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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

ऋषि दयानंद, राजा जयकृष्ण दास और सत्यार्थ प्रकाश

आज आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानंद सरस्वती जी महाराज की जयंती है। वैदिक तिथियों के अनुसार आज ही के दिन 1824 में उनका जन्म हुआ था । उनके क्रांतिकारी जीवन के अनेकों प्रसंग व प्रकरण हैं। जिन पर लिखते, सोचते और विचारते हुए अनेकों ग्रंथ तैयार हो सकते हैं। इसलिए उनके जीवन को किसी […]

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इतिहास के पन्नों से

रावण का संस्कार

वर्तमान का मैसूर राज्य प्राचीन काल में महिष्मति पुर कहा जाता था। इसी का राजा महिदंत था, जो महान चक्रवर्ती राजा था और लंका भी उसके आधीन थी। एक समय पुलस्त्य ऋषि महाराज ने महाराज शिव से निवेदन करके लंका में एक स्थान प्राप्त किया था, जो स्वर्ण का बना हुआ ग्रह था। जिसमें ऋषि […]

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इतिहास के पन्नों से

रावण महा बुद्धिमान होकर भी राक्षस क्यों था ?

यह प्रश्न विद्वानों में भी चलता है कि रावण महाबुद्धिमान होकर भी राक्षस क्यों कहा जाता है ? आज हम इसी विषय को लेकर चर्चा कर रहे हैं। रावण को दशानन कहते हैं। एक मत के अनुसार रावण का दसों दिशाओं में यश फैला हुआ था। रावण ब्राह्मण था और महाबुद्धिमान था। नाड़ी विज्ञान के […]

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इतिहास के पन्नों से

माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने सिद्ध किया है शिवाजी महाराज को गुर्जर

वीर शिरोमणि मराठा शूर शिवाजी की 392 वी जयंती पर विशेष आलेख। आज के महाराष्ट्र में नागपुर व उसके आसपास के क्षेत्र के राजा गुर्जर जाति के थे जो शिवाजी के वंशज थे। शिवाजी का गोत्र बैंसला था। जिसको आज बहुत से साथियों ने बिगाड़ करके बंसल कहने का प्रयास किया हैं। आपको गर्व की […]

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देश विदेश

आतंकवादियों से बदला लेने का तरीका सीखना होगा इजराइल की प्रधानमंत्री रहीं गोल्डा मेयर से

ऐसे लिया जाता है आतंकवाद से बदला… मोसाद टारगेट को मारने से पहले बुके भेजती थी जिसमें लिखा होता था ” ये याद दिलाने के लिए कि हम ना तो भूलते हैं ना ही माफ करते हैं” उसके बाद आतंकवादी के जिश्म में गिनकर 11 गोली दाग दी जाती थी। 75 साल की बूढ़ी महिला […]

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वैदिक संपत्ति

वैदिक सम्पत्ति : अध्याय – चितपावन और आर्यशास्त्र

गतांक से आगे… अतः हम उनमें से कुछ श्लोक यहां लिखते हैं- कौकणाश्रवित्तपूर्णास्ते चित्तपावनसंज्ञका:।ब्राह्मणेषु च सर्वेषु यतस्ते उत्तमा मता:।। एतेषां वंशजा:सर्वे विज्ञेया ब्राह्मणाःखलु।माध्यंदिनाश्रच देशस्था गौडद्रविडगुर्जरा:।। कर्णाटा तैलंगाद्यापि चित्तपूर्णस्य वंशजा।अतश्रिवत्तस्य पूर्ण यो निद्यात्तस्य क्षयो भवेत्।। अर्थात सब ब्राह्मणों में चितपावन ब्राह्मण ही श्रेष्ठ हैं।गौड़, देशस्थ, द्राविड़,गुर्जर, कर्णाटक और तेलंग आदि जितने ब्राह्मण हैं, सब चितपावनों के […]

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इतिहास के पन्नों से

आत्मदर्शी दयानन्द◼️

✍🏻 लेखक – पंडित चमूपति एम॰ए० (आर्यसमाज के अग्रिम विद्वान, चिंतक एवं लेखक पंडित चमूपति जी के जन्मदिवस 15 फरवरी 1893 को विशेष रूप से प्रकाशित) [स्वर्गीय पं० चमूपतिजी एम०ए० का यह लेख तब का लिखा हुआ है जब वे गुरुकुल काँगड़ी के मुख्याधिष्ठाता थे। यह लेख साप्ताहिक प्रकाश उर्दू और ‘आर्य मुसाफिर’ में भी […]

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इतिहास के पन्नों से

जब चौधरी चरण सिंह ने मुस्लिम विधायक से कहा था – ‘तुम कब से बहादुर हो गए …..?’

3 अप्रैल 1967 को जब चौधरी चरण सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो उस समय उत्तर प्रदेश विधानसभा में दो मुसलमान विधायक थे, एक दिन विधानसभा भवन में कमाल यूसुफ नाम के एक विधायक ने चौधरी चरण सिंह से कहा : चौधरी साहब आप केवल हिंदुओं की वोटों से ही मुख्यमंत्री नहीं बने हो, […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

भारत को गर्व है अपनी वेद विदुषी नारी अपाला पर

डाॅ. अशोक आर्य भारतीय संस्कृति महान् है, जिसने पुरुष से भी अधिक नारी को सम्मान दिया है । भारत में अनेक विदुशी नारियां हुई हैं, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में पुरुष से भी आगे बढकर कार्य किया है । जब – जब पुरुष से प्रतिस्पर्धा का समय आया , नारियों ने स्वयं को उनसे आगे सिद्ध […]

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आओ कुछ जाने

अपने 14 वर्ष के वनवास में कहां कहां रुके थे रामचंद्र जी

मूल लेखक ; अमर साहू प्रभु श्रीराम को 14 वर्ष का वनवास हुआ। इस वनवास काल में श्रीराम ने कई ऋषि-मुनियों से शिक्षा और विद्या ग्रहण की, तपस्या की और भारत के आदिवासी, वनवासी और तमाम तरह के भारतीय समाज को संगठित कर उन्हें धर्म के मार्ग पर चलाया। संपूर्ण भारत को उन्होंने एक ही […]

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