बहुत ही प्रसन्नता का विषय है कि हमारे देश के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी ने 9:75 करोड़ किसान भाइयों को ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ की नौवीं की किश्त जारी की है । इससे उनका वह गुण प्रकट होता है जो भारत में वैदिक परंपरा में किसी भी शासक के लिए अनिवार्य माना गया […]
लेखक: देवेंद्र सिंह आर्य
लेखक उगता भारत समाचार पत्र के चेयरमैन हैं।
गतांक से आगे… अत: आगे एक अदितीय सत् ही था , उसी से अग्नि और जल की उत्पत्ति हुई है ।इस विवाद से पाया जाता है कि उस जमाने में आत्मा, सत् और असत् पर विश्वास करने वाले तीन संप्रदाय थे।एक ब्रहृ से, दूसरा सत् से और तीसरा असत् से संसार की उत्पत्ति मानता था। […]
नए संसद भवन और सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना पर अभी तक कुल 301 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। इसमें नए संसद भवन की बिल्डिंग पर खर्च हुए 238 करोड़ जबकि 63 करोड़ रुपए विस्ता पर खर्च हुए हैं। यह जानकारी केंद्र सरकार ने बुधवार को राज्यसभा में दी। अनुमान के मुताबिक नए […]
(श्रावण मास में हमें कैसी वेद कथाओं का आयोजन करना चाहिए ? इस विषय पर हमने पिछले दिनों अपनी ओर से कुछ प्रकाश डाला था। अब इसी विषय पर ‘उगता भारत’ समाचार पत्र के चेयरमैन श्री देवेंद्र सिंह आर्य जी का यह लेख ग्रंथियों और भ्रांतियों का समाधान करने में बहुत अधिक सक्षम है। […]
(श्रावण मास में हमें कैसी वेद कथाओं का आयोजन करना चाहिए ? इस विषय पर हमने पिछले दिनों अपनी ओर से कुछ प्रकाश डाला था। अब इसी विषय पर ‘उगता भारत’ समाचार पत्र के चेयरमैन श्री देवेंद्र सिंह आर्य जी का यह लेख ग्रंथियों और भ्रांतियों का समाधान करने में बहुत अधिक सक्षम है। […]
“यदि आप लोग स्वयं सुखी होना और अपने गृहस्थ जीवन को सफल बनाना चाहते हैं, तो इन कार्यों को करते हुए अपनी संतान को भी संस्कारी बनाएं।” “अच्छे काम करने से व्यक्ति सुखी होता है, और बुरे काम करने से वह दुखी होता है।” मोटे तौर पर इस बात को सभी लोग जानते हैं। फिर […]
नई दिल्ली, एएनआइ। (यद्यपि कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष संसद की कार्यवाही को ठप्प करने पर अड़ा हुआ है। वह नहीं चाहता कि सरकार किसी भी प्रकार से देश को आगे लेकर चलने की अपनी नीतियों पर कुछ काम कर सके, परंतु इसके उपरांत भी सरकार कुछ रचनात्मक कार्य करने का प्रयास कर रही है। […]
“भूतकाल की दुखदायक घटनाओं को बार-बार याद न करें। दूसरों से आशाएं कम रखें। इससे आप सुखी रहेंगे।” कुछ काम सुख बढ़ाने वाले होते हैं, और कुछ काम दुख बढ़ाने वाले होते हैं। इसलिए हमें ऐसे काम करने होंगे, जिससे हमारा सुख बढ़े, और दुख कम हो। सुख दुख की घटनाएं सबके जीवन में होती […]
मनुष्य ब्रह्म और काया को देख अथवा समझ नहीं पाता । प्रश्न क्यों नहीं विमोचन या देख पाता? उत्तर क्योंकि शरीर में छिपा हुआ चेतन एवं विभू दिखाई नहीं देते। लेकिन चेतन चेतना करता रहता है अर्थात् चेतावनी देता रहता है ,परंतु विषय भोगों में फंसकर मनुष्य चेतावनी को अर्थात चेतन की चेतना को […]
सृष्टि के प्रारंभ में ईश्वर ने ब्रह्मा (ईश्वर की सृष्टि संरचना के ज्ञान होने के कारण उसे ब्रह्मा कहते हैं)के माध्यम से अग्नि, वायु, आदित्य , अंगिरा नामक चारों ऋषियों को ज्ञान दिया ।वेदों में ज्ञान, कर्म और उपासना (त्रिविद्या) का विस्तृत विवरण उपलब्ध है। जो मनुष्य के संसार रूपी सागर को पार करने के […]