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आज का चिंतन

आलोचना समीक्षा और निंदा के शाब्दिक अर्थ

  आलोचना ,समीक्षा और निंदा यह तीनों शब्द समानार्थक से प्रतीत होते हैं यद्यपि तीनों शब्दों में मौलिक अंतर है। तीनों शब्दों का एक विस्तृत आयाम है। एक शब्द होता है लोचन, उसी से जब ‘आ’ प्रत्यय हुआ तो वह आलोचन हो गया। लोचन का अर्थ है देखना। इसी से आलोचना शब्द की उत्पत्ति होती […]

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इतिहास के पन्नों से

अपने जीवन के अंतिम दिनों में बाबू जगजीवन राम एक बार फिर लौटना चाहते थे कांग्रेस में

  चंद्रशेखर, पूर्व प्रधानमंत्री 1980 में लोकसभा का चुनाव हुआ। बाबू जगजीवन राम पार्टी के नेता थे। जनता पार्टी के टूटने से लोगों का उससे मोहभंग हुआ और इंदिरा गांधी की वापसी निश्चित थी। बाबू जगजीवन राम को नेता बनाने के मोरारजी भाई खिलाफ थे। मैं भी उनके नाम से सहमत नहीं था। चुनाव के […]

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वैदिक संपत्ति

वैदिक संपत्ति : गतांक से आगे

गतांक से आगे… कृष्ण यजुर्वेद के तैत्तिरीय ब्राह्यण में लिखा है कि ‘वाचे पुरुषमालभते’ इस पर सायणाचार्य भाष्य करते हुए लिखते हैं कि, ‘वाग्देवतायै पुरुषं पूरकं स्थूलशरीरमित्यर्थ: अर्थात् वाणी के देवता के लिए पुरुष का वध करें। उसी में फिर लिखा है कि ‘ ब्राह्मणे ब्राह्मणमालभते’ इस पर सायणाचार्य कहते हैं कि ‘ब्राह्मणजात्याभिमानी देवसत्यस्मै कञ्चित् […]

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आतंकवाद

पश्चिम बंगाल और केरल में है हिंदुओं के अस्तित्व को गहरा संकट

  पश्चिम बंगाल और केरल भारत के दो ऐसे राज्य है जहां वामपंथ का पिछले 60 वर्षों से वर्चस्व रहा है। यहां पहले ईसाई मिशनरियों के चलते हिन्दू आबादी में बढ़े पैमाने पर सेंधमारी हुई जिसके बाद मुस्लिम-वामपंथी गठजोड़ ने राज्य में हिन्दुओं के अस्तित्व को संकट में डाल दिया। हिन्दू संगठन और धार्मिक संस्थानों […]

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आज का चिंतन

ओम जप से बढ़ती है एकाग्रता और होता है विघ्नों का नाश

🌷ओ३म् जप से एकाग्रता और विघ्नों का नाश🌷 ‘योगदर्शन’ में तो अतिशीघ्र मन की एकाग्रता प्राप्त करने का सरल सीधा साधन ओ३म् का जप और ओ३म् के अर्थ का चिन्तन बतलाया है। ‘योगदर्शन’ के समाधिपाद में लिखा है: तज्जपस्तदर्थभावनम् । ―(योगदर्शन १ । २८ ) ‘उस ओ३म् का जप और उस ओ३म् के अर्थभूत ईश्वर […]

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इतिहास के पन्नों से भारतीय संस्कृति

वैदिक सृष्टि संवत की वैज्ञानिकता और कालगणना

  नवसंवत्सरोत्सव चैत्र सुदि’प्रतिपदा सृष्टि संवत्- 1960853122 विक्रम संवत्- 2078 और शक्संवत- 1943 के शुभ अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। आज हम विचार करेंगे कि सृष्टि के निर्माण को कितने वर्ष व्यतीत हो चुके हैं ? इसके अलावा चारों युगों की काल गणना ,आयु सीमा अर्थात् कालावधि कितनी है ? कितना समय चारों […]

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इतिहास के पन्नों से

भारत की दो वीरांगना बेटियां बेला और कल्याणी

“बेला और कल्याणी” *भारत की दो वीरांगना बेटियाँ बेला और कल्याणी कौन थी … .. बेला तो पृथ्वीराज चौहान की बेटी थी और कल्याणी जयचंद की पौत्री। मुहम्मद गोरी हमारे देश को लूटकर जब अपने वतन गया तो गजनी के सर्वोच्च काजी व गोरी के गुरु निजामुल्क ने मोहम्मद गौरी का अपने महल में स्वागत […]

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इतिहास के पन्नों से

तीन उंगली कटाकर भागा

6 अप्रैल/इतिहास-स्मृति   शिवाजी महाराज के किलों में पुणे का लाल महल बहुत महत्त्वपूर्ण था। उन्होंने बचपन का बहुत सा समय वहाँ बिताया था; पर इस समय उस पर औरंगजेब के मामा शाइस्ता खाँ का कब्जा था। उसके एक लाख सैनिक महल में अन्दर और बाहर तैनात थे; पर शिवाजी ने भी संकटों से हार […]

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इतिहास के पन्नों से

पोरस और सिकंदर के युद्ध का यह था असली परिणाम

  अजीब लगता है जबकि भारत में सिकंदर को महान कहा जाता है और उस पर गीत लिखे जाते हैं। उस पर तो फिल्में भी बनी हैं जिसमें उसे महान बताया गया और एक कहावत भी निर्मित हो गई है- ‘जो जीता वही सिकंदर’। यह कहानी है 2000 वर्ष पुरानी। तब भारत में सबसे शक्तिशाली […]

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इतिहास के पन्नों से

वैदिक संपत्ति : द्रविड़ और आर्य शास्त्र

वैदिक संपत्ति गतांक से आगे … द्रविड़ और आर्य शास्त्र पुराणों में जितने यज्ञों का वर्णन है,उन सब में यजुर्वेद से अध्वर्यु की ही योजना पाई जाती है। विष्णु और वायुपुराण के देखने से ज्ञात होता है कि, जनमेजय के दोनों यज्ञों के शल्क यजुर्वेद से अध्वर्यु की की योजना हुई थी। और धर्मराज के […]

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