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महत्वपूर्ण लेख

भारत को वैश्विक मंचों पर मजबूत बनाने में बहुत कारगर रही है हमारे प्रधानमंत्रियों की सूझबूझ

 कमलेश पांडे भारत ने जहाँ रूस के साथ अपनी 74 वर्षों की भरोसेमंद मित्रता हर कसौटी पर कायम रखी, वहीं उसके सबसे प्रबल प्रतिस्पर्धी समझे गए अमेरिका से भी उसने ऐसे प्रगाढ़ सम्बन्ध बना लिए, जिसे निगलना या उगलना अब दोनों लोकतांत्रिक देशों के बस की बात भी नहीं रही। साम्यवादी सोवियत संघ यानी यूएसएसआर […]

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आज का चिंतन

शिव, शिव की पूजा और महाशिवरात्रि का क्या है रहस्य ?

( महाशिवरात्रि पर विशेष आलेख) जो मूढ होते हैं वह गूढ़ को न समझ कर रूढ़ की बात करते हैं, ऐसे मूढ लोगों से क्षमा चाहते हुए विचारवान  विद्वान , सत्यान्वेषी, सत्यपारखी  ,सत्याग्रही, लोगों के समक्ष एक प्रकरण  उद्धत करना चाहूंगा।गूढ को यदि समझ लें तो मूढ़ता, अज्ञानता , अविद्या, अविवेकता,  मूर्खता समाप्त होती है। […]

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वैदिक सम्पत्ति तृतीय खण्ड, अध्याय – चितपावन और आर्यशास्त्र

गतांक से आगे… जिस प्रकार भारत देश में श्री नामी देवी के अंशों से दुर्गा, काली, भवानी, भैरवी, चण्डी, अन्नपूर्णा और चामुण्डा आदि रूप बनाए गए हैं, उसी प्रकार मिस्र देश में भी आदिमाया इसिस के अंशों से मिनर्वा, जूनो, वेनसा,ह्वीआ, हेकेटी, डायन और ह्या आदि रूप माने जाते हैं। यहां वाले जिस प्रकार चंदन, […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

विजय सिंह पथिक और उनके साथियों ने 21 फरवरी 1915 कर दी थी देश की आजादी की तारीख तय

आज 27 फरवरी है । भारत के स्वतंत्रता संग्राम में जिन देदीप्यमान सितारों ने स्वतंत्रता संग्राम में अपने प्राणों की आहुति दी तथा भारत मां को विदेशी आक्रांताओ के जुल्म जाल से छुड़वाया ,जिन वीर सपूतों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया , ऐसे वीर शहीदों को इतिहास में वह स्थान नहीं मिल पाया जिसके कि […]

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इतिहास के पन्नों से हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

अनुपम और अनोखे ऋषि : दयानन्द सरस्वती

(फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष की दशमी की तिथि को स्वामी दयानंद की198 वी जयंती पर लेख की द्वितीय किस्त)  ” स्वामीजी महाराज पहले महापुरूष थे जो पश्चिमी देशों के मनुष्यों के गुरू कहलाये।… जिस युग में स्वामीजी हुए उससे कई वर्ष पहले से आज तक ऐसा एक ही पुरूष हुआ है जो विदेशी भाषा नहीं […]

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हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

ऋषि दयानंद, राजा जयकृष्ण दास और सत्यार्थ प्रकाश

आज आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानंद सरस्वती जी महाराज की जयंती है। वैदिक तिथियों के अनुसार आज ही के दिन 1824 में उनका जन्म हुआ था । उनके क्रांतिकारी जीवन के अनेकों प्रसंग व प्रकरण हैं। जिन पर लिखते, सोचते और विचारते हुए अनेकों ग्रंथ तैयार हो सकते हैं। इसलिए उनके जीवन को किसी […]

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इतिहास के पन्नों से

रावण का संस्कार

वर्तमान का मैसूर राज्य प्राचीन काल में महिष्मति पुर कहा जाता था। इसी का राजा महिदंत था, जो महान चक्रवर्ती राजा था और लंका भी उसके आधीन थी। एक समय पुलस्त्य ऋषि महाराज ने महाराज शिव से निवेदन करके लंका में एक स्थान प्राप्त किया था, जो स्वर्ण का बना हुआ ग्रह था। जिसमें ऋषि […]

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इतिहास के पन्नों से

रावण महा बुद्धिमान होकर भी राक्षस क्यों था ?

यह प्रश्न विद्वानों में भी चलता है कि रावण महाबुद्धिमान होकर भी राक्षस क्यों कहा जाता है ? आज हम इसी विषय को लेकर चर्चा कर रहे हैं। रावण को दशानन कहते हैं। एक मत के अनुसार रावण का दसों दिशाओं में यश फैला हुआ था। रावण ब्राह्मण था और महाबुद्धिमान था। नाड़ी विज्ञान के […]

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इतिहास के पन्नों से

माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने सिद्ध किया है शिवाजी महाराज को गुर्जर

वीर शिरोमणि मराठा शूर शिवाजी की 392 वी जयंती पर विशेष आलेख। आज के महाराष्ट्र में नागपुर व उसके आसपास के क्षेत्र के राजा गुर्जर जाति के थे जो शिवाजी के वंशज थे। शिवाजी का गोत्र बैंसला था। जिसको आज बहुत से साथियों ने बिगाड़ करके बंसल कहने का प्रयास किया हैं। आपको गर्व की […]

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देश विदेश

आतंकवादियों से बदला लेने का तरीका सीखना होगा इजराइल की प्रधानमंत्री रहीं गोल्डा मेयर से

ऐसे लिया जाता है आतंकवाद से बदला… मोसाद टारगेट को मारने से पहले बुके भेजती थी जिसमें लिखा होता था ” ये याद दिलाने के लिए कि हम ना तो भूलते हैं ना ही माफ करते हैं” उसके बाद आतंकवादी के जिश्म में गिनकर 11 गोली दाग दी जाती थी। 75 साल की बूढ़ी महिला […]

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