चिंतन

ओम जप से बढ़ती है एकाग्रता और होता है विघ्नों का नाश

🌷ओ३म् जप से एकाग्रता और विघ्नों का नाश🌷 ‘योगदर्शन’ में तो अतिशीघ्र मन की एकाग्रता प्राप्त करने का सरल सीधा साधन ओ३म् का जप और ओ३म् के अर्थ का चिन्तन बतलाया है। ‘योगदर्शन’ के समाधिपाद में लिखा है: तज्जपस्तदर्थभावनम् । ―(योगदर्शन १ । २८ ) ‘उस ओ३म् का जप और उस ओ३म् के अर्थभूत ईश्वर […]

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इतिहास के पन्नों से भारतीय संस्कृति

वैदिक सृष्टि संवत की वैज्ञानिकता और कालगणना

  नवसंवत्सरोत्सव चैत्र सुदि’प्रतिपदा सृष्टि संवत्- 1960853122 विक्रम संवत्- 2078 और शक्संवत- 1943 के शुभ अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। आज हम विचार करेंगे कि सृष्टि के निर्माण को कितने वर्ष व्यतीत हो चुके हैं ? इसके अलावा चारों युगों की काल गणना ,आयु सीमा अर्थात् कालावधि कितनी है ? कितना समय चारों […]

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इतिहास के पन्नों से

भारत की दो वीरांगना बेटियां बेला और कल्याणी

“बेला और कल्याणी” *भारत की दो वीरांगना बेटियाँ बेला और कल्याणी कौन थी … .. बेला तो पृथ्वीराज चौहान की बेटी थी और कल्याणी जयचंद की पौत्री। मुहम्मद गोरी हमारे देश को लूटकर जब अपने वतन गया तो गजनी के सर्वोच्च काजी व गोरी के गुरु निजामुल्क ने मोहम्मद गौरी का अपने महल में स्वागत […]

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इतिहास के पन्नों से

तीन उंगली कटाकर भागा

6 अप्रैल/इतिहास-स्मृति   शिवाजी महाराज के किलों में पुणे का लाल महल बहुत महत्त्वपूर्ण था। उन्होंने बचपन का बहुत सा समय वहाँ बिताया था; पर इस समय उस पर औरंगजेब के मामा शाइस्ता खाँ का कब्जा था। उसके एक लाख सैनिक महल में अन्दर और बाहर तैनात थे; पर शिवाजी ने भी संकटों से हार […]

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इतिहास के पन्नों से

पोरस और सिकंदर के युद्ध का यह था असली परिणाम

  अजीब लगता है जबकि भारत में सिकंदर को महान कहा जाता है और उस पर गीत लिखे जाते हैं। उस पर तो फिल्में भी बनी हैं जिसमें उसे महान बताया गया और एक कहावत भी निर्मित हो गई है- ‘जो जीता वही सिकंदर’। यह कहानी है 2000 वर्ष पुरानी। तब भारत में सबसे शक्तिशाली […]

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इतिहास के पन्नों से

वैदिक संपत्ति : द्रविड़ और आर्य शास्त्र

वैदिक संपत्ति गतांक से आगे … द्रविड़ और आर्य शास्त्र पुराणों में जितने यज्ञों का वर्णन है,उन सब में यजुर्वेद से अध्वर्यु की ही योजना पाई जाती है। विष्णु और वायुपुराण के देखने से ज्ञात होता है कि, जनमेजय के दोनों यज्ञों के शल्क यजुर्वेद से अध्वर्यु की की योजना हुई थी। और धर्मराज के […]

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आज का चिंतन

राज्य, राजा और राजधानी के संदर्भ में श्रृंगी ऋषि महाराज और महानंद का संवाद

  यहां पर हम यह स्पष्ट करने का प्रयास करेंगे कि राष्ट्र का निर्माण किस प्रकार हुआ ? राष्ट्र जैसी संस्था के खड़े करने में वेद का क्या योगदान रहा ? सरस्वती जी महाराज कहते हैं कि”जब स्वयंभूव मनु महाराज ने देखा कि सृष्टि में कुछ सूक्ष्मता आ गई है और लोगों के विचारों में […]

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धर्म-अध्यात्म

क्या है शिव ,शिवलिंग और भस्मासुर का वैज्ञानिक और वैदिक सत्य ?

  मूढ जो होते हैं वह गूढ़ को न समझ कर रूढ़ की बात करते हैं। ऐसे लोगों से क्षमा चाहते हुए विचारवान विद्वान , सत्यान्वेषी, सत्यपारखी ,सत्याग्रही, लोगों के समक्ष एक प्रकरण उद्धत करना चाहूंगा। शिव किसको कहते हैं? शिवलिंग क्या है? कैलाशपति क्या है? शिव के पर्यायवाची क्या क्या हैं? शिवनाद और डमरु […]

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इतिहास के पन्नों से

महर्षि दयानंद सरस्वती कौन थे?

!!—: महर्षि दयानन्द सरस्वती कौन थे :—!!! ●एक ऐसे ब्रह्मास्त्र थे जिन्हें कोई भी पंडित,पादरी,मौलवी, अघोरी, ओझा, तान्त्रिक हरा नहीं पाया और न ही उन पर अपना कोई मंत्र,तंत्र या किसी भी प्रकार का कोई प्रभाव छोड़ पाया। ●एक ऐसा वेद का ज्ञाता जिसने सम्पूर्ण भारत वर्ष में ही नहीं अपितु पूरी दुनिया में वेद […]

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