प्रस्तुति – देवेंद्र सिंह आर्य (चेयरमैन ‘उगता भारत’ समाचार पत्र) प्राचीन भारतीय अर्थशास्त्रियों के आर्थिक विचारों से आधुनिक युग के अर्थशास्त्री सर्वथा अपरिचित से प्रतीत होते हैं। जिस एक ‘श्रम सिद्धान्त’के कारण ही ‘एडमस्मिथ’को अर्थशास्त्र का पिता कहा जाता है, वह श्रम विभाजन भी प्राचीन भारतीय आर्थिक विचारकों के लिए कोई नवीन विचार एवं नवीन […]
लेखक: देवेंद्र सिंह आर्य
लेखक उगता भारत समाचार पत्र के चेयरमैन हैं।
वैदिक संपत्ति गतांक से आगे… दो प्रकार की विद्याएं हैं,एक परा दूसरी अपरा। ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद, शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छन्द, ज्योतिष आदि अपरा विद्याए हैं और जिससे वह अक्षर प्राप्त होता है, वह परा विद्या है। इस वर्णन से ज्ञात होता है कि, वेदों में परा विद्या का वर्णन नहीं है, अर्थात वेद […]
प्रस्तुति – देवेंद्र सिंह आर्य (चेयरमैन ‘उगता भारत’ समाचार पत्र) भारत में बहुत से विवादित क्षेत्र या भू-भाग हैं। क्षेत्रीय विवाद से आशय उस क्षेत्र से है जिसके तहत भूमि के नियंत्रण या आधिपत्य को लेकर दो राज्यों, देशों के बीच विवाद हो। यह विवाद दो या अधिक देशों के बीच भी हो सकता है। […]
जिस समय दिल्ली के लाल किले पर तथाकथित किसानों ने जाकर खालिस्तानी झंडा लहराया था उसी समय यह स्पष्ट हो गया था कि यह आंदोलन देश विरोधी शक्तियों के हाथों में चला गया है। धीरे धीरे उस घटना को देश के विपक्ष ने भुलाने का प्रयास किया । विपक्ष के इस प्रयास के चलते खालिस्तानी […]
प्रस्तुति – देवेंद्र सिंह आर्य [चेयरमैन ‘उगता भारत’ समाचार पत्र] करवा चौथ की मनघड़ंत कहानी- एक धोबी की पत्नी थी दोनों पति पत्नी कपड़े धोने का काम करते और नदी में जाकर कपड़े धोते और वही सुखा के बाद में जिसके भी कपड़े होते वो घर पहुंचा देते उससे उनकी आजीविका चलती थी इस प्रकार […]
गतांक से आगे… इसके आगे लिखा है कि – तस्मादप्यद्येहाददान मश्रद्दधानमयज मानमाहुरासुरो बतेत्यसुराणां ह्मेषोपनिषत्प्रेतस्य शरीरं भिक्षया वसनेनालंकारेणेति संस्कुर्वन्त्येतेन ह्ममुं पलोंक जेष्यन्तो मन्यन्त इति॥ ( छान्दोग्य 8/8/5) अर्थात यही कारण है कि आज कल भी असुर लोग न दान में श्रद्धा रखते हैं और न यज्ञ करते हैं। लोग उनके इस ज्ञान को आसुर उपनिषद कहते […]
आज दशहरा का पावन पर्व है। इससे पूर्व 9 दिन तक देवी मां के भिन्न-भिन्न रूपों की पूजा-अर्चना और उपासना हमने की थी। इससे भी पहले 15 दिन तक श्राद्ध पक्ष हमने मनाया था। अब जानने व समझने की बात यह है कि भारतीय संस्कृति में क्या है श्राद्ध पक्ष का महत्व? क्या है दुर्गा […]
अखण्ड सनातन समिति🚩🇮🇳 १२०० वर्षीय विदेशी शासन काल में भारतीय इतिहास न केवल बुरी तरह विकृत कर दिया गया है, अपितु इसे पंगु भी बना दिया गया है। भारत की सांस्कृतिक, धार्मिक और सैनिक दिग्विजयों के अनेक महत्वपूर्ण अध्याय पूर्ण रूप से विलुप्त एवं विस्मृत हो चुके हैं। भारतीय पुराणों में दिग्विजयों के संदर्भों को […]
एक बार मैं मेरे मित्रों के साथ हिमाचल के पालमपुर से होकर ट्रेकिंग पर जा रहे थे, मार्ग में माँ भगवती ज्वालाजी का प्रसिद्ध मंदिर आता है, जोकि कांगड़ा नगर से ३० किलोमीटर दूर एक नदी के तट पर है। हमने सोचा चलो माँ भगवती के दर्शन करते हुए चलते हैं। मंदिर अति प्राचीन, और […]
स्वच्छता को लेकर महात्मा गांधी जी ने जीवन भर लोगों को प्रेरित किया। गांधी जी स्वच्छता को सामाजिक और आर्थिक उत्थान का प्रकल्प मानते थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 2014 में देश की बागडोर संभालने के साथ गांधी जयंती के अवसर पर ही स्वच्छता अभियान का शुभारंभ किया। आज पूरा देश राष्ट्रपिता महात्मा गांधी […]