आज गणेश चतुर्थी है। मुझे नहीं पता कि इसको हम क्यों मनाते हैं। मुझे यह भी नहीं पता कि गणेश आज के दिन पैदा हुए थे। यदि किसी को जानकारी हो तो मेरा ज्ञानवर्धन करने की कृपा करें। मेरी अविद्या को दूर करने का कष्ट करें। मेरी अज्ञानता से पर्दा उठाएं। यदि कुछ साथी ये […]
Author: देवेंद्र सिंह आर्य
लेखक उगता भारत समाचार पत्र के चेयरमैन हैं।
वैदिक वांग्मय किसे कहते हैं? वैदिक वांग्मय क्या है? वेद, वेदांग, उपांग, शाखाएं, उपनिषद ,स्मृतियां क्या है? सर्वप्रथम वैदिक वांग्मय को स्पष्ट करने से पूर्व वैदिक इतिहास को समझना आवश्यक है। वैदिक ग्रंथों को समझना आवश्यक है। वैदिक वांग्मय में अगर कोई आधारभूत रचना है तो वो चार वेद हैं । चार वेद कौन-कौन से […]
(यह लेख माला हम पंडित रघुनंदन शर्मा जी की पुस्तक वैदिक सम्पत्ति नामक से अपने सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं।) प्रस्तुति -देवेंद्र सिंह आर्य चैयरमेन- ‘उगता भारत’ गतांक से आगे …. मोन का स्वरूप, स्थान और साधन मोक्ष का स्वरूप दो प्रकार का है। दुःखों से छूट जाना पहिला स्वरूप है और […]
मुक्ति की अवधि कितनी होती है?
मुक्ति की अवधि बाद में गणना करेंगे पहले युगों की गणना कर लेते हैं और युगों की आयु विचार में लेते हैं। हम सभी जानते हैं कि युग चार होते हैं। सतयुग, त्रेता, द्वापर, कलयुग । सतयुग में 17 लाख 28 हजार वर्ष होते हैं। त्रेता युग में 12 लाख 96000 वर्ष होते हैं। द्वापर […]
कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं। श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष आलेख की दूसरी किस्त गतांक से आगे। श्री कृष्ण एक कर्म योगी थे जो एक वैदिक विद्वान थे। चारों वेदों में लगभग 16000 ऋचाएं हैं। श्रीकृष्ण वेद की 16000 ऋचाओं के ज्ञाता थे। जिन्हें वास्तविक जानकारी नहीं होती है वे लोग अल्पज्ञता के कारण,व अविद्या के […]
भाग- 342 : *जाति,आयु और भोग*
(यह लेख माला हम पंडित रघुनंदन शर्मा जी की पुस्तक वैदिक सम्पत्ति नामक से अपने सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं।) प्रस्तुति -देवेंद्र सिंह आर्य चैयरमेन- ‘उगता भारत’ गतांक से आगे …. कोई 25 वर्ष की बात है कि मध्यप्रदेश की रायगढ़ रियासत में एक छोटा सा शेर का बच्चा परकड़कर आया। राजा […]
कलियुग का प्रारंभ 18 फरवरी 3102 ईसा पूर्व रात्रि के 2:27 बजकर 30 सेकंड पर हुआ था। विष्णुपुराण , हरिवंश पुराण ,श्रीमद्भागवत, एवं अन्य उपलब्ध साहित्य के अनुसार एवं प्रचलित मान्यताओं के अनुसार योगीराज कृष्णजी महाराज का जन्म 3228 ईसा पूर्व होना लिखा है। ज्ञातव्य है कि जब नौ ग्रह एक युति( एक लाइन अथवा […]
राष्ट्र महर्षि दयानंद की 200वीं जयंती बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मना रहा है। वास्तव में महर्षि दयानंद का हम पर बहुत ऋण है। हम उनके ऋण से उऋण नहीं हो सकते । मुझे विधि व्यवसाय के दृष्टिकोण से इलाहाबाद (प्रयाग) जाने का अवसर अनेक बार जीवन में प्राप्त हुआ है। मैंने भारद्वाज ऋषि का […]
श्रावणी उपाकर्म स्वाध्याय का पावन पर्व है। विद्वानों द्वारा पवित्र यज्ञोपवीत का महत्व इसी दिन को समझाया तथा बताया है। आज भी यज्ञोपवीत धारण करना बहुत आवश्यक है ।प्राचीन काल में हमारे पूर्वज यज्ञोपवीत धारण करते थे। यज्ञोपवीत की परंपरा वीर शिवाजी ने आयु पर्यंत निभाई थी। शिवाजी की भांति अनेक क्षत्रियों ने यज्ञोपवीत धारण […]
(ये लेखमाला हम पं. रघुनंदन शर्मा जी की ‘वैदिक संपत्ति’ नामक पुस्तक के आधार पर सुधि पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहें हैं) प्रस्तुतिः देवेन्द्र सिंह आर्य (चेयरमैन ‘उगता भारत’) गतांक से आगे …. इस पर प्रायः लोग कहते हैं कि यदि परमेश्वर को किसी की अकाल मृत्यु मंजूर न होती, तो वह वर्षा ऋतु […]